Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read पोलियो अभियान सुनो बूंद पोलियों के यह गुण बख्शे जीवन बच्चे का, इससे करें परहेज अगर अंग अपाहिज हो उन बच्चों का, पोलियो जैसी बीमारी से सब बच्चे लाचार बने, रगड़ रगड़... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 98 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read जब हमे मिली आजादी भारत ने झेली बहुत गुलामी, लूट मुगलों ने की सरदारी, फिर अंग्रेजो ने एक जाल बिछाया, बना कंपनी व्यापार बढ़ाया।। फूट डाल, भारत को दास बनाया, देसी राज्य हड़पकर, ब्रिटिश... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read शहीदी दिवस की गोष्ठी कल तक खड़ी थी यहां जो प्रतिमा, धूल अटी सी सूखी सी आत्मा, सजावट कर इनको निखारा है ऐसा, लदी फूलों की बेलों का नजारा है जैसा।। नेता अफसर और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 68 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read अब मैं बस रुकना चाहता हूं। अब मैं बस रुकना चाहता हूं। भटक रहा था जो अब तक मैं। अब बस ठहरना चाहता हूं। थका नहीं हूं अभी भी मैं, कुछ अधूरा सा है। जिसे पूरा... Poetry Writing Challenge-2 · 7kavita · Hindi · कविता 169 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read परिवार नियोजन महंगाई का संकट से इतना दुखित देश अब सारा है। सुरसा दानव् बनकर इसने अपना रूप पसारा है।। प्लाट मकानो के तो सपने जनता के सब टूट गए । नेता,बिल्डर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 70 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read मधुर बरसात घमस तपस मौसम में छाई, ठन्डे झोंको से चली पुरवाई, शुरू हो गई अब देखो बरसात, तप्ती गर्मी से मिली निजात, नभ में भूरे काले बादल, कभी बौछारें, कभी रिमझिम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 69 Share अनुराग दीक्षित 22 Feb 2024 · 1 min read पग पग दीप करे उजियारा। पग पग दीप करे उजियारा, दूर तिमिर अज्ञान रहे कृपा करें माँ कमला सब पर भरा अन्न भंडार रहे पावन होवे मानस सबका निज मर्यादा मान रहे। पग पग दीप... Poetry Writing Challenge-2 187 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read सरिता मंजिल बहती रही है युग युग से जितने, तेरे किनारे नापे केवट ने उतने, देखा नहीं तेरा स्रोत है कहां, ऊंचे पर्वतों को चीरती आई है यहां, कहीं झील ही बनी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 56 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read मन का मेल मेरे मन का तुम्हारे मन से जब मेल होगा। तब शायद तुम्हे मुझसे प्रेम होगा।। मैं तब तक तुम्हारा मन नही पढ़ पाऊंगा। इजाजत नहीं होगी , दहलीज कैसे आऊंगा।।... Poetry Writing Challenge-2 · 7kavita · कविता 96 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read स्वस्थ समाज उठ जाओ मेरे लाल नींद से सारे बच्चे जाग गए, भोर भई है हवा सुहानी तारे सारे भाग गए। रात का राजा चंद छुप गया, दिन का सूरज जागा है,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read माया के मधुपाश माया के मधु पाश में, फंसते जो भी लोग। तजकर जीवन लक्ष्य सत,करें गलत उपयोग। करें गलत उपयोग,दर्प में फूले रहते। लेकर खोखल नाव,झूठ की धारा बहते। जीवन कर बेकार,बचाते... Poetry Writing Challenge-2 2 153 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 22 Feb 2024 · 1 min read मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम् मेरी प्यारी सी बच्ची, पहले बसंत की प्रतीक्षा में, लेटी हुई एक खाट पर मेरे घर के आँगन में। प्रकृति की पवित्र प्रतिकृति एकदम शान्त, एकदम निर्दोष अवतरित मेरे घर... Poetry Writing Challenge-2 · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · दीपक नील पदम् · दीपक नीलपदम · दीपकनीलपदम् · नील पदम् की कवितायेँ 2 115 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read अतिशय इच्छा अर्थ की अतिशय इच्छा अर्थ की, लाती हृदय विकार। मानव पकड़े पथ गलत,करता नहीं विचार। करता नहीं विचार,अर्थ लख बढ़ता जाता। त्याग प्रेम का भाव,दर्प उर को है भाता। पकड़े रहते झूठ,सत्यता... Poetry Writing Challenge-2 1 87 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read झुलसता जीवन मई जून की तपती गर्मी, गरम-गरम लू चले बेशर्मी, सूरज चढ़ा सातवें आकासा, जंगल,जीव,जंतु,जन प्यासा। दिन रात झुलसते सब जग जीवन, दौड़ रहे हैं छाया ढूंढन। पैदल दौड़े ले ले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 73 Share PRATIK JANGID 22 Feb 2024 · 1 min read मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे… मुझे फुरसत से मिलना है तुमसे… जल्दबाजी में अक्सर गलतियां करता हु मैं। यूं तो बहुत बोलता हूँ मैं, बस एक तेरे सामने ही चुप रहता हूँ मैं। अब कोई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 81 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read मातु शारदे मातु शारदे वंदना,करता जग है आज। रखकर माता सत कृपा,रखना सुंदर साज। रहता सुंदर साज,सोच उत्तम बन जाती। हो विद्या शृंगार,बुद्धि नव ऊर्जा पाती। विनय करे नित ओम,मातु उत्तम विचार... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read याद तुम्हारी आती रही आज भी है और कल भी रही थी, याद तुम्हारे दिल में छिपी थी, हंसते रहे या रोते रहे, खाते रहे या पीते रहे, याद जुबान पे आती रही, याद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read मदिरा चर्चा में सुना तुमको जैसी, दुकानों में साथी तुम ऐसी, तुझे मिलने को मन बना लिया, तेरा इधर-उधर से पता लगा लिया। जहाँ भरी हुई एक महफिल थी, तू गले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 77 Share अनुराग दीक्षित 22 Feb 2024 · 1 min read ये दुनियां दोधारी तलवार। ये दुनियां दोधारी तलवार। मीठी मीठी बनकर करती, बड़े चाव से प्यार, पीछे-पीछे करती देखो छल से वार हजार, समझ न आवे दुनियांदारी क्या है ये करतार। ये दुनियां दोधारी... Poetry Writing Challenge-2 109 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read भारत जनता उर बसे भ भारत जनता उर बसे,महाबली हनुमान। रक्षित भारत मम रहे,रचते उचित विधान। रचते उचित विधान,वीरता उर में भरते। लख के जिसको शत्रु,हृदय में अतिशय डरते। नहीं कभी बर्दाश्त,किसी की यहाँ... Poetry Writing Challenge-2 1 52 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read पूनम का चांद काबिल हर दीदार के तो, दीदार करू क्यूं ना। पूनम की प्यारी चांदनी हो, फिर प्यार करु क्यूं ना ।। तुझे निहार के मै जितना, अंग अंग ही मुस्काता ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 64 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 22 Feb 2024 · 1 min read प्रश्न - दीपक नीलपदम् एक सूना साज़, एक कोरा कैनवास, और एक सुमन सुगंध रहित; कुल जमा यही संपत्ति है हमारे पास । क्या तुम इस साज़ पर, मधुर संगीत बजा सकते हो? उकेर... Poetry Writing Challenge-2 · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · दीपक नील पदम् · दीपक नीलपदम · दीपकनीलपदम् · नील पदम् की कवितायेँ 1 4 125 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read हठधर्मिता से रखिए दूरी प्राणी हठ धर्मी बनकर के, कष्ट बहुत है जग में पाता। सोच नियत तब उसकी होती, भाव धैर्य का है घट जाता।। हर इक प्राणी को ब्रह्मा ने, सोच समझ... Poetry Writing Challenge-2 1 52 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read साँची सीख फूला फलता हो भले बुढ़ापा, कोई ना देखा दुनिया मे सुखी। ऐसे मद मे रंगा ज़माना, देख के मन मेरा भी दुखी।। पहले लूटा हमने ही बचपन, बदले में जग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 50 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read देख परीक्षा पास में देख परीक्षा पास में,अचरज में कुछ बाल। अब ऐसा मैं क्या करूं,बने उचित मम ढाल।। कठिन परीक्षा लग रही,कैसे हो यह पार। रखकर पुस्तक सामने,करता करुण पुकार।। शिक्षण का था... Poetry Writing Challenge-2 1 59 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read भोर में योग बीती रात समय बेला है, जाग उठो सब जागन हारे, भानु उदय होने वाला है, छिप गये सब चाँदऔर तारे।। नींद मे जो तू पड़ा रहेगा, दिव्य सपन तुझे घेरेंगे,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 62 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read परी छाया तेरे नैन विचारे कैसे है, अफ़सोस कटारे जैसे है। जब-जब सम्मुख ये आते है, जलते अंगारे जैसे है।। तेरी कोमल सी काया, लिए शीतल सी छाया, जहाँ लदे सितारे है,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 85 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read शरद सुहानी शिशिर ऋतू अब आ ही गई तो इससे मुँह को ढकना क्यूं । अब ओखल मे सिर रख दिया तो मूसल से फिर डरना क्यूं ।। धूल रहित और आद्र... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read अतिशय माया के चक्कर में अतिशय माया के चक्कर में, व्यर्थ कर्म में सब डट गए। बातों के ही जमा खर्च में, जीवन के पन्ने पलट गए। सोच समझ कर ब्रह्मा जी ने, मानव रचना... Poetry Writing Challenge-2 1 133 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read गुरु गुरु कुछ ही गुज़री है उम्र जीवन का सार अभी बाकी है । संवारा है कितनो का भविष्य ना जाने कितनो को सन्मार्ग दिखाना अभी बाकी है । हर कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 98 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read ज्ञान दायिनी ज्ञान दायिनी पाप नाशिनी भक्तों की हो भाग्य विधाता। जग जननी अरु जग की पालक नाम शारदे तेरा माता।। तुम हो स्वर की देवी माता, संगीत सदा तुझमें बसता। तेरी... Poetry Writing Challenge-2 1 71 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read कट ले भव जल पाप उठ मन कट ले,तू भव-जल पाप। जन्म-जन्म से सोता आया,जाग सके अब जाग ।। कितनी योनि झेली तूने,खाने ओर सोने मे, समझ न आई उस दाता की,पाप कर्म बोने मे,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 64 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 22 Feb 2024 · 1 min read तुम - दीपक नीलपदम् तुम हो सुगंधि मेरे जीवन के पुष्प की, वीणा सा साज हो, मेरे मन के संगीत की, उछाह हो लहरों की, प्रीत के समुद्र की, झनकार घुंघरुओं की, नीरवता के... Poetry Writing Challenge-2 · दीपक कुमार श्रीवास्तव नील पदम् · दीपक नील पदम् · दीपक नीलपदम · दीपकनीलपदम् · नील पदम् की कवितायेँ 2 187 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read शिर्डी साईं मैं आई आई आई, तेरे द्वारे साई आई , तेरे नाम की चिठियां पाई, मैं आई आई आई, मैं आई आई आई, तेरे द्वारे साई आई, भक्तो से तेरा नाम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 119 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read पावन अपने गांव की पावन अपने गांव हैं, रखें प्रदूषण दूर। सीमित साधन हों भले,प्राण वायु भरपूर।। बरगद पीपल नीम अरु,हरे भरे सब वृक्ष। प्राण वायु देते सुखद,जग हित का यह पक्ष।। उत्तम औषधि... Poetry Writing Challenge-2 1 78 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read जल स्रोतों का संरक्षण जल स्रोत अनेक बने हैं बेशक इनमें काफी नस्तूर हुए, सागर,झीले,ग्लेशियर,वर्षा,सरिता,कुए सभी बदसूर हुए। आबादी बड़ी और उपवन कट गए, जंगल रेगिस्तान हुए, हरी-भरी कृषि के फॉर्म दबकर शेहरिस्तान हुए।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 80 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read मीठी वाणी मीठी वाणी रिश्ते जोड़े। कर्कश वाणी रिश्ते तोड़े।। मीठी वाणी प्रेम बढ़ाती। कर्कश वाणी क्रोध दिलाती।। मीठी वाणी सुख की दाता। मानव सब कुछ इससे पाता।। कर्कश वाणी कष्ट बढ़ाए।... Poetry Writing Challenge-2 1 182 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read अनुपम पल्लव प्रेम का अनुपम पल्लव प्रेम का, बसता हिय दरबार। समझे मानव सार जब,बदले निज व्यवहार। बदले निज व्यवहार,करे जीवों की सेवा। लखकर ऐसे भाव,रहें हर्षित सब देवा। प्रेम हृदय का साज, कुटिलता... Poetry Writing Challenge-2 1 63 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read मानव जीवन लक्ष्य क्या मानव जीवन लक्ष्य क्या, आओ समझें आज। दान पुण्य अरु ज्ञान सत,जीवन का मधु साज। जीवन का मधु साज,अहिंसा को हम मानें। दया भावना संग, कर्म नीति को पहचानें। द्वेष... Poetry Writing Challenge-2 1 77 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read प्यार लुटाती प्रेमिका प्यार लुटाती प्रेमिका,करती मधु व्यवहार। कुछ तो करतीं प्यार सत,कुछ मांगे गल हार।। प्रेमी से प्यारा लगे,स्वर्ण धातु का हार। मिलता यदि नहि हार तो, करती हैं दुत्कार।। कलियुग की... Poetry Writing Challenge-2 1 74 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read बदला मौसम मान बदला मौसम मान है,रखें सभी हम ध्यान। सोच समझ त्यागें सदा,सर्दी के परिधान।। गर्म वस्त्र के त्याग में,करिए सोच विचार। स्थिति मौसम लखकर सदा,करो उचित व्यवहार।। जल्दी होती है बुरी,लाती... Poetry Writing Challenge-2 1 68 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read पावन हो नव वर्ष पावन हो नववर्ष यह,सुंदर हो सब साज। हर्षित हो सारा जगत, सुफलित हो हर काज। सुफलित हो हर काज,रहे रक्षित हर काया। सत श्रद्धा भर भाव, सुशोभित हो मानव मन।... Poetry Writing Challenge-2 1 105 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read भोले बाबा है नमन भोले बाबा है नमन,करिए कृपा अपार। नवल वर्ष के क्षण सभी,मिले आपका प्यार। मिले आपका प्यार,बहे खुशियों की गंगा। हर उर हो अनुराग,रहे तन मन जग चंगा। विनय करे नित... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read राम नाम की गूंज से राम नाम की गूंज से,छाया अतिशय हर्ष। धर्म सनातन कह रहा,जय जय भारत वर्ष।। धर्म सनातन सीख मधु,रहे मनुज उर हर्ष। उत्तम करते कर्म जो,होता तत उत्कर्ष।। धर्म सनातन संग... Poetry Writing Challenge-2 1 59 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read रूप मनोहर श्री राम का रूप मनोहर राम का,करिए सभी प्रणाम। जीवन में हो प्रभु कृपा, सुफलित हो हर काम।। घर घर आए राम हैं,सुंदर बना विधान। सत्य कर्म करते रहो,यही राम सम्मान।। कलियुग का... Poetry Writing Challenge-2 1 104 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read आए निज घर श्री राम आए निज घर रघुवर राजा। करने को सब सुंदर काजा।। राम राज फिर से आएगा। द्वेष दर्प जग मिट जायेगा।। धर्म सनातन फिर छाएगा। उचित पंथ मानव पाएगा।। लोभ अर्थ... Poetry Writing Challenge-2 1 81 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read केवट और श्री राम केवट बोला भक्ति से,सुनिए श्रीवर राम। धन्य हुआ मम जन्म अब, आए श्री मम धाम।। आए श्री मम धाम, पार गंगा को करने। जाना वन को आज,कष्ट भक्तों के हरने।... Poetry Writing Challenge-2 1 67 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read हठ धर्मी बनाना हठ धर्मी बनना मनुज, समझो एक विकार। कुंठित होती सोच है,उपजे कटु व्यवहार।। मानव तजकर सत्य को,करता बहु अभिमान। कर्म स्वयं के सत समझ,तोड़े उचित विधान।। राम चरित मानस लिखा,... Poetry Writing Challenge-2 1 89 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read सूप नखा का लंका पहुंचना रावण बहना भाग कर,पहुंची भ्राता पास। नाक हमारी कट गई,करो भ्रात विश्वास।। दशरथ नंदन राम से, माँगा था कुछ प्यार। गरिमा मेरी चीर कर,किया राम इनकार।। बोले मुझसे प्रेम से,जाओ... Poetry Writing Challenge-2 1 96 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read सजाए हुए हूँ माथे पर छलावा उठाए हुए हूँ l उजाले को फिर भी जिलाए हुए हूँ l पल लौट कर वही आ रहा है जिसे मुश्किल से बिताए हुए हूँ l एक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 103 Share Previous Page 2 Next