Dr .Shweta sood 'Madhu' Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr .Shweta sood 'Madhu' 24 May 2024 · 1 min read 25. *पलभर में* कब खुशियाँ होती है अपने बस में, छूट ही जाती है बस पलभर में। सांसें भी तो कब होती है अपने बस में, सिमट जाती है बस पलभर में। जिनके... Poetry Writing Challenge-3 2 140 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 20 May 2024 · 1 min read 24. *मेरी बेटी को मेरा संदेश* "कशिश".... भूली नहीं हूँ तुम्हें... बस अब शोर नहीं करती। तकलीफ होती है अक्सर बहुत... पर अब गौर नहीं करती। नजरें ढ़ूढ़ती हैं अब भी तुम्हें... मालूम है कि तुम...... Poetry Writing Challenge-3 3 3 78 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 19 May 2024 · 1 min read 23. *बेटी संग ख्वाबों में जी लूं* क्यूँ ना.. कुछ पल, ख्वाबों में जी लूं, कुछ पुरानी हसीन, यादों में जी लूं। छोटा सा था मेरा घर- आंगन जिसमें रही तुम कुछ वर्ष हमारे संग, पर नहीं... Poetry Writing Challenge-3 2 61 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 19 May 2024 · 1 min read 22. *कितना आसान है* कितना आसान है कहना कि खुश रहो, लेकिन नामुमकिन भी तो नहीं... गमों को भुला देना। कितना आसान है कहना कि भूल जाओ... वो सब जो बीत गया। पर असंभव... Poetry Writing Challenge-3 3 99 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 19 May 2024 · 1 min read 21. *आंसू* हर पल संग रहते ये आंसू, दिल की बात कहते ये आंसू। इन्हीं मोतियों संग खोली आंखें, अपनी चमक से जहां ... दिखाते ये आंसू। मुस्कुराहट में छिप जाते... घबराहट... Poetry Writing Challenge-3 69 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 19 May 2024 · 1 min read 20. *कैसे- कैसे रिश्तें* कौन कहता है--- 'खून के रिश्ते' ही "रिश्तें" होतें हैं! बहुत से 'अपने' ना होकर भी--- "अपने" ही होते हैं! जो 'बिन कहे' "बातें" समझते हैं--- वो "दिल" से 'रिश्तें'होतें... Poetry Writing Challenge-3 79 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 19 May 2024 · 1 min read 19. *मायके की याद* आज भी.... जब-जब... याद मायके की आई, तो न जाने क्यों मेरी... अंखियां बरबस भर आई! अब भी... याद आती है... वो गलियां, वो सखियाँ, जहाँ मैं अपना... बचपन छोड़... Poetry Writing Challenge-3 77 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 18 May 2024 · 1 min read 18. *तजुर्बा* जिंदगी की दौड़ में, तजुर्बा यही समझाता.... ये खुशी और मुस्कान, सबके हिस्से में नहीं आता। ये ऐतबार, ये प्यार और... खुशहाल परिवार, सबके हिस्से में नहीं आता। ये जमीं,... Poetry Writing Challenge-3 75 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 18 May 2024 · 1 min read 17. *मायका* बिना माँ के भी खूबसूरत मायका होता है, जहाँ बहन-भाई और भाभियों का प्यारा सा साथ होता है। उम्रदराज होने पर भी वही अहसास होता है। वहाँ जाते समय मन... Poetry Writing Challenge-3 99 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 18 May 2024 · 1 min read 16. *माँ! मुझे क्यों छोड़ गई* उम्र गुजरती गई और मैं सोचती ही रह गई, मेरी माँ, क्यूँ इतनी जल्दी मुझ से दूर चली गई। रास्तें मिलतें गयें और मैं बढ़ती गई, किस मंजिल की तलाश... Poetry Writing Challenge-3 145 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 18 May 2024 · 1 min read 15. *नाम बदला- जिंदगी बदली* नाम क्या बदला, जिंदगी ही बदल गई.. कल की 'अल्हड़' "मधु", "श्वेता"बन गई! नया घर मिला, नया पैगाम मिला... जिंदगी को एक नया मुकाम मिला! कब, कहां मिला जब-जब जो... Poetry Writing Challenge-3 40 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 18 May 2024 · 1 min read 14. *क्यूँ* एक अल्हड़ सी लड़की... जो कभी अपनी ही मस्ती में रहती है। अपनी राहें खुद ही चुनती है। हर गम को धुंए सा उड़ाती है। हर पल चिड़ियों सा चहकती... Poetry Writing Challenge-3 32 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 17 May 2024 · 1 min read 13. *फरेबी दुनिया* इस फरेबी दुनिया में... मुझे दुनियादारी नही आती। झूठ को सच साबित करने की... मुझे कलाकारी नही आती। सिर्फ मेरा ही हो सदा भला.... मुझे वो समझदारी नही आती। जुबां... Poetry Writing Challenge-3 33 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 17 May 2024 · 1 min read 12. *नारी- स्थिति* युग बदल गये, सदियां बदल रही, पर... नहीं बदली अभी नारी की परिस्थिती । यूं तो चांद पर भी पहुंच गई है नारी, पर... नारी की जिंदगी है वही चारदिवारी।... Poetry Writing Challenge-3 1 98 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 17 May 2024 · 1 min read 11. *सत्य की खोज* सत्य केवल ईश्वर है, बाकी सब तो नश्वर है। ईश्वर अनादि, अनन्त है। ईश्वर ही सर्वत्र हैं। सब देते जिन्दगी में धोखा, बस ईश्वर ही सर्वस्व है। वायु की तरह... Poetry Writing Challenge-3 1 128 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 15 May 2024 · 1 min read 10. *असम्भव नहीं कुछ* नहीं असम्भव कुछ भी... गर यत्न करे हम, मुमकिन है उड़ना बिन पंखों के भी... गर आशाओं के पंख लगा ले हम। होगा गगन भी पांवों तले... गर उड़ान भरें... Poetry Writing Challenge-3 86 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 13 May 2024 · 1 min read 9. *रोज कुछ सीख रही हूँ* जैसे-जैसे उम्र बढ़ रही है... "मधु" रोज कुछ सीख रही है। कुछ बड़ों ने सिखाया, कुछ छोटों ने, कुछ अपनों ने सिखाया, कुछ गैरों ने, किस-किस ने क्या-क्या सिखाया... ये... Poetry Writing Challenge-3 1 114 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 12 May 2024 · 1 min read 8. *माँ* कौन कहता है .... दोबारा मिलती नहीं "माँ", बहन-भाभी के रूप में.... सदा साथ रहती है " माँ "। काश! वक़्त से कुछ पल... और चुरा लेती तुम " माँ... Poetry Writing Challenge-3 72 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 12 May 2024 · 1 min read 7. *मातृ-दिवस * स्व. माँ को समर्पित 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 क्या लिखूँ तुम्हारे लिए मैं 'माँ' भूल चुकी तुम कैसी थी! अल्फ़ाज़ नहीं है लिखने को... तुम्हारी सूरत और सीरत कैसी थी। दुनिया दिखाई तुमने मुझे... दुनियादारी भी तो... Poetry Writing Challenge-3 67 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 11 May 2024 · 1 min read 6. *माता-पिता* नज़्म लिखूँ उनके लिए... जिन्होंने है मुझे लिखा। क्या चंद पंक्तियों में... मैं बयां कर पाऊँगी ! अल्फ़ाज़ नहीं मेरे शब्दकोष में... कैसे तुम्हें अलंकृत कर पाऊँगी! अपने जज़्बातों को... Poetry Writing Challenge-3 102 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 11 May 2024 · 1 min read 5. *संवेदनाएं* यह भ्रम है कि संवेदनाएं नहीं होती। गर ये नही होती तो गम और खुशी नहीं होती।। कभी संवेदनाओं से होती थकान, कभी होती धड़कने भी मद्धिम । कभी इनसे... Poetry Writing Challenge-3 84 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 10 May 2024 · 1 min read 4. *वक़्त गुजरता जाता है* यह वक़्त जिसे... दिन-रात का नाम दिया गुजरता जाता है। किसी का हंस कर गुजरता है, किसी का रोकर गुजरता है, किसी का पाकर गुजरता है, किसी का खोकर गुजरता... Poetry Writing Challenge-3 1 50 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 6 May 2024 · 1 min read 1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से* यह मुमकिन तो नहीं कि... करूँ खुद को बयां शब्दों में, लिख ना सकूंगी, एक भी लफ्ज़... सिवाय अहसासों के। झांकती हूँ जब- तब... अपने गिरेबान में खुद में ही... Poetry Writing Challenge-3 2 2 100 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 1 May 2024 · 1 min read 2. *मेरी-इच्छा* मै नही चाहती कोई 'मार्ग' अपने नाम, कि... हर कोई मुझे 'रौंदता' चला जाये। नहीं चाहती कोई भी 'भवन अपने नाम, कि... कोई भी उसमें बसर कर जाये। नहीं चाहती... Poetry Writing Challenge-3 1 104 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 1 May 2024 · 1 min read 3 *शख्सियत* चेहरे से ना पहचाने शख्सियत किसी की, अक्सर लोग मुखौटा लगाएं घूमते हैं। मुस्कुराहट से न लगाये अंदाजा खुशी का कुछ लोग गम सीने में छिपाएं घूमते हैं। आंसूओ से... Poetry Writing Challenge-3 1 121 Share