Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

दो कुर्सियाँ

दो कुर्सियाँ

माँ के
ड्रॉइंगरूम में
सोफों के साथ
मेज के दूसरी ओर
दो कुर्सियाँ रहती थीं
जिन पर
मैं और माँ बैठ कर
चाय पीते हुए
दुनिया-जहान की
बातें किया करते थे,
सोफों पर बैठना
हमें दोनों को ही भाता न था
कुर्सियों पर पीठ सटा कर
बैठने का आनंद ही
कुछ अलग सा था,
माँ-पापा के जाने के बाद
अब वे दोनों कुर्सियाँ
मेरे ड्रॉइंगरूम में रखी हुई हैं
शाम की चाय
मैं इन्हीं पर बैठ कर पीती हूँ
तब धीरे से आकर
माँ भी दूसरी कुर्सी पर
बैठ जाती है
तब हम हँसते-खिलखिलाते हैं
अपना सुख-दुख बाँटते हैं
सोफे पर बैठे पिता
हमें बातों में लीन देख मुस्कुराते रहते हैं
फिर दोनों अपने धाम लौट जाते हैं।

#डॉभारतीवर्माबौड़ाई

1 Like · 23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Bharati Varma Bourai
View all
You may also like:
नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में,
नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में,
Sahil Ahmad
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
पत्नी   से   पंगा   लिया, समझो   बेड़ा  गर्क ।
पत्नी से पंगा लिया, समझो बेड़ा गर्क ।
sushil sarna
*बादलों से घिरा, दिन है ज्यों रात है (मुक्तक)*
*बादलों से घिरा, दिन है ज्यों रात है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
Chunnu Lal Gupta
" छोटा सिक्का"
Dr Meenu Poonia
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
उफ़ ये कैसा असर दिल पे सरकार का
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
*मायूस चेहरा*
*मायूस चेहरा*
Harminder Kaur
अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फैलुन / फ़अलुन बह्र - रमल मुसद्दस मख़्बून महज़ूफ़ो मक़़्तअ
अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फैलुन / फ़अलुन बह्र - रमल मुसद्दस मख़्बून महज़ूफ़ो मक़़्तअ
Neelam Sharma
3428⚘ *पूर्णिका* ⚘
3428⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
VINOD CHAUHAN
लालटेन-छाप
लालटेन-छाप
*प्रणय प्रभात*
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
gurudeenverma198
सीख
सीख
Dr.Pratibha Prakash
हमराही
हमराही
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
अगर कोई आपको गलत समझ कर
अगर कोई आपको गलत समझ कर
ruby kumari
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दूरदर्शिता~
दूरदर्शिता~
दिनेश एल० "जैहिंद"
ज़िंदगी खुद ब खुद
ज़िंदगी खुद ब खुद
Dr fauzia Naseem shad
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
Rituraj shivem verma
अगर आपके पैकेट में पैसा हो तो दोस्ती और रिश्तेदारी ये दोनों
अगर आपके पैकेट में पैसा हो तो दोस्ती और रिश्तेदारी ये दोनों
Dr. Man Mohan Krishna
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
Phool gufran
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेवफा
बेवफा
Neeraj Agarwal
समरसता की दृष्टि रखिए
समरसता की दृष्टि रखिए
Dinesh Kumar Gangwar
गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर लेना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर लेना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
Paras Nath Jha
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
Atul "Krishn"
"अतीत"
Dr. Kishan tandon kranti
सही पंथ पर चले जो
सही पंथ पर चले जो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Neet aspirant suicide in Kota.....
Neet aspirant suicide in Kota.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...