लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी एक विशेष कला है,जो आपक
ऐ मेरी जिंदगी
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है:—
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
दिल है पाषाण तो आँखों को रुलाएँ कैसे
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
23/30.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सांसारिक जीवन का अर्थ है अतीत और भविष्य में फंस जाना, आध्यात
sp133 मैं अज्ञानी /वामपंथी सेकुलर/ वह कलम की धार
*आओ सब जन पार्क में, करो नित्य ही योग (कुंडलिया)*