Anil Mishra Prahari Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है। हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है। बढ़ना कहाँ आसान है पथ का ह्रदय पाषाण है, बेशक गड़ेंगे शूल भी होंगी अनेकों भूल भी। फिर भी सतत चलना तुम्हारा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 194 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read राखी की यह डोर। राखी की यह डोर। बाँधा इसने भाई-बहन को धरती प्यारी और गगन को, चाँद - सितारे और बँधा है ज्योति - कलश ले भोर। राखी की यह डोर। भाई-बहन का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 103 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली। माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली। सूने हैं घर - आँगन सारे सूनी छत , अमराई है, बहन ढूँढ़ती पल-पल तुझको रोता छुप - छुप भाई है।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 232 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read हरित - वसुंधरा। हरित - वसुंधरा। देख अम्बर मेघ फूलों के अधर लाली प्रेमरत मधुकर मगन, मकरंद, तरु- डाली, वल्लरी झूमे, पवन मुकुलित कली चूमे कर रही अरुणिम प्रभा रुत मत्त, मतवाली ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 159 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read हम कितने आँसू पीते हैं। हम कितने आँसू पीते हैं। तूफानों ने जब पर तोड़ा नहीं सलामत भी घर छोड़ा, देख-देख दिल के टुकड़ों को विवश,विकल होके जीते हैं हम कितने आँसू पीते हैं। प्रियजन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 126 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read अम्बर में अनगिन तारे हैं। अम्बर में अनगिन तारे हैं। रोज रात में खिल जाते हैं आपस में हिलमिल जाते हैं, रखते उर में वैर नहीं हैं मिलते जैसे गैर नहीं हैं। भूतल से लगते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 201 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read अब तुझे रोने न दूँगा। अब तुझे रोने न दूँगा। छोड़ दे जग साथ तेरा दुर्दिनों में हाथ तेरा, दीन, निर्बल, बेसहारा मैं तुझे होने न दूँगा। अब तुझे रोने न दूँगा। राह के चुन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 127 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read होली की आयी बहार। होली की आयी बहार। बरसे अबीर, चले पिचकारी रंगों का आया त्योहार, होली खेले कृष्ण गोपी के संग में राधा करे इंतजार। रंगों की है बौछार होली की आयी बहार।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 112 Share Anil Mishra Prahari 19 Feb 2024 · 1 min read होने को अब जीवन की है शाम। होने को अब जीवन की है शाम। पत्ते - पत्ते सूख रहे हैं गिरने की अब बारी, मधुमय डाली कर बैठी है पतझड़ की तैयारी। सावन के सब यत्न हुए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 122 Share Anil Mishra Prahari 17 Feb 2024 · 1 min read करूँ प्रकट आभार। करूँ प्रकट आभार। नूतन-किसलय, पुष्प-मनोरम कलियों के मुख लाली, केसर, परिमल,पवन-झकोरे रची लचीली डाली। भ्रमरों का गुंजार करूँ प्रकट आभार। झरनों में आता पर्वत से छनकर निर्मल पानी, भूतल ने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 166 Share Anil Mishra Prahari 17 Feb 2024 · 1 min read पूस की रात। पूस की रात। थरथरा रहा बदन जमा हुआ लगे सदन, नींद भी उचट गयी रात बैठ कट गयी। ठंड का आघात पूस की रात। हवा भी सर्द है बही लगे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 207 Share Anil Mishra Prahari 17 Feb 2024 · 1 min read वसंत की बहार। वसंत की बहार। डूबी धरित्री रंग में उमंग अंग-अंग में, सुरम्य हर दिशा अपूर्व रूप,यह सिंगार। वसंत की बहार। हरित बदन का चीर है चमन-चमन अधीर है, अमंद झूमते सुमन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 136 Share Anil Mishra Prahari 16 Feb 2024 · 1 min read राह पर चलना पथिक अविराम। राह पर चलना पथिक अविराम। हो छुपा सूरज क्षितिज पर बिछ चुका पथ पर अँधेरा, देख गहरी, रात काली दूर लगता हो सवेरा। पर न शाश्वत तिमिर का आयाम राह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 161 Share Anil Mishra Prahari 16 Feb 2024 · 1 min read मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष। मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष। नहीं चाहिए दाता मुझको सूर्य, चंद्र, ग्रह सारे, मेरी झोली में भर देना टूटे - फूटे तारे। नहीं कामना लूँ पूरा आकाश मुझे नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 121 Share Anil Mishra Prahari 16 Feb 2024 · 1 min read डर के आगे जीत। डर के आगे जीत। विपदा से क्यों यारो डरना बाधाओं को नहीं ठहरना, आना-जाना ही सुख-दुःख का जीवन की है रीत डर के आगे जीत। अपने पंखों से नभ नापो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 137 Share Anil Mishra Prahari 15 Feb 2024 · 1 min read पग मेरे नित चलते जाते। पग मेरे नित चलते जाते। बचपन गाता जैसे मधुकर सुन्दर, सुखकर खुशियाँ भरकर, जीवन की अविरल धारा में बेसुध हो हम बहते जाते पग मेरे नित चलते जाते। यौवन आया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 148 Share Anil Mishra Prahari 15 Feb 2024 · 1 min read सब्र की मत छोड़ना पतवार। सब्र की मत छोड़ना पतवार। जीत हो फिर भी न रुकना हार में थककर न झुकना, बढ़ सदा चाहे गिरो सौ- बार सब्र की मत छोड़ना पतवार । राह बिखरे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 129 Share Anil Mishra Prahari 15 Feb 2024 · 1 min read आया यह मृदु - गीत कहाँ से! आया यह मृदु - गीत कहाँ से! कलित पुष्पदल निज मुख खोले पत्र समीरण के संग डोले, सुर-संगम, संगीत कहाँ से आया यह मृदु-गीत कहाँ से! मंद-मंद खगकुल के कलरव... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 175 Share Anil Mishra Prahari 15 Feb 2024 · 1 min read वसंत के दोहे। गंध, रंग, रस, राग ले, आया रुचिर वसंत । आहट सुन ऋतुराज की, हुआ शिशिर का अंत। पीत -पत्र सब भूमिगत, डाल -डाल नव -पात सस्मित कलियाँ,पुष्पदल,स्निग्ध,सुघर द्रुम-गात। उड़े पवन... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 167 Share Anil Mishra Prahari 15 Feb 2024 · 1 min read आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात। आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात। स्वर्णिम - किरणों के जाल लिए आ बाल-अरुण निज भाल लिए, हर ले अँधियारी, विकट - रात आ जा उज्ज्वल जीवन -प्रभात। खगवृन्द, ताल, तट मन्द... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 194 Share Anil Mishra Prahari 14 Feb 2024 · 1 min read प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ। प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ। पग में बोले छम -छम पायल, मुक्त कंठ मृदु- गीत ओढ़ प्रणय की झिलमिल चूनर , प्रियतम के संग प्रीत, प्रेमकुंज की चुन नव-कलियाँ निज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 146 Share Anil Mishra Prahari 14 Feb 2024 · 1 min read सुन्दरता। मन को मोहित करने वाली सुंदरता ढल जाती है, अरी नाज से भरी जवानी क्यों इतना इठलाती है। माना इस लावण्य-राशि पर नत होता संसार अभी, अंग-अंग में सदा सयानी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 153 Share Anil Mishra Prahari 14 Feb 2024 · 1 min read मेरे उर के छाले। मेरे उर के छाले। जग-जग जाते जख्म निरंतर पीर असह से भरता अंतर, दिखा-दिखाकर स्वप्न सजीले छलते रहे उजाले मेरे उर के छाले। समय क्षुब्ध के निष्ठुर झोंके अवरोधों का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 162 Share Anil Mishra Prahari 14 Feb 2024 · 1 min read चल पनघट की ओर सखी। चल पनघट की ओर सखी। जाग, हुआ अब भोर सखी चल पनघट की ओर सखी। बार -बार मन श्याम पुकारे उसकी ही छवि नित्य निहारे रात जगे, जागे भिनसारे। वह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 168 Share Anil Mishra Prahari 14 Feb 2024 · 1 min read माँ दे - दे वरदान । माँ दे - दे वरदान। मिट जाए अज्ञान, ज्ञान दे सद्गुण, शौर्य, शील दान दे, कर जग का कल्याण । माँ दे - दे वरदान। विद्या- धन भूषित भव सारा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 141 Share