Posts Poetry Writing Challenge 305 authors · 6200 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 14 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read अपने चरणों की धूलि बना लो अपने चरणों की धूलि बना लो अपने चरणों की धूलि बना लो हे त्रिपुरारी हे बनवारी अभिलाषा पूरी करो मेरी चरण कमल जाऊं बलिहारी निर्मल , पावन हो मेरी काया... Poetry Writing Challenge · कविता 4 1 244 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read कुछ काम करो , कुछ काम करो कुछ काम करो , कुछ काम करो जग में अपना नाम करो भाग्य भरोसे मत बैठो तुम कुछ काम करो , कुछ काम करो आगे बढ़ना नियति तुम्हारी कर्म राह... Poetry Writing Challenge · कविता 3 288 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read तुमसे बात करने एक फ़ायदा तो था, तुम से बात करने का होती थीं बातेँ तुम से और, मुस्कुरा जाता था मैं हिमांशु Kulshreshtha Poetry Writing Challenge 179 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें सिंहासन डोल जाएँ आओ कुछ ऐसा करें वीरों के लहू का कतरा... Poetry Writing Challenge · कविता 2 267 Share ऋचा पाठक पंत 14 Jun 2023 · 1 min read वैविध्यपूर्ण भारत कोस - कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बदले वानी। है पुरातन संस्कृति अपनी, विश्व भर में जानी - मानी। देते संदेशा विश्व - प्रेम का, पढ़ाते अनेकता में... Poetry Writing Challenge · एकता · भारत · वैविध्यपूर्ण 460 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read सफर अंजान राही नादान सफर अंजान राही नादान मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे सफर......... हमसफर भी नहीं रहगुजर भी नहीं मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे सफर.......... न कोई... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 447 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया हम भी हैं नाखुश , अपनेपन का दौर गया नाइंसाफी का दौर... Poetry Writing Challenge · कविता 2 166 Share Shutisha Rajput 14 Jun 2023 · 1 min read ( 16) स्त्री हो तुम प्यार तो सभी करते हैं, पर निभाता है कोई- कोई, रुला तो सभी देते हैं पर हंसाता है कोई- कोई। मोहब्बत तो सभी करते हैं निभाता है कोई- कोई, साथ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 221 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सा लग रहा है आसमां चारों तरफ फूल खिलखिलाने लगे हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 151 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 2 min read खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है खुशकिस्मत है कि तुझ पर उसके करम का साया है खुशकिस्मत है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 202 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read खिलेंगे फूल राहों में खिलेंगे फूल राहों में खिलेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल बिछेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल कौन कहता है सुबह होगी नहीं हौसलों को... Poetry Writing Challenge · कविता 1 234 Share Rajesh vyas 14 Jun 2023 · 1 min read पीर पराई भी गाते है ____ काम करने में कतराते है _ परिणाम अच्छा चाहते है। जरा सोचना ऐसा सोचने वाले क्या सफल हो पाते है।। कक्षा में समझाएं शिक्षक बच्चों को _ ध्यान देते नहीं।... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 1 223 Share Shutisha Rajput 14 Jun 2023 · 1 min read (15) पिता की मुस्कान हूं मै इस दुनिया में आई एक नन्ही सी जान हूं, मत समझना मुझे अकेला मै अपने, पिता के होंठो को मुस्कान हूं। हूं मैं छोटी सी पर मैंने अपने, पिता... Poetry Writing Challenge 1 130 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read क्यों तुम... क्यों तुम इस क़दर मेहसूस होते हो होते नहीं, फ़िर भी क़रीब होते हो हिमांशु Kulshreshtha Poetry Writing Challenge 157 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read जीद्द जीद्द ने थामा उम्मीद का दामन हौसलों ने पतवार दिया । हिचकोले खाता रहा लहरों के इशारे पुरा मझधार जिया । दुरी नाप ली साहिल से साहिल तक नुक्ताचीं की... Poetry Writing Challenge 208 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read तुम जो आये.. आज अचानक तुम सामने आए तो कहने को कुछ बाकी ना रहा बस यूँ ही देखते रहे तुम्हें टकटकी लगा कर, और.. वक़्त यूँ ही बीतता रहा सोचा मैंने, तुम्हें... Poetry Writing Challenge 155 Share Shutisha Rajput 14 Jun 2023 · 1 min read (14) उम्मीद मैं वो उम्मीद हूं जिसे पानी की लहर कहते हैं, चीर दूंगी मैं पत्थरों का भी सीना, इसी को कहते हैं हिम्मत से जीना । बूंद हूं मैं वो, जो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 194 Share Rajeev kumar 14 Jun 2023 · 1 min read जीते हुओं से मंज़ील नहीं छुटती मुश्किलों से यारी रखना सफर पे चलने की तैयारी रखना । बढ़ते कदम जब मजबुर न होंगे फिर देखना मंज़ील दूर न होंगे । हौसलों की उफान को कम न... Poetry Writing Challenge 171 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read मेरा दिल.. एक बलबला सा है सीने में.... देख कर उनको साँसे हुई जा रहीं बेलगाम ऐसे ही तो मेरी जिन्दगी नहीं बन गए हैं वो मेरी जिंदगी से अलग तो नहीं... Poetry Writing Challenge 164 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read मोहब्बत.. मुझे तुम से बेपनाह मोहब्बत है एक ख़ामोश, आज़ाद मोहब्बत इसलिए तुम्हें किन्ही बेड़ियों में जकड़ना मुनासिब नहीं मुझे तुम से इश्क़ है रोमांस नहीं इसलिए, मेरी ख्वाहिशें जिस्म से... Poetry Writing Challenge 76 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 14 Jun 2023 · 1 min read जेठ का महीना जलते जेठ का महीना चुरा लिया है, धूप ने जिस्म से पसीना चुरा लिया है। रख के पत्थर को अपने सिर पे उसने, छाती के भीतर से सीना चुरा लिया... Poetry Writing Challenge 1 373 Share Kanchan Alok Malu 14 Jun 2023 · 1 min read "सत्य" सत्य की राह पर चलने वालो, आपको भगवान कहा जाता है, चाहे कितने भी हो जाए परीक्षा तू हर पल जीतेगा यही आशिर्वाद पाता है। सत्यवादी को दुनिया पिता का... Poetry Writing Challenge 6 5 356 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read बड़ी चाहत थी कि इश्क़ कर लूँ बड़ी चाहत थी कि इश्क़ कर लूँ बस यही सोचती रही कि इज़हार कर लूँ, आधे तुम और आधी मैं चाहत थी कि पूर्ण कर लूँ, तुम भी खामोश रहे... Poetry Writing Challenge 337 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read स्वयं की तलाश मैं प्रतिमा नहीं दिव्य प्रेम का स्वरूप हूँ, झीने आवरण में लिपटी लौकिक से अलौकिक की ओर सत्य, शांति की ओर प्रयाण करती स्वयं में स्वयं की तलाश हेतु एक... Poetry Writing Challenge 1 206 Share Indramani Sabharwal 14 Jun 2023 · 2 min read बच्चों का साथ किसे प्यारा नहीं लगता हैऔर ऐसे मैं जब अपने बच् बच्चों का साथ किसे प्यारा नहीं लगता हैऔर ऐसे मैं जब अपने बच्चे दूर हों तो किसी और बच्चों का साथ मिल जाता है तो बड़ा अच्छा लगता है ऐसा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 156 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read पिघलती स्त्री एक धुरी पर टिकी हुई स्त्री अपने अस्तित्व के वर्चस्व को कायम रखना जानती है... वो नित जलाई जाती है पर बदले में सिर्फ पिघलती है प्रेम में ममता में... Poetry Writing Challenge 2 241 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 3 min read कुंभकर्ण (कोरोनाकाल) यूँ ही बैठे-बैठे आया मुझे ध्यान काश, मिल जाता ऐसा वरदान। काश ! मैं भी कुंभकर्ण सी होती छः माह तक गहरी नींद सोई होती। बीत जाता मुआ ये कोरोना... Poetry Writing Challenge 2 208 Share swati katiyar 14 Jun 2023 · 1 min read औरत ही है औरत की दुश्मन क्यूं सिखा दिए तुमने पैदा होते ही उसको औरत होने के सब पैमाने, कि ज़रूरी हैं तुम्हारे लिए चांद सी सूरत होना, ममता की मूरत होना, त्याग और लज्जा के... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1 677 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 2 min read साठ पार की स्त्रियाँ साठ पार की स्त्रियाँ उत्कट जिजीविषा से भरी निर्जीव में चेतना भरती सी प्रतीत होती हैं, घर में नमक सी होती हैं सबके सपनों में घुल जाती हैं, जिंदा रखती... Poetry Writing Challenge 2 179 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read श्याम तेरी बंसी मोरपंख से मुकुट बना, जिसमें सारे रंग समाए, चौसठ कला, रूप त्रयोदश, विष्णु के पूर्णावतार कहाये। अदभुत इंद्रधनुष अद्वैत, पांव तले, शुभ चिन्ह दिखाए, अजर अमर अविनाशी कान्हा, मुख ब्रह्मांड... Poetry Writing Challenge 1 214 Share Dr. Kishan Karigar 14 Jun 2023 · 1 min read मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता) माँ के पेट में ही छटपटा रही मैं बेटी हो के जन्म ले रही तो क्या हुआ? मुझे मत मारो पापा मुझे भी तो जीने दो पापा. बेटा ही हो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1k Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read ह से हिंदी ह से हिंदी, उमड़-घुमड़ कर मन की सारी पीर हरे, होठों पर देकर मुस्कान, अन्तस में वो धीर धरे।। हिंदी में हैं गीत, छंद, कजरी औ' दोहे, मुक्तक, हिंदी स्वर,... Poetry Writing Challenge 1 321 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read दास्तां मैंने अपनी सुनाई नहीं सुनकर कहीं तेरी आँख भर आये नहीं, इसी वास्ते दास्तां मैंने अपनी सुनाई नहीं। न थे उम्मीदों के हौसले थे पथरीले से रास्ते, तन्हाई का साथ था गमों का बोझ... Poetry Writing Challenge 1 125 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read नई पहचान वो बोले हमसे क्या खोला है तुमने फेसबुक अकाउंट?, सुन कर हम चकराये और थोड़ा सा घबराये जानते थे बस पासबुक और बैंक अकाउंट, पर ये कौन सा है खाता... Poetry Writing Challenge 1 169 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 2 min read पढ़ लेना मुझे किताबों में हे माँ प्रकृति ! तुम हो कहाँ मैं खोज रही तुम्हें यहाँ-वहाँ। छुप गयी हल्की सी आहट दे आओ तुम और मैं कुछ बात करें। ऐ माँ प्रकृति ! सुन... Poetry Writing Challenge 1 129 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी कागज़ की नाव सी ,न हो जिन्दगी तेरी मांझी की पतवार सी , हो जिन्दगी तेरी बंज़र ज़मीं सी ,न हो जिन्दगी... Poetry Writing Challenge · कविता 2 147 Share साहिल 14 Jun 2023 · 1 min read कौन ? कौन मुझे पकड़ रहा है ? अजगर की तरह जकड़ रहा है कौन अफीम की तरह घुल रहा है ? किसकी वजह से लोग अपनो को भूल रहा है ?... Poetry Writing Challenge 2 693 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read बस जाओ मेरे मन में बस जाओ मेरे मन में बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी धर्म राह पर ले चल मुझको , हे मुरलीधर हे बनवारी तुम करुणा के सागर... Poetry Writing Challenge · कविता · कृष्ण भजन 2 227 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read भायली चल री भायली ! आज पनघट पर संग-संग, तड़प रहा मन मेरा चटक रहा अंग-अंग... गगरी है खाली मन है भरा-भरा, आ सखी ! कह लें कुछ मन की कर... Poetry Writing Challenge 1 109 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read ज़िंदगी तब और अब ऐ ज़िंदगी ! जब-जब हमने पांव फैलाए रूप बदलते तेरे नज़र आए, लगता कभी छन्न से कोई शीशा टूटा कभी उड़ान भरते आसमां को मुट्ठी में देखा... वो बीत गए... Poetry Writing Challenge 1 86 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read बाल कविता - पीढ़ी पीढि दर पीढ़ी खेल रहे, सब करते हुए काम, आओ, शुरू करें अंताक्षरी लेकर हरि का नाम। म से मम्मी की मम्मी थीं, कहलाती थीं नानी, जन्म लिया जब मैंने,... Poetry Writing Challenge 1 119 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read जीवन कभी गति सा, कभी थमा सा जीवन कभी जलप्रपात के शोर सा, तो कभी एकांतप्रिय शांत झील सा... जीवन कभी कलकल करता बहती नदी सा, कभी मन ही मन जूझता ज्यों वारि के बुलबुलों सा... जीवन... Poetry Writing Challenge 1 76 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 14 Jun 2023 · 1 min read प्रेम के आस - पास प्रेम के आस-पास / विमल प्रेम एकनिष्ठ होता है पीड़ाएँ बहुवचन। हल्का-सा स्पर्श छूने की परिभाषा को बदल जाता है। प्रेम की भाषा नहीं होती इज़हार के शब्द नहीं होते... Poetry Writing Challenge · 25 कविताएं 1 156 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read स्त्रियाँ नेह-रस सी होती हैं नारियाँ प्रेम को जीती हैं वो बिन प्रणय के भी प्रेम कर सकती हैं... प्रेमी के अभिसार को तरसती हुई बरसों बसंत और सावन की प्रतीक्षा कर सकती हैं... प्रेम... Poetry Writing Challenge 1 63 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 2 min read कवयित्री बनी हैं स्त्रियाँ कवयित्री बनी हैं स्त्रियाँ क्योंकि उनको कभी सुना नहीं गया उनकी आवाज़ सदा दबा दी गयी तभी मन की वेदना को स्त्री ने पन्नों पर उकेरा... वो स्त्री ही है... Poetry Writing Challenge 1 147 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read प्रेम प्रतिमा मैं बुत बनी यशोधरा आज बुद्ध बन बैठी हूँ, दुःख से भारी हुई पलकों पर सुकून का एहसास है, मानों जीवन की कठिन राह से निजात पा, क्षणिक नहीं चिर... Poetry Writing Challenge 1 154 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read देखो आई तीज है आई देखो आई तीज है आई मेहंदी का रंग ले आई, घर घेवर थाल सजे हैं शिव-गौरा आरती गाई। देखो आई तीज है आई..... मेरे पिया हौले से बोले आजा संग... Poetry Writing Challenge 1 81 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं ज्ञान के पीछे भागते हम , पुस्तकें हमको भाती... Poetry Writing Challenge · कविता 2 210 Share डॉ. नीरजा मेहता 'कमलिनी' 14 Jun 2023 · 1 min read रमणी कमसिन कामिनी कमनीय कटि सकुच समर्पण सुकुमार सुकृति। दामिनी दमकी दर्शन दृष्टि वामांग वसी वरदान वृष्टि। मस्तक मौक्तिक मंगल मणि अविकच अक्षि अद्विता अणि। लावण्य लावनि लोचन लुभावनि चपल चितवन... Poetry Writing Challenge 1 101 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read कोशिश करना आगे बढ़ना कोशिश करना आगे बढ़ना कोशिश करना आगे बढ़ना , तेरा यही प्रयास हो मुश्किलों से तू न डरना , हौसलों की आस हो रहना सजग तुम हमेशा , खामोशी का... Poetry Writing Challenge · कविता 2 215 Share Previous Page 14 Next