dev ho tum danav bhi tum
देव हो तुम दानव भी तुम
सृजन की हो आस तुम
विनाश का भी भास तुम
मरण जीवन चक्र तुम
उद्धार का द्वार भी तुम
देव भी तुम दानव भी तुम
कृष्ण की हो तुम बाँसुरी
मन की तुम वृत्ति आसुरी
नेह की अनंत धार हो तुम
कुटिल चाल की मार भी तुम
देव हो तुम दानव भी तुम
नवरस का व्यापार हो तुम
बसंत व्याप्त श्रृंगार हो तुम
विपदा का अंगार भी तुम
सिंधु मंथन का उपहार भी तुम
देव हो तुम दानव भी तुम
तुम जीवन संगीत लक्ष्य का
तुम हो मृत्यु गीत यक्ष का
ढूंढ रहा है जो समाधान
मन का वो विधान भी तुम
देव हो तुम दानव भी तुम
मीनाक्षी भटनागर
स्वरचित