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हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
Anil Mishra Prahari
राखी की यह डोर।
Anil Mishra Prahari
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
Anil Mishra Prahari
हरित - वसुंधरा।
Anil Mishra Prahari
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
Anil Mishra Prahari
अब तुझे रोने न दूँगा।
Anil Mishra Prahari
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
होने को अब जीवन की है शाम।
Anil Mishra Prahari
करूँ प्रकट आभार।
Anil Mishra Prahari
पूस की रात।
Anil Mishra Prahari
वसंत की बहार।
Anil Mishra Prahari
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
Anil Mishra Prahari
डर के आगे जीत।
Anil Mishra Prahari
पग मेरे नित चलते जाते।
Anil Mishra Prahari
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
Anil Mishra Prahari
वसंत के दोहे।
Anil Mishra Prahari
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
Anil Mishra Prahari
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
सुन्दरता।
Anil Mishra Prahari
मेरे उर के छाले।
Anil Mishra Prahari
चल पनघट की ओर सखी।
Anil Mishra Prahari
माँ दे - दे वरदान ।
Anil Mishra Prahari