Madhavi Srivastava Poetry Writing Challenge-2 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhavi Srivastava 21 Feb 2024 · 1 min read #उम्र# यूं इश्क में एक उम्र गुज़री तन्हा मन परिंदा बारहा उड़ता रहा तन्हा, उम्र जब ढलने लगी , तो पंख मिले अरमानों को जिंदगी के फलसफे समझ आने लगे रफ्ता-रफ्ता,... Poetry Writing Challenge-2 1 103 Share Madhavi Srivastava 21 Feb 2024 · 1 min read #घर की तख्ती# बदल दो अब इस घर की तख्ती, जो हमेशा से घर के स्वामी की, नाम और पहचान बताती रही है पर, अब समय और पहचान , दोनों ही बदल गए... Poetry Writing Challenge-2 166 Share Madhavi Srivastava 21 Feb 2024 · 1 min read # पिता# पिता, एक दरख्त की छांव के मानिंद, परिश्रम और अनुशासन का पर्याय, नारियल की सतह जैसा कठोर,पर अंदर से कोमल और ममत्व भरा दिल, क्या बच्चे देख पाते हैं? आकाश... Poetry Writing Challenge-2 152 Share Madhavi Srivastava 21 Feb 2024 · 1 min read #मां# मां तुम हो तो आंगन में धूप का बिछौना है, तुम्हारा रजकण ही हमारा दिठौना है, तुम्हारी पूजा-आरती, धूप अगरबत्ती की खुश्बू से घर गंगाजल सा पवित्र है, तुलसी का... Poetry Writing Challenge-2 114 Share Madhavi Srivastava 21 Feb 2024 · 1 min read #नवांकुर# ख्वाहिश की गीली मिट्टी में एक बीज प्यार का रोपा था भावों के अंकुर फूटे तब जब अंदर से कुछ टूटा था दो अंजुरी प्यार की बारिश से नव प्राण... Poetry Writing Challenge-2 98 Share Madhavi Srivastava 21 Feb 2024 · 1 min read #शिकायत# सुनकर मेरी बात, रखेंगे आप भी इतेफाक हमसे मेरे सच से अक्सर , लोग रूठते हैं बेवजह हमसे, समझौता झूठ से किया नहीं कभी, बस इसी एक ऐब से लोग... Poetry Writing Challenge-2 1 91 Share Madhavi Srivastava 21 Feb 2024 · 1 min read #लफ़्ज# ये धड़कनें आजकल शोर करती हैं बहुत कभी-कभी जी करता है लफ्जों के होंठ सी दूं, चली थी हिसाब करने, उन मुलाकातों का जो शौक-ए-राह में, चल के कदम-दो-कदम न... Poetry Writing Challenge-2 88 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #वासंती बयार# इठलाती, मदमाती आई सखि ऋतु वसंत बौराई कलियों पर छाया तरूणाई का रंग , वासंती चुनर ओढ़े, प्रकृति की निखरी छटा लहराती पवन चली, सुरभित है दिग-दिगंत। गूंज उठी अमराई,... Poetry Writing Challenge-2 1 109 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #मेरी डायरी# कुछ पन्ने पलटे आज डायरी के कुछ फलसफे मिले जिंदगी के, कुछ लम्हे बचपन के निकले और कुछ बेपरवाह नादानियों के, कहीं कुछ मखमली सी यादें थी तो कुछ रेशम... Poetry Writing Challenge-2 1 101 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #शबाब हुस्न का# तेरी हर अदा, जैसे लचकते फूलों की डालियां, तेरे महकते गेसुओं की लटें जैसे सावन की काली घटाएं तेरे सुर्ख लबों पर ये तबस्सुम जैसे आफताब की रोशनी तेरे पायल... Poetry Writing Challenge-2 1 60 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read # वो खत# तुम्हारा खत और वो कार्ड आज भी मेरी डायरी में महफूज़ है खुशनुमा यादों के साथ जो तुमने मुझे पहली बार भेजा था, कैसे भूल सकती हूं तुम्हारे भेजे उस... Poetry Writing Challenge-2 61 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #कस्मे-वादें # कोई सागर इन आंखों में आता नहीं कोई नज़ारा इन आंखों को भाता नहीं, दुनिया के मेले में मिले तो कई रहगुजर कोई बढ़ के हाथ थाम ले,ऐसा नज़र आता... Poetry Writing Challenge-2 121 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #घरौंदा# आंखों में बसा एक सपना जो कभी बंद पलकों में बुना था, चाहा था एक ऐसा घरौंदा बनाना जिसमें दिलों की बंद खिड़कियां, किसी की गुनगुनाहट से खुलती हों, जहां... Poetry Writing Challenge-2 49 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #हौसले# इस रंग बदलती दुनिया में, कुछ यूं भी करना पड़ता है, रंजो-गम लाख हों ,झूठी मुस्कुराहटों का लबादा ओढ़ना पड़ता है, जिंदगी तेरी हर अदा से वाकि़फ हैं कुछ इस... Poetry Writing Challenge-2 1 69 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read वसंत गीत है वसंत का ऋतुओं के कंत का, बौराई अमराई, झूमने लगा है मन, प्रकृति ने रचा रास, मन में बाजे मृदंग, कर सिंगार रितुराज ,दहका है पीत रंग, ओढ़... Poetry Writing Challenge-2 39 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #वो अजनबी# ये शहर बहुत अजनबी लगता था तेरे बिना पर ,तुझसे मिलकर, ये मौसम गुलाबी हो गया, जब भी गुज़री कोई शाम तेरे साए में ऐसा लगा, समां फिर से गुलज़ार... Poetry Writing Challenge-2 63 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #स्याह-सफेद# इस बदरंग दुनिया में स्याह-सफेद मत देखिए, बिकते रिश्तों के संसार में पैसों पर बिछी शह और मात देखिए, इस दुनिया में कब, कौन किसी का हुआ अब तो बस... Poetry Writing Challenge-2 124 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #ख्वाहिशें # ख्वाहिशों का जिक्र तो बस इतना था, हसरतें बेशुमार थीं, पर तू कहां अपना था, इक अधूरी सी तमन्ना लिए जीती रही कुछ यूं, जब भी तू मिले, बस मेरा... Poetry Writing Challenge-2 55 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read # चांदनी# ऐ चांद, तेरे नूर से नहाई शफ्फाक़ चांदनी, जब हर रात अपनी अदा बिखेरती है, कहीं ना कहीं हर आशिक़ को तुझसे रश्क़ तो जरूर होता होगा. सितारों की इस... Poetry Writing Challenge-2 57 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #एक गुनाह# बात जब उसूलों की हो तो कोई अपनी मर्जी चलाए कैसे? मुस्कान झूठी और लफ्ज़ किताबी हों तो कोई किसी शख़्स अपना बनाए कैसे? ख्याल और जज़्बात बेमानी हो जहां... Poetry Writing Challenge-2 58 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read आशा का सवेरा निराशाओं के भंवर से ही भोर का उजियारा जनमता, लहरों से लड़कर ही हर मौज को किनारा है मिलता, प्रकृति के कण-कण में बिखरे हैं, खुशियों के धवल मोती, मगर... Poetry Writing Challenge-2 59 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #नज़र # वो जो चाहिए थी मुझको, वो एक नज़र थी तुम्हारी, तुम नज़र भर देखते, और इक नज़र से संवर जाते हम, पर, तुमसे ये भी न हुआ कि तुम ये... Poetry Writing Challenge-2 46 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read #हिचकी# तुम्हें याद हो न कि न याद हो मुझे याद सब है जरा-जरा..... मैं भूलना भी चाहूं तो तेरी यादों पर है, हिचकियों का पहरा, तेरी बेवफाई का गम अब... Poetry Writing Challenge-2 1 52 Share Madhavi Srivastava 20 Feb 2024 · 1 min read मेरी कमाई कमाई मेरी ऐसी नहीं कि रुपैया मेरी जेब में खनकता हो, पर, हां, मेरी चौखट पर कदम रखते ही तुम्हें मिलेगा प्यार, आदर और सत्कार, गद्दे भले मखमली न होंगे... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share