Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 30 Next Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक प्रथम् अरूणोदय अर्घ्य से अंबर जहाँ प्रफुल्लित होता है, नमन हे ! भारत भूमि तेरा सौंदर्य देख देव हर्षित होता है, नित नूतन अवतरण ले ईश्वर मेरे देश में रमण... Poetry Writing Challenge-2 51 Share Jyoti Roshni 17 Feb 2024 · 1 min read तेरा तस्वीर लगाना अच्छा लगा... ये तेरा तस्वीर लगाना अच्छा लगा जिसके हम है दीवाने, चांद भी है उसका दीवाना, अच्छा लगा। जब भी हमने सोचा कि कह देंगे दिल की बात, तेरा मुझको बातों... Poetry Writing Challenge-2 110 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read हायकू हो जाते हैं चार लोग इकठ्ठे क्या है मसला?? रंगत लाये खुशबू मन भाये वो है केसर!! वो जब आये रंक राजा कहाये दौलत नशा!! सांझ के बाद आसमान हो... Poetry Writing Challenge-2 121 Share Jyoti Roshni 17 Feb 2024 · 1 min read जा चला जा दिसंबर.... जा चला जा ए दिसंबर ले जा उदासियां हमारी आ जा ए जनवरी तू ले आ खुशियां सारी। न हो किसी की भी आंखे नम कभी हो बस हंसी की... Poetry Writing Challenge-2 58 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read मध्यम मार्ग गाँव में पला-बढ़ा गाँव की बोली भाषा जानने वाला गाँव की सभ्यता-संस्कृति जीने वाला निःस्वार्थ आस्था रखने वाला शाश्वत प्रेम में यकीन रखने वाला सदैव एकता व अखंडता की पाठ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 135 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read साथी अब कुछ लोगों से ताल्लुकात तोड़ना चाहता हूं, क्योंकि मैंने कभी भी सूरत का नहीं सिरत का साथी बनना स्वीकार किया। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 49 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read हायकू बूंदे गिरती, बनकर ज्यौं मोती, धरा प्रसन्न!!.... मधुर स्वर, मधुकर की गूंज, पल्लव हर्षे!!..... ओस की बूंद, आनंदित पादप, मिली खुशियां!!.... सींचते जल, तरू खींचते मन, प्रकृति नमः!!..... तरू तरसा,... Poetry Writing Challenge-2 61 Share Jyoti Roshni 17 Feb 2024 · 1 min read हमको लगता है बेवफाई से डर.... हमको इश्क में लगता है बेवफाई से डर कहीं वो खेल न रहे हो मेरे जज्बातों से लगता है हमको रुसवाई से डर। भूले से भी याद न आए वो... Poetry Writing Challenge-2 160 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read कुंडलियां साल दिसंबर गर्भ से, उदय हुआ नव वर्ष। नवल भामिनी जनवरी, आई लेकर हर्ष।। आई लेकर हर्ष, ऋचा शुभ नव्य नवेली। लाई है उत्कर्ष, हवाएँ ऋतुज सहेली।। कहती तोषी बात,... Poetry Writing Challenge-2 113 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read कैद परिंदें पिंजरें में कैद परिंदों को दाना-पानी मिलता है इसका मतलब ये तो नहीं कि उनको उड़ना पसंद नहीं। ऊँची उड़ान का मज़ा कैसा होता है!.. ये आकाश में उड़ते उस... Poetry Writing Challenge-2 75 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read तोटक छंद सबकी अपनी-अपनी करनी, सबकी अपनी-अपनी भरनी। किसने किसको कितना समझा, उतना विरथा भ्रम में उलझा। अपनेपन का दिखता तन जो, वह भीतर से कपटी मन हो। शुभ दीपक जो जलता... Poetry Writing Challenge-2 59 Share Santosh Soni 17 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल ताल-बेताल से निभाती हूँ, मैं वो नादां जहां से आती हूँ। है ख्यालों के सब परिंदें जो, आज उनको चलो उड़ाती हूँ। क़ायदे छोड़ मन चला अपनी, वो जो राहें... Poetry Writing Challenge-2 68 Share भवेश 17 Feb 2024 · 1 min read परीक्षा है सर पर..! कमर कस रहा हूं, सवालों में फस रहा हूं, परीक्षा है सर पर, ना जाने क्यों हस रहा हूं, हर सवाल कर रहा प्रहार, पर है विश्वास, करूंगा संहार, उम्मीदों... Poetry Writing Challenge-2 · BHU Student Poetry · कविता · परीक्षा · बाल कविता 1 152 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read पूजा पूजा वीणा दायिनी , नमन करे संसार । उर नवल ज्ञान दायिनी , बुद्धि देती अपार ।। बुद्धि देती अपार ,जग माता पद्मासना । शारदे हंस वाहिनी , वर दे... Poetry Writing Challenge-2 135 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read ईश्वर ईश्वर के अनेकों रुप हैं, मैंने अपने ईश्वर को उन शख़्सों में देखा है, जो मुझसे प्रेम करते हैं। आप मुझसे प्रेम करते हैं? क्या कहा, हॉं फिर आप मेरे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 52 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read तबीयत तबीयत कितनी भी खराब हो जब स्पर्श मिलता है किसी अपने की हथेलियों का, रोम रोम पुलकित हो उठता है और वह हल्का सा मुलायम स्पर्श संचारित हो जाता है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 69 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read पृथ्वी की परिधि किसी प्रेमी से पूछेंगे पृथ्वी की परिधि, तो वह बताएगा मेरे महबूब के बालियों की परिधि से कम है, पृथ्वी की परिधि। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 119 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read तुम्हारा नाम लोग अक्सर तुम्हारे नाम से बुलाया करते हैं मुझे, कहीं तुम्हारा नाम मेरे नाम का पर्यायवाची तो नहीं। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 69 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 17 Feb 2024 · 1 min read దేవత స్వరూపం గో మాత దేవత స్వరూపం గో మాత అమృతం పంచె గో మాత సకల దేవతల రూపం గో మాత శాంతి తత్వం, ప్రశాంత స్వరూపం. అందరికీ ఆయువు పంచె గోమాత అందరికి ఆరోగ్యాన్ని పంచె గోమాత దేవుడిచ్చిన గొప్ప వరం గోమాత భగవంతుడు... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 169 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 17 Feb 2024 · 1 min read రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే రామ భజే శ్రీ రామ భజే సుమిత్రా పుత్ర రామ భజే. కృష్ణ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే దేవకి నందన కృష్ణ భజే హనుమ భజే శ్రీ హనుమ భజే. అంజని పుత్ర హనుమ భజే. గణేశ భజే శ్రీ... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 113 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read आत्महत्या किसी के आत्महत्या की खबर देखता हूं, तो मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लगता है, एक पवित्र, निर्मल हृदय को इस पत्थरीली दुनिया और पत्थरीले लोगों से मुक्ति मिल गयी,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 62 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read एकाधिकार तुम्हें देख कर आता है मेरे मन में एक ख़्याल - और इस ख़्याल से पनपी कविताओं पर एकाधिकार तुम्हारा है। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 102 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 17 Feb 2024 · 1 min read అదే శ్రీ రామ ధ్యానము... వెయ్యి ఖగుడు ల ఆ ద్యుతి.. రజని దరి చేరలేదు ఆ రోచనిని... మదువు ను మించిన తీపి ఈ సారఘము... ఔధస్యము కంటే తెలుపు ఈ సుధ.. అదే శ్రీ రామ నామము... అదే శ్రీ రామ ధ్యానము... రచన... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 138 Share VEDANTA PATEL 17 Feb 2024 · 1 min read *** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! *** """ माँ...! तेरी रचना का ही... मैं एक आकार हूँ...! तेरी अतुल्य ममता में ही पल्लवित... मैं एक अलंकार हूँ...! तेरी अक्षुण्ण गोद में आकर, मन पुलकित और... तन चंचल... Poetry Writing Challenge-2 118 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read चूड़ी यदि प्रेम रस तथा श्रृंगार रस के काव्य इतिहास में कभी यह प्रश्न उत्पन्न हुआ कि "चूड़ियों का वास्तविक रंग कैसा होता है" तो मेरा यह उत्तर होगा कि "माँ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 111 Share डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय' 17 Feb 2024 · 1 min read రామయ్య మా రామయ్య సత్య ధర్మ రక్షకుడు రామయ్య మా రామయ్య. పితృ వాక్య పరిపాలకుడు రామయ్య మా రామయ్య మిత్ర ధర్మ రక్షకుడు రామయ్య మా రామయ్య సహన గుణ శాంతుడు రామయ్య మా రామయ్య శత్రు వినాశనుడు రామయ్య మా రామయ్య సకల... Poetry Writing Challenge-2 · కవిత్వం 127 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read सूरजमुखी क्या सूरजमुखी ने सूरज को बताया कभी कि वह उसे देख झूम उठता है और बस उसी को देखता है। उसके डूब जाने के बाद मुरझा जाता है वह स्वयं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 129 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read इल्ज़ाम अब अक्सर नींद नही आती है रातों में, बहुत परेशान और उलझा हुआ सा महसूस करता हूँ खुद को। इस रिश्ते-नाते के चक्रव्यूह में, ठगा-ठगा सा महसूस करता हूँ मैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 60 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read मौन जब किसी शख़्स को पहली दफ़ा ज़ख़्म मिले तो, चीखता-चिल्लाता है, दूसरी बार रोता-कराहता है, धीरे-धीरे जब ज़ख़्मों का आदि हो जाता है तब हर ज़ख़्म के साथ वह पहले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 50 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read कितने धीमे से कितने धीमे से अलग हुए हम... जैसे धान कुटाई के पश्चात चावल सा गिरा मैं भूसे सी उड़ती तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 60 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read वक्त हमसे अधिक परिपूर्ण इस धरती पर कोई चीज़ नहीं है। यहां कुछ अधूरा है तो वो है "वक्त" वक्त अपने अधूरेपन को पूर्ण करने के लिए छीनता रहता है हमसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 62 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read चाय क्या तुम्हें याद है, वो चाय वाली शाम ? शायद नही ! पर उस शाम का पल-पल मेरे जेहन में बसा हुआ है। जब भी कही भी, कभी भी चाय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 67 Share पूर्वार्थ 17 Feb 2024 · 1 min read संग और साथ संग तुम्हारे एक ख्वाब पिरोया है डूबकर तुममें खुद को खोया हैं तुम्हारे गोद में सर रखकर खुद को सुलाया हैं हर वजूद में तुम्हारा ही मुझपर साया हैं....! प्यार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 107 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 Feb 2024 · 1 min read नशा छोडो नशा छोडो नशा त्याग दो भैया बहना ।जीवन लाभ निरोगी रहना ।। पीते खाते बीड़ी जर्दा।गल जाता तालू मुँह पर्दा ।। नशा करें जो भाँग गुडाकू।स्वास्थ्य नाश करते बन ड़ाकू।।... Poetry Writing Challenge-2 126 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 Feb 2024 · 1 min read जिन्दगी जिन्दगी जिन्दगी कल भी थी,जिन्दगी आज भी है । जिन्दगी कल भी रहेगी ,निश्चित नहीं है । जिन्दगी दिखती भी है ,अदृश्य भी है । यह तन रहे या न... Poetry Writing Challenge-2 63 Share Vandna Thakur 17 Feb 2024 · 1 min read सर्दियों की धूप सर्दी एक मौसम नहीं एहसास है , जंग है कोहरे और धुंध के बीच का पत्तों, पहाड़ो पर जमी ठंडी बर्फ का, सर्द हवा में सूरज भी ठिठुरता और छिप... Poetry Writing Challenge-2 · Motivational Poems · Poem 1 115 Share Mukesh Kumar Sonkar 17 Feb 2024 · 1 min read तुम्हें प्यार करते हैं "तुम्हें प्यार करते हैं" तुम्हें प्यार करते हैं करते रहेंगे, दिल बनके दिल में धड़कते रहेंगे...... अगर मैं मर गया मेरी रूह भी आया करेगी, नाम तुम्हारा लेकर गीत प्यार... Poetry Writing Challenge-2 · Love Poetry · इश्क मोहब्बत · कविता · प्यार प्रेम · प्रेम कविता 1 145 Share Mukesh Kumar Sonkar 17 Feb 2024 · 1 min read पाश्चात्यता की होड़ "पाश्चात्यता की होड़" छोड़कर अपने रीति रिवाज और धार्मिक परंपराएं, संस्कृति पर हावी होने लगी हैं पाश्चात्य सभ्यताएं। बड़े बुजुर्गों के बनाए हुए सारे कायदे और उसूल, आधुनिकता की दौड़... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · पाश्चात्य संस्कृति · पाश्चात्यता की होड़ · भारतीय संस्कृति · युवा पीढ़ी 1 246 Share Mukesh Kumar Sonkar 17 Feb 2024 · 1 min read मैं नारी हूं "मैं नारी हूं" पुरुषों के समाज में अबला कहलाने वाली बेचारी हूं, सब कुछ सहकर चुपचाप आंसू बहाने वाली मैं नारी हूं। पुरुष को जन्म देने से मरण तक देती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नारी का दर्द · नारी व्यथा · नारी शक्ति · स्त्री 1 163 Share Mukesh Kumar Sonkar 17 Feb 2024 · 1 min read कुछ पल अपने लिए "कुछ पल अपने लिए" बीत रही जिन्दगी सारी दूसरों की सोचकर, अब तलक कभी जिया नहीं अपने लिए। सोचता हूं जरा इस जिन्दगी को रोककर, मैं भी निकालूं इसमें से... Poetry Writing Challenge-2 · आज के जीवन की भागदौड़ · कविता · कुछ पल अपने लिए · ज़िन्दगी · जीवन यात्रा 1 105 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 17 Feb 2024 · 1 min read रामलला फिर आएंगे # रामलला फिर आएंगे # बहुत समय से आस लगी थी रामलला कब आएंगे फिर विराजेंगे धाम में अपने फिर विराजेंगे धाम में अपने हम सब का मान बढ़ाएंगे रामलाल... Poetry Writing Challenge-2 51 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 17 Feb 2024 · 2 min read *काल क्रिया* Dr Arun kumar shastri एक अबोध बालक 0 अरुण अतृप्त * काल क्रिया * मेरा अनुभव मेरे प्रारबधिक अनुशासन की सीमाओं से सीमित हैं । अनुशंसा की रेखाओं से घिरे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 129 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 17 Feb 2024 · 1 min read मैं अलहड सा वक्त दे पाया दुनियां को एक दिन किताबों से निकलकर । सोचा था दुनियाँ खूबसूरत होगी मेरे अलहड से वक्त पर ।।1।। लोग खूबसूरत थे, दिख रहे थे चन्द पैसों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर · संस्मरण 1 94 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 17 Feb 2024 · 2 min read *उदघोष* उदघोष डॉ अरुण कुमार शास्त्री, एक अबोध बालक ?अरुण अतृप्त आईना हूँ ठोकर से टूट जाऊंगा ।। बिखरा जो एक बार जुड़ न पाऊँगा।। मुझसे मेरे बजूद के मानी न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 133 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 17 Feb 2024 · 1 min read भारत का कण–कण कहां गए वो अभिमान हमारे कहां विलुप्त हो गए हैं घर ।। जिनकी कथाओं से गर्वित होता था भारत का कण–कण ।।1।। यहां सीता की कथाओं ने यहां मीरा की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · बाल कविता 1 157 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 17 Feb 2024 · 2 min read *तपन* डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक- अरुण अतृप्त *तपन* मन आज कल किसी का खुश कहां है ? जैसे तैसे जीने का बस एक बहाना हुआ है ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 111 Share प्रकाश जुयाल 'मुकेश' 17 Feb 2024 · 1 min read यौवन का चिन्तन करती यौवन का चिन्तन करती आज दशों दिशाएं भी ।। उत्कृष्ट राष्ट्र को जीवित रखती ज्ञान यज्ञ की शाला ही ।।1।। उठता रहे सूरज का तप भी ज्वलित रहे चेतना सब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 55 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read जीवन है ये छोटा सा जीवन है ये छोटा सा, काम कर लो खत्म सभी । मृत्यु का कुछ पता नहीं , कल हो या फिर हो अभी । जीवन है ये छोटा सा, काम... Poetry Writing Challenge-2 102 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन के वो दिन वो दिन भी क्या दिन थे, जब धूप हमें छाँव लगती थी । खाली पेट भी जो होते हम, तब भी हमें फुर्ती लगती थी । बचपन के वो दिन... Poetry Writing Challenge-2 · Kavita 1 99 Share प्रदीप कुमार गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read फितरत की कहानी वक़्त बदल जाता है बदल जाते हैं मौसम, बदलाव के साथ चलती है ये कुदरत। नहीं बदलती है कभी पर वो, जो है इंसान की फितरत। फितरत इंसान की परछाई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 170 Share Previous Page 30 Next