Gazal
ये हुनर बा कमाल देखूँ गा ।
जब वह खोलेगी बाल देखूंगा।
?
चांद से रूख पे शबनमी बूंदें ।
हुस्न मैं बे मिसाल देखूंगा ।
?
चैन मुझको नहीं जुदाई में ।
फिर भी दिल का मलाल देखूंगा।
?
लौट आया तलाश में तेरे ।
फिर नया माह ओ साल देखूंगा।
?
बदनसीबी की ना शिकायत कर।
तेरा वाजिब सवाल देखूं गा ।
?
सगीर उस पर फिदा है दिल मेरा।
क्या है उसका ख्याल देखूंगा।
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डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी
खैरा बाजार बहराइच