Ghazal song
कोई वफा नहीं है तेरी वफाओं जैसा।
नहीं सुकून तेरी जुल्फ की छांवों जैसा।
तेरे बग़ैर है खामोश जिंदगी इतनी।
सुकूत फैला है इसमें तो ख़लाओं जैसा।
किस कदर तुझ से मोअ़त्तर है दिलों की गलियां।
खुशबू आमद पर बिखरती है हवाओं जैसा।
पास रहकर भी हमेशा वह मुझे दूर लगा।
उसका अंदाजे़ तगा़फुल है ख़यालों जैसा
काश एहसास को समझे वो मुझे मिल जाए।
मेरी खा़मोश मिजा़जी हो सदाओं जैसा।
मुंतजि़र था बड़ी मुद्दत से बहारों के लिए।
फूल खिल कर भी हुआ ज़र्द खिजा़ओं जैसा।
बहुत ही सादा मिजा़जी के साथ रहता है।
बादशाह है मगर अंदाज़ गदाओं जैसा।
एक महशर सी लगे है तेरी यादों का सफर।
एक तूफान उठा दिल में हवाओं जैसा
तिशनगी इश्क़ की देखी तो “सगी़र” उसने कहा।
ज़ुल्फ ढक लेंगे तेरा चेहरा घटाओं की तरह