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11 Jun 2023 · 1 min read

G6

सपने हमने आंखों में और पुख्ता इरादा रखा है।
अपने टूटे ख्वाबों को आंखों में जिंदा रखा है।

इश्क किया तो इश्क किया नफरत की तो शिद्दत से।
मेरा जो किरदार है उसका असली चेहरा रखा है।

मेरी क़लम खरीद सकेगा ऐसा तो ज़रदार नहीं।
हमने खुद को सोच समझकर सबसे महंगा रखा है।

मुझको मिलने एक दिन साकी मेरे दर पर आएगा।
मैंने इस उम्मीद में खुद को आज तक प्यासा रखा है ।

मुझको सुकूं में देखने वाले मेरी उलझन क्या जाने?
बाहर से खुद सुलझा है पर अंदर बिखरा रखा है।

तीखी बातें, मीठा लहजा सबको ही भरमायेगा।
मेरी तीखी बातें भी है लहजा तीखा रखा है।

पांव के नीचे से दुनिया ने मेरी ज़मी को छीनी है।
अपनी जि़द है दुनिया से भी खुद को मनवा रखा है।

मंजिल तक जाने की ज़िद है, छांव सगी़र कहां ढूंढे?
हमने सूरज का ही सर पर अपने साया रखा है।

डॉक्टर सगी़र अहमद सिद्दीकी़ खै़रा बाजार बहराइच

Language: Hindi
51 Views
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