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मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
Mamta Singh Devaa
कोई मुरव्वत नहीं
Mamta Singh Devaa
कुछ बातें ज़रूरी हैं
Mamta Singh Devaa
मैं भी डरती हूॅं
Mamta Singh Devaa
अपनी सोच का शब्द मत दो
Mamta Singh Devaa
यक्ष प्रश्न
Mamta Singh Devaa
बेटियां / बेटे
Mamta Singh Devaa
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
मुराद
Mamta Singh Devaa
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
खरी - खरी
Mamta Singh Devaa
औरतें ऐसी ही होती हैं
Mamta Singh Devaa
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
दूसरे का चलता है...अपनों का ख़लता है
Mamta Singh Devaa
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
Mamta Singh Devaa
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
Mamta Singh Devaa
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
इंसान बनने के लिए
Mamta Singh Devaa
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
Mamta Singh Devaa
प्रेम के रंग कमाल
Mamta Singh Devaa
मुझे हर वो बच्चा अच्छा लगता है जो अपनी मां की फ़िक्र करता है
Mamta Singh Devaa
जंग अहम की
Mamta Singh Devaa
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
तो मैं राम ना होती....?
Mamta Singh Devaa
प्रभु श्री राम
Mamta Singh Devaa