Dedicated to all those who live outside their home to earn t
Dedicated to all those who live outside their home to earn their livelihood, All those Migrant workers and their family members. With love
मैं पैसे कमाने आया हूँ,हाँ, मैं पैसे कमाने आया हूँ
घर का हर वो रंग रूप,माता का रोता चेहरा,
बच्चे की अद्भुत किलकारी,और अपने प्रिय की सूरत प्यारी
सब पीछे छोड़ आया हूँ,मैं पैसे कमाने आया हूँ
हाँ, मैं पैसे कमाने आया हूँ
अब आ पंहुचा एक नए शहर मे,चहल-पहल है, पहर-पहर मे
भागम-भागी, दौड़ा-दौड़ी,कही छीना-झपटी, कही माथा फोड़ी
कई प्रहर जब भटका मैं तो, मिला एक मुकाम,वो था एक छोटा सा, दस बाय दस का मकान
तब मेरे घर के आँगन ने, मुझे पलट के देखा,कुछ देर हँसा और मुझसे पूछा
क्या शिकायत मैं कर सकता हूँ ??
नहीं, क्योंकि मैं तो पैसे कमाने आया हूँ,हाँ, मैं पैसे कमाने आया हूँ
साल बढे दिन अस्त हुए, और आया कार्तिक महीना,ये बड़ा शहर सज गया कि मानो, जैसे कोई नगीना
रोशन हुई हर एक गली, और सज गए सबके द्वार,और मेरी याद मे तड़प रहा है, मेरा भी परिवार
पर क्या करूँ ?
अपने घर की रोटी कमाने आया हूँ,घर की उम्मीदों को पंख देने आया हूँ
इस बार भी दिवाली पे घर नहीं जा पाया हूँ
क्योंकि, मैं तो पैसे कमाने आया हूँ,हाँ, मैं तो पैसे कमाने आया हूँ