Dr fauzia Naseem shad Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr fauzia Naseem shad 31 Jan 2024 · 1 min read अधिकार जताना व्यर्थ है बिना कारण तेरा अनुमान लगाना । तेरा कर्म है जीवन को केवल श्रेष्ठ बनाना ।। नैतिक नहीं कदापि यह व्यभिचार है तेरा । इच्छा के विरुद्ध किसी पर... Poetry Writing Challenge-2 4 78 Share Dr fauzia Naseem shad 31 Jan 2024 · 1 min read जीवन की विफलता जीवन की विफलता बनती है सफलता । योग्यता के साथ अनुभव अगर होता है।। जिसका स्वभाव शान्त-सरल होता है । उसके व्यक्तित्व का प्रभाव अमिट होता है ।। मन में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 4 115 Share Dr fauzia Naseem shad 31 Jan 2024 · 1 min read दिखावे के दान का ईश्वर की दृष्टि से कभी कोई दूर नहीं होता । दिखावे के दान का कोई मूल्य नहीं होता ।। समझा है यही मैंने और समझना है तुम्हें भी । स्वयं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 4 139 Share Dr fauzia Naseem shad 31 Jan 2024 · 1 min read दिल में एहसास दिल में एहसास भर नहीं पाये। तुमको छूकर गुज़र नहीं पाये। इतने नज़दीक तेरे आकर भी, हाय ! हम क्यों बिखर नहीं पाये। कैसी मजबूरियां थीं क़िस्मत में, दिल की... Poetry Writing Challenge-2 4 125 Share Dr fauzia Naseem shad 30 Jan 2024 · 1 min read स्वयं को स्वयं पर स्वयं को स्वयं पर कुछ अधिकार दो । सोच को अपनी तुम विस्तार दो ।। कर सकें तुम पर सब एक विश्वास दो । विश्वसनीयता का एक सबको संसार दो... Poetry Writing Challenge-2 4 128 Share Dr fauzia Naseem shad 30 Jan 2024 · 1 min read जीवन का किसी रूप में जीवन का किसी रूप में निरादर न किया जाए। प्रतिकूल परिस्थितियों को प्रयासो से अनुकूल किया जाए।। व्यवहार को शालीनता का एक आधार दिया जाए। विचारों को पावन सा चित... Poetry Writing Challenge-2 4 126 Share Dr fauzia Naseem shad 30 Jan 2024 · 1 min read हमने क्या खोया ज़िन्दगी की राहों में, आज तन्हा खुद को बहुत पाया ख़ाली - खाली सा दिल लगा अपना अपनी आंखों को भी हमने नम पाया ख़ामोश नज़रों की बेबसी देखी अपने... Poetry Writing Challenge-2 5 105 Share Dr fauzia Naseem shad 29 Jan 2024 · 1 min read वृद्धाश्रम इस समस्या का कौन इस वास्तविकता से परेशान नहीं है। जीवन तुझे जीना इतना आसान नहीं है।। विवशता है बुढ़ापा कोई अभिशाप नहीं है। वृद्धाश्रम इस समस्या का समाधान नहीं है ।। गुजरना... Poetry Writing Challenge-2 5 102 Share Dr fauzia Naseem shad 29 Jan 2024 · 1 min read कभी न दिखावे का तुम दान करना जीवन का इतना सम्मान करना कभी न स्वयं पर अभिमान करना। कर्तव्य तेरा हो उद्देश्य-ए-जीवन। देश पर प्राणों का बलिदान करना। इससे बड़ा है नहीं दान कोई हृदय के तल... Poetry Writing Challenge-2 5 108 Share Dr fauzia Naseem shad 26 Jan 2024 · 1 min read दया के पावन भाव से दया के पावन भाव से मानवता का श्रृंगार किया जाए क्षमा के जैसे दान का ह्रदय से सम्मान किया जाए ईष्या,क्रोध,काम-वासना भावनाओं को विराम दिया जाए जीवन पतन के कारणों... Poetry Writing Challenge-2 6 82 Share Dr fauzia Naseem shad 26 Jan 2024 · 1 min read अस्तित्व पर अपने अधिकार अस्तित्व पर अपना अधिकार करिए। स्वयं भी स्वयं का सत्कार करिए। समझे ना जो तेरे भावों की भाषा, दूर से ही उसको नमस्कार करिए। दया, प्रेम का हृदय में विस्तार... Poetry Writing Challenge-2 5 97 Share Dr fauzia Naseem shad 26 Jan 2024 · 1 min read शांत सा जीवन शान्त सा जीवन जी कर देखो । हंस कर क्रोध को पी कर देखो ।। रब को अपना करके देखो उसकी इच्छा से जी कर देखो ।। जीवन कितना शेष... Poetry Writing Challenge-2 7 111 Share Dr fauzia Naseem shad 26 Jan 2024 · 1 min read सम्मान करे नारी ईर्ष्या का अगर परित्याग करे नारी। स्वयं ही स्वयं का अगर सम्मान करे नारी।। सम्भव नहीं फिर नारी का अपमान करे नारी। शिक्षा को अगर स्वयं में आत्मसात करे नारी... Poetry Writing Challenge-2 5 125 Share Dr fauzia Naseem shad 26 Jan 2024 · 1 min read अस्थिर मन अस्थिर मन और मन की इच्छा । स्वयं का दोषी कर देती है ।। मन में उठती निर्मूल आशंका । जीवन – मृत्यु सा कर देती है।। भोग-विलास की मन... Poetry Writing Challenge-2 5 95 Share Dr fauzia Naseem shad 26 Jan 2024 · 1 min read हार भी स्वीकार हो जीवन का जीवन पर तेरे ये भी उपकार हो । केवल सफलता ही नहीं हार भी स्वीकार हो ।। वाणी तेरी मीठी-मीठी उच्य तेरे विचार हो । मित्र बने शत्रु... Poetry Writing Challenge-2 4 107 Share Dr fauzia Naseem shad 25 Jan 2024 · 1 min read जीवन का इतना जीवन का इतना सम्मान करना कभी न स्वयं पर अभिमान करना। कर्तव्य तेरा हो उद्देश्य-ए-जीवन। देश पर प्राणों का बलिदान करना। इससे बड़ा है नहीं दान कोई हृदय के तल... Poetry Writing Challenge-2 6 1 107 Share Dr fauzia Naseem shad 25 Jan 2024 · 1 min read जीवन जितना होता है जीवन जितना होता है कोई उतना कहां जी पाता है कभी भाग्य कभी अकर्मण्यता रोना यही रह जाता है मन के अंतस में आशाओं का कोई भाव निरूत्तर रह जाता... Poetry Writing Challenge-2 6 78 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Jan 2024 · 1 min read प्राप्त हो जिस रूप में प्राप्त हो जिस रूप में जीवन सहर्ष उसे स्वीकार करो । प्रेम की भाषा से हृदयों पर सबके तुम अधिकार करो ।। फल की चिंता छोड़ कर मानवता पर उपकार... Poetry Writing Challenge-2 4 105 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Jan 2024 · 1 min read क्या कहें क्या कहें कितना प्यार करते हैं। जो भी है बे'शुमार करते हैं। दिल को बस बे'क़रार करते हैं। खवाह-मख़ाह इंतज़ार करते हैं। कैसे आये न एतबार हमें, जब यक़ीं बे'... Poetry Writing Challenge-2 4 125 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Jan 2024 · 1 min read ह्रदय की स्थिति की जीवन से जैसे कोई जब रूठने लगे । धैर्य जब साथ न दे मन टूटने लगे ।। हृदय की स्थिति की पीड़ा न पूछिये । हाथों से डोरी प्रीत की... Poetry Writing Challenge-2 4 97 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Jan 2024 · 1 min read दो शब्द दो शब्द सही प्रशंसा के, हृदय से किया करिये। अल्प इस जीवन में, निःस्वार्थ मिला करिये ॥ व्यर्थ, निरर्थक बातों से मन मैला न किया करिये। विश्वास योग्य बातों पर... Poetry Writing Challenge-2 4 89 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Jan 2024 · 1 min read इबादत आपकी परमूल्यांकन की न हो किसी से कभी अपेक्षा । स्वयं को पहचानने की हो जो दृष्टि आपकी ।। रिक्त न हो मन जब तेरा विषयों से । कैसी पूजा फिर... Poetry Writing Challenge-2 5 90 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Jan 2024 · 1 min read तुझे स्पर्श न कर पाई जीवन में महत्व रखती मेरे मन की स्थिरता तुझे स्पर्श न कर पाई मेरे शब्दों की व्याकुलता हर श्वास पर भारी है मेरे मन की विवशता तुझसे और तुझी तक... Poetry Writing Challenge-2 4 91 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Jan 2024 · 1 min read कैसी ये पीर है कैसी निःशब्दता कैसी ये पीर है व्याकुल हैं नैन भी मन भी अधीर है घायल जो कर गया हमें वो तेरे लफ़्ज़ों का तीर है बरसे तेरे वियोग में नैनो... Poetry Writing Challenge-2 4 83 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Jan 2024 · 1 min read कैसै कह दूं तुमको मेरा कभी ख़्याल न था। कैसे कह दूँ मुझे मलाल न था।। पढ़ के जिसको उलझ गये इतना। लफ़्ज़ सादा थे, कोई जाल न था।। जिसकी ख़ातिर, वार ते... Poetry Writing Challenge-2 4 82 Share