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चलो खुशियों के दीपक जलायें।
अनुराग दीक्षित
हम भारत के वीर प्रवर हैं, भारत नया बनायेंगे ।
अनुराग दीक्षित
पग पग दीप करे उजियारा।
अनुराग दीक्षित
ये दुनियां दोधारी तलवार।
अनुराग दीक्षित
हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई।
अनुराग दीक्षित
वन में नाचे मोर सखी री वन में नाचे मोर।
अनुराग दीक्षित
माना डगर कठिन है, चलना सतत मुसाफिर।
अनुराग दीक्षित
मिट्टी की जय बोल रे मनवा मिट्टी की जय बोल।
अनुराग दीक्षित
मन का मीत।
अनुराग दीक्षित
अनुपम उपहार ।
अनुराग दीक्षित
माँ तुम्हारी गोद में।
अनुराग दीक्षित
सुरभित मन्द समीर बहे।
अनुराग दीक्षित
कतरा कतरा बिखर रहा था ।
अनुराग दीक्षित
होली खेल रहे बरसाने ।
अनुराग दीक्षित
बेटी
अनुराग दीक्षित
तुम फिर आओ गिरधारी!
अनुराग दीक्षित
तुम्हें युग प्रवर्तक है शत-शत नमन।।
अनुराग दीक्षित
प्रेम के खत न मैं लिख सकूंगा सनम।
अनुराग दीक्षित
अवध में फिर से आये राम ।
अनुराग दीक्षित
मैं भारत हूं मैं, भारत हूं मैं भारत हूं मैं भारत हूं।
अनुराग दीक्षित
आखिर क्यों सबको भरमाया।
अनुराग दीक्षित
प्रेम की बात को ।
अनुराग दीक्षित
मेरे अधरों का राग बनो ।
अनुराग दीक्षित
इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम।
अनुराग दीक्षित
रूप रस गंध में मैं नहाता रहूं।
अनुराग दीक्षित