शुभांगी छंद
*शुभांगी छंद* मायावी मन,अति कामी तन,व्यभिचारी ज़न,दुखकारी। माया माला,गन्दा प्याला,कभी न होता,सुखकारी। मोहक वाचन,परहित याचन,दिल को छूता,उपकारी। प्रभु आराधन,शिव पीठासन,निर्मल मानस,भयहारी। देह विरागी,ज़न अनुरागी,है बड़भागी,मनहारी। पूर्ण समर्पण,भोग विकर्षण, सब कुछ...
Poetry Writing Challenge-3