शिवम राव मणि Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read ज़िंदगी भी क्या है? जिंदगी भी क्या है ? ज़रा से फासलों में कई रंग लिए है । एक पल महरूम है, तो दुसरे ही पल बहती नीर है, पानियों सी बेरंग है, जिस... Poetry Writing Challenge-2 1 72 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read अगर हो तुम अगर हो तुम मुझमें कहीं , हो तुम मुझमें बैठे वहीं, जहाँ मेरी अर्जीयाँ जाती हैं तुमसे मिलने, तड़पती हैं तुम्हारे आँगन में, गुँजती हैं तुम्हारे घर, आकर मेरी देह... Poetry Writing Challenge-2 1 128 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read ये जाने कौन? धीरे-धीरे ये जग महका दे मैं इतना मानूँ , ये जाने कौन ? फिर बार-बार कोई खेरियत रंग दे , कई रंगों से, ये कौन रंग दे ? ना जाने... Poetry Writing Challenge-2 1 63 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read कहां याद कर पाते हैं कहाँ याद कर पाते हैं उन भूले-बिसरे दिनों को, शैतानियों से भरी अटखेलियों को, माँ के दुलार को, सुबह के आलस को, बैठे-बैठे जहाँ दिन गुजरते थे उस आँगन को,... Poetry Writing Challenge-2 90 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read भय की शिला चित्त को अपने लोह बनाकर, भय की शिला को तोड़ दे आज । खुलने दे वो गिरह जो कब से है मन के भीतर कश्मकश-सी, कलह-सी जो डराती हैं, रुलाती... Poetry Writing Challenge-2 65 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read तुम यानी मैं तुम, यानि मैं। कुछ कहना तो आहिस्ते से कहना खुदा से कभी दो लफ्ज़ भी । कोई नहीं, मगर खुदा सुनता है हर वो ख्याल जो मन ही मन बुदबुदाते... Poetry Writing Challenge-2 80 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read घुटन घुटन घुटता है दर-दर जिस्मो जिगर, घुटता है मन, हर दिल बा-सफ़र । घुटती हैं कुछ यादें, कुछ नुमाईशें भी घुटता है तो यूँ ज़िन्दगी का बसर ।। घुटता है... Poetry Writing Challenge-2 67 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read ये अच्छी बात है यह अच्छी बात है शहरों के मुकाबले गाँव की एक अच्छी बात है । कि यहाँ लोग जल्दी सो जाते हैं, जल्दी खाना खा लेते हैं, चैन से साफ आसमान... Poetry Writing Challenge-2 1 68 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read कैसी ये शिकायतें? कैसी ये सिकायते कैसी ये शिकायतें ? जरा आज कहिए, दागी उतनी ही लगेगी जितनी पहले मिली थी । कानाफूसीयों का कहना जरा आज समझिए, दिल पर उतनी ही बीतेगी... Poetry Writing Challenge-2 61 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read कभी पास तो कभी दूर जाता है बार बार ज़हन में ख्याल आता है। कभी पास तो कभी दूर जाता है। छूता है आकर बहुत करीब से, और कभी यूँ ही गुज़र जाता है। तन्हा मैं नही... Poetry Writing Challenge-2 70 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read दरख़्त के साए में दरख्त के साये में, कभी-कभी रौशनी 'झिलमिलाती है। रास्ते का इक तन्हा वो दरख्त जिसकी बूढ़ी टहनियों पर कभी परिन्दों ने घर बनाएं तो कभी घर उजाड़े भी हैं। कभी... Poetry Writing Challenge-2 83 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read दरमियान तेरे मेरे ( गीत) कर रहें हैं गुफ्तगू अबसार दरमियान तेरे मेरे इजहार हो रहा है प्यार दरमियान तेरे मेरे। राज़ ए दिल मेरे सभी ज़ाहिर होने को है, ये सावन न मद्धम ना... Poetry Writing Challenge-2 51 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read इक्षाएं इच्छाएं किसी के जीवन को ख़त्म नही करती ये तो सबूत हैं हमारी मौजूदगी का एक ऐसी दुनिया में जहां कई लोग अपनी आँखों पर पट्टी बांधे हुए झुक रहे... Poetry Writing Challenge-2 44 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read आशाएं आशाएं, इन्हें शायद ही कुछ शब्दों में बयां किया जा सकता हो कविताओं में,छंदों के चंद टुकड़ों में और कोई वादक अपनी तालों में बिठाकर संगीत के लय में पूरी... Poetry Writing Challenge-2 48 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read पास आए हो तुम जेड गीत पास आये हो तुम दोस्ती बनकर, दूर ना जाना अजनबी बनकर। परेशां दिल के अधरों पे कभी मुस्काये नही जहां लफ्ज़ एक भी ठहर गये वहां तुम हंसी बनकर। तन्हा... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 94 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read क्या कहूं? परेशां दिल की जुबां, क्या कहूँ। हुई बेरंग दास्तां, क्या कहूँ। अभी भी है वही धुंधली नज़र, और है वही निगेहबां, क्या कहूँ। कब से ना मिले किसी दोस्त से,... Poetry Writing Challenge-2 2 78 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read कुछ बूंदें अवसाद के काले धब्बों को चेहरे से मिटाने लगी हैं, कुछ बूंदे बादलों से रिसकर माथे पे ठहरे सूखे दर्प को धोने लगी है, कुछ बूंदे कुछ ठण्डी हवाओं में... Poetry Writing Challenge-2 1 83 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read किसी ओर दिन फिर किसी ओर दिन फिर खियांबों की सदाएं महक जाएंगी। दुनिया की नफरत.. मोहब्बत के गुलिस्तान में दूर तक भटक जाएगी। किसी ओर दिन अधरों पर मुस्कराहट हिचकिचाहट में कुछ ओर... Poetry Writing Challenge-2 1 111 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read मन की सुराही कहीं खाली पड़ी है मन की सुराही अनबुझ रास्तों पर, कहीं यादें खो गई हैं। असफार से लोटा हुआ ये मायूस दिल की धड़कने कहीं, जिस्म में दब गई है।... Poetry Writing Challenge-2 1 93 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read इंतजार चाँद का जब धीरे- धीरे आसमान के एक छोर पर उभरते हुए दीदार होता है तो दूसरे छोर से उसे ताक रही दो आँखे किसी अपने के एतबार में अक्सर... Poetry Writing Challenge-2 1 52 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read नई कली नई कलियों के खिलने के बाद जब पखुड़ियाँ खुलकर सूरज की रौशनी को अपने आगोश में लेने लगी और जब भँवरे, तितलियाँ उसके चारों ओर मंडराने लगी तब फूलों की... Poetry Writing Challenge-2 61 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read गुलिस्तान के फूल गुलिस्तां में भी एक ज़िन्दगी है जिसमें कूछ फूल खिलने के बाद भी मायूस रहते हैं कुछ खिलने तक मुरझा जाते हैं कुछ खिलते खिलते उड़ान भरते हैं कुछ परवाज़... Poetry Writing Challenge-2 77 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read कई एहसास बिन बताए ही कई एहसास बिन बताए ही ख्वाबों में आकर, गुफ्तगू करके चले गए। थकी थकी पलकें यूँ मुरझाई पलकें ढक लेती हैं जब जब आंखों को आहिस्ते से तो ख्वाबों की... Poetry Writing Challenge-2 1 49 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read कोई शहर बाकी है शायद अभी भी एक कसर बाकी है। इस सफर में कोई शहर बाकी है। देख चुके हैं कई मोहल्ले-गली, बस अनजान अपना घर बाकी है। कई इंसा मील कई फरेब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 49 Share शिवम राव मणि 23 Jan 2024 · 1 min read इंतजार बाकी है सुबह का शाम से यूँ इतजार बाकी है खौफ में जिन्दगी खुशियों में आधी है अभी कुछ धुधला है फलक दूर तक अभी मयस्सर कुछ रास्ते अधूरे भी है अभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 112 Share