अनचाहे लोग
हाय रे इंसान की मजबूरियां ,
जिनसे बनाना चाहता है वोह दूरियां ।
वोह गाहे बगाहे नजरों के सामने आ ही जाते है ,
और सहनी पड़ती है अनचाही नजदीकियां ।
हाय रे इंसान की मजबूरियां ,
जिनसे बनाना चाहता है वोह दूरियां ।
वोह गाहे बगाहे नजरों के सामने आ ही जाते है ,
और सहनी पड़ती है अनचाही नजदीकियां ।