Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2022 · 1 min read

Happy republic day

गणतंत्र पर्व हम मनाते रहेंगे
तिरंगा सदैव फहराते रहेंगे।।
?
जब भी वतन को होगी जरूरत।
जान अपनी वतन पर लुटाते रहेंगे।।
?
मुल्क पर जो उठी दुश्मनों की निगाहें।
ख़ाक में उनको हम सब मिलाते रहेंगे।।
?
ना हम सिख ईसाई ना हम हिंदू मुस्लिम।
हम हैं भारतीय बताते रहेंगे।।
?
इंसानियत ही हमारा है मजहब।
विश्व को मानवता हम सिखाते रहेंगे।।
?
मरके मिल जाएंगे खाक में देश के।
तिरंगे को कफन हम बनाते रहेंगे।।
?
जान से भी है प्यारा वतन यह हमारा।
सगीर हम जहां को दिखाते रहेंगे।।
❤️❤️❤️❤️❤️
डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाज़ार बहराइच यूपी

216 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
Ranjeet kumar patre
दूध वाले हड़ताल करते हैं।
दूध वाले हड़ताल करते हैं।
शेखर सिंह
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
2698.*पूर्णिका*
2698.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लहर
लहर
Shyam Sundar Subramanian
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
Aarti sirsat
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
"जस्टिस"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष
विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*दिल का आदाब ले जाना*
*दिल का आदाब ले जाना*
sudhir kumar
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
Neelam Sharma
काफिला
काफिला
Amrita Shukla
* दिल का खाली  गराज है *
* दिल का खाली गराज है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Good morning
Good morning
Neeraj Agarwal
उनका ही बोलबाला है
उनका ही बोलबाला है
मानक लाल मनु
"स्वतंत्रता दिवस"
Slok maurya "umang"
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
उस्ताद नहीं होता
उस्ताद नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
कभी- कभी
कभी- कभी
Harish Chandra Pande
जात-पांत और ब्राह्मण / डा. अम्बेडकर
जात-पांत और ब्राह्मण / डा. अम्बेडकर
Dr MusafiR BaithA
बोलो_क्या_तुम_बोल_रहे_हो?
बोलो_क्या_तुम_बोल_रहे_हो?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
ruby kumari
ऐ ज़िन्दगी!
ऐ ज़िन्दगी!
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
■ शुभ धन-तेरस।।
■ शुभ धन-तेरस।।
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेम की कहानी
प्रेम की कहानी
Er. Sanjay Shrivastava
सीख लिया मैनै
सीख लिया मैनै
Seema gupta,Alwar
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
Surinder blackpen
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...