Taj Mohammad Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Taj Mohammad 26 May 2024 · 1 min read मरने के बाद। ज़िंदा में ना समझें आज मैय्यत पर आके रो रहे हो। मरने के बाद मैं कैसे अच्छा हो गया जो कह रहें हो।। तुम्हारा हर अश्क जो नजरो से तुम्हारी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 86 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read कुछ परिंदें। कुछ परिंदें आपस में चह चहा रहें हैं। शायद वो इंसानों के बारें में बतला रहें हैं।। बड़ी मुश्किल से मिला है इक शजर उन्हें। जिस पर वो अपना आशियां... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 106 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read फूल अब शबनम चाहते है। जख्मों का मरहम चाहते है। तुमसा इक हमदम चाहते है।। बहुत जी लिए यूं कफस में। परिन्दे खुला अंबर चाहते है।। प्यासे आब से बड़े परेशां हैं। सेहरा में समन्दर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 112 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read उम्मीद का दामन। उम्मीद का दामन थामे थामे तमाम उम्र काट दी। पर जिंदगी की दुश्वारियां है कि जाती ही नहीं है।। हम अपने जख्मों को किसी को दिखाते नही है। पर ये... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 98 Share Taj Mohammad 23 May 2024 · 1 min read हमारा दिल। हमारा दिल हमारा साथ देता नही है। समझाया बहुत पर उनसे नफरत करता नही है।। पहले तो इसने सीने में अरमां जगायें। पर अब ये ज़ालिम उनको ही पूरा करता... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 103 Share Taj Mohammad 22 May 2024 · 1 min read हर गम दिल में समा गया है। हर गम दिल में समा गया है। जबसे वो कहकर बेवफा गया है।। यूं हमने भी ना रोका उसको। अकीदा करके दिल मेरा टूटा है।। झूठी हैं उसकी सब ही... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 97 Share Taj Mohammad 22 May 2024 · 1 min read नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है। तूफानों ने मेरा रास्ता रोका तो बहुत। पर कश्ती मेरी मकसूद ए साहिल को पा गई है।। क़िस्मत,मुकद्दर इत्तेफ़ाक है जीने में। मेहनत से हर जिन्दगी अपना मकाम पा गई... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 79 Share Taj Mohammad 19 May 2024 · 1 min read सारे निशां मिटा देते हैं। जख्म देकर खुद ही मरहम लगा देते हैं। ऐसे गुनाह करके वो सारे निशां मिटा देते हैं।। गंदगी से दिल उनका बड़ा अफरोज है। पर वुजू से खुद को पाक... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 86 Share Taj Mohammad 19 May 2024 · 1 min read हम उफ ना करेंगे। करते रहो सितम हम उफ ना करेंगे। पर गैर बनने की सोची तो चुप ना रहेंगे।। खुद से ज्यादा चाहते है हम तुमको। जरा सी नफरत तुम्हारी सह ना सकेंगे।।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 114 Share Taj Mohammad 17 May 2024 · 1 min read जिन्दगी का मामला। जिन्दगी का मामला सख्त लगता हैं। यूं सुधरने में थोडा तो वक्त लगता हैं।। ये आदत है छूटते छूटते ही जायेगी। कुछ भी छूटे जिन्दगी में दर्द होता है।। तेरे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 105 Share Taj Mohammad 14 May 2024 · 1 min read ज़माने की नजर से। ज़माने की नजर से कभी तुम ना देखना हमको। जमाना है फरेबी तुम फरेबी ना समझना हमको।। गर मौत जुदा कर दे कभी जिंदगी में हमें तुमसे। तुम सदा बद... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 83 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read अपने ही घर से बेघर हो रहे है। आज अपने ही घर से बेघर हो रहे है। वो मां बाप देखो कितना जार जार रो रहे हो।। चुन चुन कर ख्वाबों से यूं सजाया था। दीवारों दर तो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 99 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read हर किसी में आम हो गयी है। अब तो हर किसी में आम हो गयी है। देखो मोहब्बत यूँ बदनाम हो गयी है।। अमीरों के यहाँ फिरसे बाज़ार सजा। गरीब की इज्जत नीलाम हो गयी है।। वहाँ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 75 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read खुदा सा लगता है। कुछ कुछ वो मुझको खुदा सा लगता है। जो मेरी सब जरूरतों को पूरा करता है।। इत्तेफ़ाक़ से नही उसको मांगा है रब से। वो मुझको मेरी मांगी दुआ सा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 92 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read कुछ दुआ की जाए। चलो उसके लिए कुछ दुआ की जाए। शायद यूँ ही उसको शिफ़ा मिल जाए।। हो गया है वो बड़ा ही परेशान गमों से। जाने इन्ही दुआओं से अच्छा हो जाए।।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 80 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read हंसी आयी है लबों पर। बड़े दिनों बाद हंसी आयी है लबों पर। आज नज़र जो गयी उसके खतों पर।। उसकी हर एक याद बचाकर रखी है। जो परेशां करता था हमें शरारतों पर।। जाने... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 87 Share Taj Mohammad 12 May 2024 · 1 min read खर्च हो रही है ज़िन्दगी। खर्च हो रही है ज़िन्दगी उनसे इश्क़ को निभानें में। गर चाहते हो खुश रहना तो दिल ना लगाना ज़मानें में।। जी ना पाओगे तुम मोहब्बत के खुद से दूर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 85 Share Taj Mohammad 12 May 2024 · 1 min read सांसों से आईने पर क्या लिखते हो। सांसों से आईने पर क्या लिखते हो, गर है इश्क़ हमसे तो क्यों ना कहते हो। यूँ कब तक दिल को अपने रोकोगे, छोड़ हया हमसे तुम क्यों ना मिलते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 98 Share Taj Mohammad 12 May 2024 · 1 min read रोना ना तुम। रोना ना तुम जो हम कभी कफ़न में अपनें घर को आए। समझ लेना वो सब कुछ जो भी हम तुझसे ना कह पाए।। हमें माफ कर देना जो तुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 122 Share Taj Mohammad 12 May 2024 · 1 min read ज़ख़्म ही देकर जाते हो। जब भी आते हो इक ज़ख़्म ही देकर जाते हो। पर मेरे दर्द का मलहम बनके तुम कब आओगे।। आज वक्त है तुम्हारा तो तुम्हीं हुकूमत करलो। पर बदलती तो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 114 Share Taj Mohammad 11 May 2024 · 1 min read मुझे दर्द सहने की आदत हुई है। मुझे दर्द सहने की आदत हुई है। उसे इस कदर चाहने जो लगा हूं।। समझना नहीं मुझे अब किसीको। उसे इस कदर सोचने जो लगा हूं।। मांगता हूं माफी खुदा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 114 Share Taj Mohammad 10 May 2024 · 1 min read सारे ही चेहरे कातिल है। सारे ही चेहरे कातिल है। हम जाए भी तो जाए कहां।। ऐ खुदा अब तू ही बता। मुझको यूं खुशियों का पता।। कहीं हासिल ना सुकूं है। नफरत फैली है... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 89 Share Taj Mohammad 10 May 2024 · 1 min read दुनियाँ की भीड़ में। दुनियाँ की भीड़ में वह जाने कहां खो गया है। कोशिश तो बहुत की पर वह ना मिल सका है।। जाने कैसे रहेगें हम बिना उसके यूं ज़िंदगी में। फरिश्ते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 98 Share Taj Mohammad 10 May 2024 · 1 min read दुआओं में जिनको मांगा था। दुआओं में जिनको मांगा था। वही अब देखो बद्दुआ बन गए है।। दिल जिनकी इबादत करता था। वही किसी और के खुदा बन गए है।। दरख्तो से सारे परिंदे क्या... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 102 Share Taj Mohammad 10 May 2024 · 1 min read लफ्जों के सिवा। पैरहन में बहुत छेद थे उस गरीब के। वो कैसे चला जाता यूं महफिले अमीर के।। लफ्जों के सिवा ना था कुछ देने को। तोहफे में दुआएं भेजी है वास्ते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 126 Share