पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
कभी जब नैन मतवारे किसी से चार होते हैं
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
45...Ramal musaddas maKHbuun
अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर ...
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम हमारे नाम कर दिया
समाजों से सियासत तक पहुंची "नाता परम्परा।" आज इसके, कल उसके
इंसान एक खिलौने से ज्यादा कुछ भी नहीं,
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
*रामपुर का प्राचीनतम मंदिर ठाकुरद्वारा मंदिर (मंदिर श्री मुनीश्वर दत्त जी महाराज
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।