कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
किस बात की चिंता
Anamika Tiwari 'annpurna '
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
*नेता से चमचा बड़ा, चमचा आता काम (हास्य कुंडलिया)*
शीर्षक -नेकी की राह पर तू चल!
पके फलों के रूपों को देखें
जन्म-जन्म का साथ.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
चाहे हम कभी साथ हों न हो,
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया