अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
बड़ा सा आँगन और गर्मी की दुपहरी मे चिट्ठी वाले बाबा (डाकिया)
आखरी है खतरे की घंटी, जीवन का सत्य समझ जाओ
8) “चन्द्रयान भारत की शान”
खबर नही है पल भर की
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
इश्क़ में ज़हर की ज़रूरत नहीं है बे यारा,
अबके रंग लगाना है
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
किसी की याद में आंसू बहाना भूल जाते हैं।
*आर्य समाज और थियोसॉफिकल सोसायटी की सहयात्रा*
फूलों के साथ महक का सच हैं।
देश का बेटा रतन टाटा तुम सा अपना फर्ज यहां कौन निभाता।