डॉ.सीमा अग्रवाल Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read नमन उस वीर को शत-शत... बिठाया है जिन्हें सिर पर, वही नीचा दिखाएंगे। दिया दिल काढ़कर जिनको, वही दिल को दुखाएंगे। भलाई का भलाई से, नहीं मिलता यहाँ बदला। जिन्हें अपना बनाओगे, वही चूना लगाएंगे।... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 3 98 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read खड़ा रेत पर नदी मुहाने... खड़ा रेत पर नदी मुहाने। गाता कोई गीत सुहाने। आह न भरता हर गम सहता, सुनता है अग - जग के ताने। धता बताकर पगला सबको, गाए खुश-खुश नेह-तराने। क्या... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 2 78 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read हम सुख़न गाते रहेंगे... तुम बुलाओ मत बुलाओ, हम मगर आते रहेंगे। सुख यही तो है हमारा, हम सुख़न गाते रहेंगे। अब न हम भी चुप रहेंगे, बात हर खुलकर कहेंगे। हर कमी हम... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 2 93 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 May 2024 · 1 min read पाँव पर जो पाँव रख... पाँव पर जो पाँव रख चलना सिखाते। हाथ में ले हाथ जो बढ़ना सिखाते। भूल वो उपकार उनके, सिर उठाते। आज हम अपने बड़ों का दिल दुखाते। माँग सब जब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 113 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 May 2024 · 1 min read जीव-जगत आधार... धरा-व्योम-जल-वायु-अग्नि हैं, जीव-जगत आधार। पंच तत्व के सुघड़ मेल से, निर्मित ये संसार। रक्खें इनको स्वच्छ सदा हम, इन पर जीवन भार। मर्म समझ ले इतना मानव, हो जाए उद्धार।... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 3 82 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 May 2024 · 1 min read माँ तेरे आँचल तले... सर पर माँ के हाथ बिन, मिले कहाँ आराम। माँ तेरे आँचल तले, मेरे चारों धाम।। जग में ऐसा कौन जो, माँ सा करे दुलार। आँसू जब-जब देखती, लेती झट... Poetry Writing Challenge-3 · दोहा · मुक्तक 2 86 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 May 2024 · 1 min read हे मात भवानी... हे मात भवानी, जग कल्यानी, शुभ गुणखानी, अंबे माँ। नित भोग लगाऊँ, मन से ध्याऊँ, तुझे रिझाऊँ, अंबे माँ। मैं पाप-पिटारी, जग की मारी, भक्त तुम्हारी, कृपा करो। मुद मंगलकारी,... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 2 96 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 11 May 2024 · 1 min read जीव-जगत आधार... धरा-व्योम-जल-वायु-अग्नि हैं, जीव-जगत आधार। पंच तत्व के सुघड़ मेल से, निर्मित ये संसार। रक्खें इनको स्वच्छ सदा हम, इन पर जीवन भार। मर्म समझ ले इतना मानव, हो जाए उद्धार।... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 89 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 May 2024 · 1 min read सज्ज अगर न आज होगा.... सज्ज अगर न आज होगा। किस तरह फिर काज होगा ? फिर घिरेगी रात काली, फिर तमस का राज होगा। सामना कर मुश्किलों का, सच ! सभी को नाज होगा।... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 82 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 May 2024 · 1 min read घटा घनघोर छाई है... घुमड़ आया मचल सावन, घटा घनघोर छाई है। सिहरते झूमते तरु भी, खुशी हर ओर छाई है। करें आगाज खुशियों का, किलक कचनार की कलियाँ, लता ओढ़े चुनर साड़ी, लजीली... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 124 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 May 2024 · 1 min read भय लगता है... हुए अचानक बदलावों से, भय लगता है। परंपराएँ युगों-युगों की, त्याग भला दें कैसे ? चिकनी नयी सड़क पर बोलो, दौड़ें सरपट कैसे ? हो जाएँगे चोटिल सचमुच, फिसले और... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 130 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read क्या यही संसार होगा... चरम पर व्यभिचार होगा? बढ़ रहा अँधियार होगा ? सात्विकता क्षीण होगी, तमस का विस्तार होगा ? गालियों से बात होगी, अस्मिता पर वार होगा ? ध्वस्त होंगीं सभ्यताएँ, मूल्य... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 108 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read हँस रहे थे कल तलक जो... हँस रहे थे कल तलक जो, आज रोते दिख रहे हैं। जोश में मय पी गए अब, होश खोते दिख रहे हैं। हर कहीं झगड़ा कराएँ, है यही बस काम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 108 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बीजः एक असीम संभावना... उठ सके अध्यात्म के शिखर तक, छुपी हैं ऐसी अनंत संभावनाएँ मनुज में। होती हैं जैसे हर बीज में वृक्ष बनने की। जरुरत है बस सम्यक् तैयारी की, समुचित खुराक,... Poetry Writing Challenge-3 · छंदमुक्त 2 94 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बस करो, कितना गिरोगे... बस करो, कितना गिरोगे ? पाप कितने सिर धरोगे ? जुल्म ढाकर निर्बलों पर, कर रहे क्यों बात खोटी ? लट्ठ ले यम आ गया तो, खींच लेगा खाल मोटी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 82 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बादलों पर घर बनाया है किसी ने... बादलों पर घर बनाया है किसी ने। चाँद को फिर घर बुलाया है किसी ने। भावना के द्वार जो गुमसुम खड़ा था, गीत वो फिर गुनगुनाया है किसी ने। आँधियों... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 84 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read आज जब वाद सब सुलझने लगे... आज जब वाद सब सुलझने लगे। बेवजह आप क्यों उलझने लगे ? शाख भी फिर लचक टूटने लगी, फूल भी जो खिले मुरझने लगे। था हमें भी कभी शौक ये... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 83 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read सूर्य तम दलकर रहेगा... सूर्य तम दलकर रहेगा। हिम जमा गलकर रहेगा। ज्ञान से अज्ञान हरने, दीप इक जल कर रहेगा। लिप्त जो मिथ्याचरण में, हाथ वो मल कर रहेगा। कुलबुलाता नित नयन में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 70 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read पढ़ो लिखो आगे बढ़ो... पढ़ो लिखो आगे बढ़ो... पढ़ो लिखो आगे बढ़ो। सोपान प्रगति के चढ़ो। कमजोरियों के अपनी, दोष न औरों पर मढ़ो। घुस रीढ़ में समाज की, डस रहीं जो कुरीतियाँ। उन्हें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 104 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read मनु-पुत्रः मनु के वंशज... मनु के वंशज ! आदि पुरुष सृष्टि के, अनंत शक्ति के स्रोत तुम हो। इकाई हो तुम पूर्ण, स्वयंभू, सक्षम सब विध, रहो न पराश्रित। समाहित हैं तुममें, समग्र शक्तियाँ,... Poetry Writing Challenge-3 · छंदमुक्त 1 100 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read मुक्तक... देह ये अवदान उसका, पुण्य जो तुमने किए हैं। पाप बढ़ता देखकर भी,होंठ क्यों तुमने सिए हैं ? चाँद तारे सूर्य नभ सर, भू नदी पर्वत घटाएँ, हैं अलौकिक नेमतें... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 81 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read फिर सुखद संसार होगा... दूर हर अँधियार होगा। फिर सुखद संसार होगा। हर खुशी निर्बाध होगी। पूर्ण मन की साध होगी। भूलवश गलती किसी से, हुई यदि एकाध होगी। शोध सारी खामियों को, मूल... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 3 120 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 May 2024 · 1 min read देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ.... देख तुम्हें जीतीं थीं अँखियाँ, रोएँ अब दिन-रैन। खटते-खटते बीती उमरिया, मिला न मन को चैन। जब से तुमसे लगन लगी थी। प्यास हृदय में जगन लगी थी। फेर लिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 85 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 May 2024 · 1 min read रास्ता तुमने दिखाया... जब थका तन हारता मन, हौसला तब-तब बढ़ाया। लक्ष्य पर नित बढ़ रही मैं, रास्ता तुमने दिखाया। बेबसी के उस प्रहर में, ढा रहा था जग कहर जब। सुर सधी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 122 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 May 2024 · 1 min read मातु शारदे करो कल्याण.... वरदा सुखदा गुणों की खान। मातु शारदे करो कल्यान। कमल आसिनी हंसवाहिनी। ज्ञानदायिनी शक्तिदायिनी। मातु शरण रह नित्य तुम्हारी, करूँ तुम्हारा धवल यशगान। सुखदायिनी माँ वरदायिनी, दे दो अपनी दया... Poetry Writing Challenge-3 2 103 Share