जाके हॄदय में राम बसे
जाके हॄदय में राम बसे नेह संपत्ति रत्नाकर जसे सुंदर,मनोहर रूप तब लयो सुख,प्रमोद,उल्लास ते दयो। मनभावन रमणीक दिखलाये ले जानकी संग प्रभु आये दमके भाल प्रखर उजियारा दीपक, ज्योति,रविकर...
Poetry Writing Challenge-2 · Poetry Writing Challenge