हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हिमांशु Kulshrestha 23 May 2024 · 1 min read अंतर्द्वंद.. इश्क़ ओ मोहब्बत के फ़साने गढ़ने जब बैठता हूँ दिल के एक कोने से मुझे सुनाई देती है, कुपोषण के शिकार शिशुओं का क्रंदन कानों में चुभती हैं अनगिनत माँओं... Poetry Writing Challenge-3 66 Share हिमांशु Kulshrestha 22 May 2024 · 1 min read याद है तुम्हे.. याद हैं तुम्हें वो लम्हे.. जब तुम होती थीं, मैं होता था, यूँ कहो कि हम होते थे कुछ वादे होते थे आँखों आँखों में बातेँ होती थीं लब ख़ामोश... Poetry Writing Challenge-3 1 46 Share हिमांशु Kulshrestha 22 May 2024 · 1 min read किताब ए दिल दिल की किताब का एक अनलिखा, कोरा वर्क हो तुम होठों से मेरे बेसबब बरसते हुए अल्फ़ाज हो तुम भरना चाहता हूँ रंग मोहब्बत की स्याही से तुम ही ख़्वाब... Poetry Writing Challenge-3 46 Share हिमांशु Kulshrestha 21 May 2024 · 1 min read रात का रक्स.. रात का रक्स बाकी है दिल को तुमसे मिलने की उम्मीद बाकी है, आसमाँ की आँखों में बन कर दिया सितारों का टिमटिमाना जारी है रक्स कर रही रोशनी चाँद... Poetry Writing Challenge-3 42 Share हिमांशु Kulshrestha 21 May 2024 · 1 min read इस अजब से माहौल में इस अजब से माहौल में भाव बिखरते जा रहे हैं शब्दों ने खो दी है अपनी चमक श्रम वीर के पसीने की बेकदरी हुई है हर युग में अफ़सोस, नर... Poetry Writing Challenge-3 55 Share हिमांशु Kulshrestha 20 May 2024 · 1 min read कोसों लंबी ख़ामोशी, कोसों लंबी ख़ामोशी, पसरी सी, लिपटी एक तन्हाई सब तो है आसपास फिर क्यों सन्नाटा कुंडली मारे बैठा है जीवन में खता क्या रही मेरी बस ये.. मैं सब का... Poetry Writing Challenge-3 1 44 Share हिमांशु Kulshrestha 19 May 2024 · 1 min read नींद, ख्वाब नींद, ख्वाब और ख्याल हर्जाई है, इनका, होना क्या और... खोना क्या.!!!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 54 Share हिमांशु Kulshrestha 18 May 2024 · 1 min read चाँद ज़मी पर.. ज़रा ठहरो तो नज़र भर के देख लूँ तुम को ज़मीन पे चांद कहाँ हर रोज उतरता है हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 87 Share हिमांशु Kulshrestha 17 May 2024 · 1 min read तुम.. आंखों में सजा कर अनगिनत सपने अपने दिल में बसाया था तुमको सपने ही तो थे.... टूटना था, टूट गए आज भी, मगर तन्हाई के लम्हों में तुम्हारा ख्याल आ... Poetry Writing Challenge-3 1 75 Share हिमांशु Kulshrestha 16 May 2024 · 1 min read तेरी यादों का बेहद जिद्दी है तेरी यादों का सिलसिला कभी पल पल तो हर पल कभी कभी हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 56 Share हिमांशु Kulshrestha 15 May 2024 · 1 min read टूट कर सदाएं भी बिलख उठीं तड़प कर मोहब्बत जो टूट गई बिखर कर हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 48 Share हिमांशु Kulshrestha 15 May 2024 · 1 min read सुनो न.. बहुत शोर करती है ख़ामोशी जब तुम ख़ामोश होती हो हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 30 Share हिमांशु Kulshrestha 14 May 2024 · 1 min read कैसे भूल जाऊँ कैसे भूल जाऊँ उस लम्हे को जब तुम ने सर रख कर मेरे कांधे पर जन्मों जन्म साथ रहने का वायदा किया था खायीं थी कसम कई कई बार कैसे... Poetry Writing Challenge-3 42 Share हिमांशु Kulshrestha 14 May 2024 · 1 min read मोहब्बत... मेरे अल्फाजों के मायने बदलते रहते हैं मोहब्बत हूँ मैं, फ़ितरत है मेरी मौसम की तरह बदलना हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 63 Share हिमांशु Kulshrestha 14 May 2024 · 1 min read तुम.. कितना भी मसरूफ क्यूँ न कर लें हम ख़ुद को हवा के झोंके सी यादें तुम्हारी चली आती हैं तन्हाइयों में मेरी सोंधी सी खुशबु तेरे बदन की महका जाती... Poetry Writing Challenge-3 37 Share हिमांशु Kulshrestha 13 May 2024 · 1 min read तेरी याद.. ख्यालों से लिपटा तेरी यादों का कोहरा, सामने रखी चाय की प्याली उस से उठता धुआं तुम्हारी यादें और.... धुंध में उभरता चेहरा तेरा!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 36 Share हिमांशु Kulshrestha 12 May 2024 · 1 min read दिल.. तड़पता भी है दिल तो कभी बहकता भी है दिल तुझ को क्यों खुदा समझता है ये दिल महक महक उठती हैं साँसे धड़क उठता है दिल समेटना चाहे तुझे... Poetry Writing Challenge-3 52 Share हिमांशु Kulshrestha 11 May 2024 · 1 min read जिंदगी जिंदगी एक अनवरत, अविरल सफ़र कभी आशा, आकांक्षा के दीयों से रौशन कभी टूटी ख्वाहिशों के अँधेरों से घिरी कभी बुझी राख सी, कभी मचलती आग सी उल्लासित छोटी छोटी... Poetry Writing Challenge-3 40 Share हिमांशु Kulshrestha 11 May 2024 · 1 min read मैं तुम्हें यूँ ही मैं तुम्हें यूँ ही प्यार नहीं करता... मेरे हर दिन का उजाला हो तुम मेरी हर रात की चाँदनी मेरे जज्बातों का नूर हो तुम तुम से ही तो है... Poetry Writing Challenge-3 1 38 Share हिमांशु Kulshrestha 10 May 2024 · 1 min read क्या करोगे.. ख़बर है तुम्हारी नाराज़गी की ए हुज़ूर ग़र ये रात आखिरी हुई हमारी तो क्या करोगे, जब हम ही ना रहेंगे तब नाराज़गी का क्या करोगे ... हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 39 Share हिमांशु Kulshrestha 10 May 2024 · 1 min read कशमकश.. बड़ी अजीब सी कशमकश से रूबरू हूँ मैं अल्फाजों में ही बस समेट दूँ तुमको या फिर रूह में अपनी उतार लूँ मैं हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 49 Share हिमांशु Kulshrestha 9 May 2024 · 1 min read ज़िद.. कितनी मासूम सी ज़िद थी उनकी इश्क़ तो करो उनसे पर, उम्मीद ए वफ़ा नहीं हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 1 89 Share हिमांशु Kulshrestha 8 May 2024 · 1 min read सुकून.. किस क़दर सुकून है तन्हा रह जाने में न फ़िक्र किसी की, न अहसान न दिल के टूट जाने का डर!!!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-3 47 Share हिमांशु Kulshrestha 7 May 2024 · 1 min read लिखूँगा तुम्हें.. मैं लिखूंगा तुम्हें और बेहिसाब लिखूंगा महज चंद अशआर नहीं पूरा एक दीवान लिखूंगा तुम जो ये सोचती हो कि भूल जाऊंगा मैं महज एक वहम है तुम्हारा बेहद चाहा... Poetry Writing Challenge-3 1 53 Share हिमांशु Kulshrestha 6 May 2024 · 1 min read प्रणय गीत अपनी कलम से उकेर कर कागज पर दिल उतार देना, मधुर प्रेम की स्याही से अपने भर कर रंग अनूठे जज़्बातों को संवार देना. विरह के गीतों को अपनी देह... Poetry Writing Challenge-3 1 48 Share