Dr. Bharati Varma Bourai Poetry Writing Challenge-3 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Bharati Varma Bourai 13 May 2024 · 1 min read दहलीज़ - दहलीज़ ————- सुनो लड़कियों! जब भी कभी कोई दिल में उतर जाये कोई प्यारा सा मन को भा जाये जब भी कभी मन में बजने लगे संगीत कोई जब... Poetry Writing Challenge-3 1 77 Share Dr. Bharati Varma Bourai 13 May 2024 · 1 min read बदली परिस्थितियों में २- बदली परिस्थितियों में जब होता है प्रेम बदले-बदले लगते हैं दिन-रात संसार का कण-कण प्रेममय लगता है हर ओर बिखरी दिखाई देती हैं प्रेम कविताएँ अकारण मुस्कुराने तो कभी... Poetry Writing Challenge-3 1 63 Share Dr. Bharati Varma Bourai 13 May 2024 · 1 min read दो कुर्सियाँ दो कुर्सियाँ माँ के ड्रॉइंगरूम में सोफों के साथ मेज के दूसरी ओर दो कुर्सियाँ रहती थीं जिन पर मैं और माँ बैठ कर चाय पीते हुए दुनिया-जहान की बातें... Poetry Writing Challenge-3 1 66 Share Dr. Bharati Varma Bourai 13 May 2024 · 1 min read आयेगा कोई आयेगा कोई प्रेम में घर से भागी हुई लड़कियों के मन सूख जाते हैं नहीं मिलता विश्वास जहाँ मन का सब बेखौफ कह सकें नहीं मिलता कोई कंधा जिस पर... Poetry Writing Challenge-3 1 91 Share Dr. Bharati Varma Bourai 8 May 2024 · 1 min read सर्वोत्तम उपाय सर्वोत्तम उपाय समय के खेल निराले बहुत हैं समझ नहीं आते हर किसी को पकड़ना चाहे कोई इसे आता नहीं हाथ आसानी से किसी के भी साथ चलना है इसके... Poetry Writing Challenge-3 1 146 Share Dr. Bharati Varma Bourai 6 May 2024 · 1 min read भूख भूख •••• ये भूख कराती अपराध धर्म-अधर्म बनता दनुज है निकृष्ट मनुज। •••• है ज्ञान अथाह क्षुधापूर्ति नहीं संभव बिना परिश्रम करो मिटेंगे भ्रम। •••• ना भूख देखती दिन-रात लगती... Poetry Writing Challenge-3 1 69 Share Dr. Bharati Varma Bourai 6 May 2024 · 1 min read गुरु गुरु ——— गुरु कहो ब्रह्म कहो सदा हिय धार रहो हरि ओम् बोल कर प्रीत राग गाइये वाणी कबीर की सुनो वाणी जायसी की गुनो स्वयं समझ कर ही सबको... Poetry Writing Challenge-3 84 Share Dr. Bharati Varma Bourai 6 May 2024 · 1 min read द्वार पर द्वार पर..... ————- देहरी पर दीप बाले द्वार पर कब से खड़ी मैं पर तुम कहाँ हो साँवरे! दीप ये बुझने न पाए एक पल भी बिन गँवाए हवा से... Poetry Writing Challenge-3 63 Share Dr. Bharati Varma Bourai 4 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी ज़िन्दगी ————— समय कितना भी बुरा हो ज़िन्दगी हाथ थाम ही लेती है सुख-दुख धूप-छाया की तरह हैं बता कर छाया के हटते ही धूप में भी चलना सिखा ही... Poetry Writing Challenge-3 85 Share Dr. Bharati Varma Bourai 4 May 2024 · 1 min read रक्षाबंधन रक्षाबंधन ~~~~~~~ कच्चे धागों में बँधा अटूट अनमोल रिश्ता है मन की आवाज पर एकदूजे हेतु दौड़े जाते हैं, बचपन बीतता नोकझोंक छोटी लड़ाइयों में सयाने होते ही बहन-भाई रक्षाकवच... Poetry Writing Challenge-3 1 65 Share Dr. Bharati Varma Bourai 4 May 2024 · 1 min read आओ बैठो पास हमारे आओ बैठो पास हमारे रूठना कैसा साथी अब आओ बैठो पास हमारे देखेंगे हम एक दूजे को हुआ अंधेरा दीया बारें रूप यौवन चार दिनों का हम प्रेम पर दिल... Poetry Writing Challenge-3 75 Share Dr. Bharati Varma Bourai 4 May 2024 · 1 min read कोरी किताब कोरी किताब एक कोरी किताब बन कर प्रकृति के निकट जाना मौन होकर उसके संगीत को गहनता से अनुभव करना उससे एकाग्रचित्त हो देर तक संवाद करते रहना अनुभव के... Poetry Writing Challenge-3 45 Share Dr. Bharati Varma Bourai 4 May 2024 · 1 min read बिटिया बिटिया! बिटिया! सुनना सबकी सुन कर गुनना भी पर करना वही जो तुम्हें स्व विवेक से उचित लगे, किसी के भी अधूरे सपनों को पूरा करने का भार कभी अपने... Poetry Writing Challenge-3 61 Share Dr. Bharati Varma Bourai 4 May 2024 · 1 min read घर घर कहते रहे सब सुनती रही लड़कियाँ ये पिता का घर ये पति का घर ये बेटे का घर, नहीं दिखा कभी उन्हें किसी माँ का घर किसी पत्नी का... Poetry Writing Challenge-3 40 Share Dr. Bharati Varma Bourai 4 May 2024 · 1 min read आदमी आदमी ———- अच्छे बुरे का जाल बुन रहा है आदमी अपने बुने जाल में फँस रहा है आदमी उजले कामों से ही डर रहा है आदमी धड़ल्ले से काले तो... Poetry Writing Challenge-3 2 50 Share Dr. Bharati Varma Bourai 3 May 2024 · 1 min read जीवन संगीत अधूरा जीवन संगीत अधूरा ———————- जिस दिन तुम सरहद पर बलिदान हुए थे आतंकी गोली से प्रण लिया तभी था मैंने शेष रहे स्वप्नों में मैं स्वयं रंग भरूँगी जो काम... Poetry Writing Challenge-3 1 1 84 Share Dr. Bharati Varma Bourai 3 May 2024 · 1 min read साधना साधना करें नित सेवा हम सेवा भाव गुने हम कहें न किसी से कुछ यही तो है साधना। मन द्वेष करे नहीं मन प्रेम करे यहीं कहे न कड़वे बोल... Poetry Writing Challenge-3 2 60 Share Dr. Bharati Varma Bourai 3 May 2024 · 1 min read अच्छा लगता है अच्छा लगता है ———— बार- बार बहुत कुछ करना अच्छा लगता है अब यह मत पूछना क्या अच्छा लगता है माँ-पापा के लिखे पत्रों को पढ़ कर उनमें उनके होने... Poetry Writing Challenge-3 1 67 Share Dr. Bharati Varma Bourai 2 May 2024 · 1 min read जैसे-तैसे जैसे-तैसे ———— इन रपटीली और पथरीली कंटकाकीर्ण राहों में मैं चल लूँगा जैसे-तैसे मेरे कान्हा! जो हर पल हर पग साथ मिलेगा मुझे तुम्हारा...! लड़ जाऊँगा हर बाधा से दो-दो... Poetry Writing Challenge-3 2 48 Share Dr. Bharati Varma Bourai 2 May 2024 · 1 min read छड़ी छड़ी ——- आता है जीवन में एक समय ऐसा भी होते असमर्थ चल सकने में भी...! अच्छे भाग्य वाले पाते हैं सेवा परिवारजनों की...!! कुछ ऐसे जिन्हें न मिलते अपने... Poetry Writing Challenge-3 2 64 Share Dr. Bharati Varma Bourai 2 May 2024 · 1 min read देखो तो सही देखो तो सही सुनो! हम होकर भी तुम बुनते रहे मैं का ताना-बाना और मैं पढ़ाती रही तुम्हें हम बुनने का ताना-बाना दुनियादारी में उलझे नहीं सीखे पढ़ना ना छोड़ा... Poetry Writing Challenge-3 1 40 Share Dr. Bharati Varma Bourai 2 May 2024 · 1 min read सोच बदलें सोच बदलें झुग्गी-झोंपड़ियों के आपस में लड़ाई-झगड़ा करते खेल में समय बिताते रात को अपने शराबी पिता से पिटते-कुटते बच्चे, कूड़े के लगे ढेरों में से प्लास्टिक, पन्नी,काँच बीनते जिन्हें... Poetry Writing Challenge-3 1 42 Share Dr. Bharati Varma Bourai 2 May 2024 · 1 min read श्रमिक श्रमिक ——— १•••• हाँ बना श्रमिक अनपढ़ आज व्यथित छोड़ महानगर जाता अपने गाँव। २•••• ये दुष्ट आपदा छीन रही सुख आराम नहीं है विश्राम काम मिलता नहीं। ३•••• है... Poetry Writing Challenge-3 50 Share Dr. Bharati Varma Bourai 2 May 2024 · 1 min read जय श्री राम! जय श्री राम! चिर प्रतीक्षित आया दुर्लभ क्षण लौटे अपने धाम जय श्री राम! जय श्री राम! बलिदानियों का बलिदान हुआ सफल कठिन तप का आज मिला सुफल संघर्षों पर... Poetry Writing Challenge-3 1 37 Share Dr. Bharati Varma Bourai 2 May 2024 · 1 min read किताबें किताबें किताबों से प्रेम मुझे विरासत में मिला अपने पिता से इस प्रेम में किताबें कभी लड़ीं सखियों की तरह कभी झुँझलाई मुझ पर उन्हें जहाँ-तहाँ रख देने पर कभी... Poetry Writing Challenge-3 49 Share