उमा झा Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid उमा झा 25 May 2023 · 1 min read बुद्धि विवेक में कितना अंतर बुद्धि विवेक दो शब्द हैं सुन्दर, है पर दोनों में कितना अंतर । बुद्धि सदा स्व हित का जपता मंतर, विवेक होता परहित का बड़ा समंदर । स्वार्थपूर्ति बुद्धि का... Poetry Writing Challenge 1 168 Share उमा झा 25 May 2023 · 1 min read माँ बनना जब तक न मिलता नारी को संतान सुख, घर-परिवार सर्व समाज रहते विमुख। जाने किन किन बातों से करते तीक्ष्ण उपहास , रहता नयनों के इर्द-गिर्द आंसू का वास ।... Poetry Writing Challenge 2 164 Share उमा झा 25 May 2023 · 1 min read तुम्हारा ही पुकार है अखण्ड दीप ज्योत्सना, प्रकाश दिव्यमान है, धरा में अंधकार है, तुम्हारा ही पुकार है तुम्हारा ही पुकार है ,तुम्हारा ही पुकार है । उठो हे देवी सिन्धसुता, उठो हे देवी... Poetry Writing Challenge 1 123 Share उमा झा 25 May 2023 · 1 min read चिड़िया रानी दूर गगन की चिड़िया रानी, आकर पीलो थोड़ा पानी । दाना चुगते लगेगी प्यास, कहाँ भटकेगी दूर आकाश, बिन पानी क्या जीवन का आस, तन मन तेरा होगा हताश, है... Poetry Writing Challenge 2 300 Share उमा झा 18 May 2023 · 1 min read ढूंढें कहाँ जा अपनी पहचान हम ने सुना है इस दुनिया में, है मात-पिता का ऊँचा स्थान । पुत्र-पुत्री नेत्र हैं इनके,काटूँ किसको, दोनों ही इनके संतान । जब अपना सगा दिखे न कोई, आँचल... Poetry Writing Challenge 223 Share उमा झा 18 May 2023 · 1 min read जब लिखती हूँ मैं कविता जब लिखती हूँ मैं कविता, पग नूपुर नहीं, कंठहार नहीं गहनों से होती श्रृंगार नहीं, होती है शब्दों की रुनझुनता , जब लिखती हूँ मैं कविता । बसंत की स्नेहिक... Poetry Writing Challenge 151 Share उमा झा 18 May 2023 · 1 min read उपहार सुनो! शिष्य करते सम्मान यदि, मत दे वह उपहार कभी, जो उपज हुआ मन का मैला, गुरु शिष्य एक ही, दक्ष धरा के, एक पथ, एक दिशा के, एक लक्ष्य,... Poetry Writing Challenge 171 Share उमा झा 18 May 2023 · 1 min read गुरु वंदना वंदन करूँ गुरु श्रेष्ठ, प्रकृति हे तुम्हारी । तू आकर से सहित हो, आकर से रहित हो, हर रूप में उदित हो, हर कांति में निहित हो, बन कर विशाल... Poetry Writing Challenge 250 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read मैं विपदा की हूँ तरंग मैं विपदा की हूँ तरंग, जिस ओर चलूँ, जिस ओर मुरूँ, कायर की न भांति चलूँ, तनिक टूटते मेरे तन, कर देती मैं अंग भंग, राहों की हूँ पथिक मतंग,... Poetry Writing Challenge 141 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read जाग उठी धरती की ज्वाला जाग उठी फिर से धरती की ज्वाला, देख द्रोही होता अब क्या होने वाला । क्रांति की आंधी जब चलती है, सहस्र शिव की तांडव दिखती है । एक एक... Poetry Writing Challenge 142 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read मानव की चिढ तुझे मिली हरियाली डाली, मेरी प्रकाशयुक्त कोठरी भी काली। यह जग है मेरा साम्राज्य, हर छायाप्रति पर दिखे तुहीं आज । तुझे देख होती अति पीड़ा, बना रहूँ कबतक मैं... Poetry Writing Challenge 120 Share उमा झा 16 May 2023 · 2 min read मैं गुड्डी मन की मतवाली घटा भी मुझसे पूछे, कहो क्या राह तुम्हारी, हवा भी मुझसे पूछे, चलूँ क्या साथ तुम्हारी, खगवृंद बोले मुझसे , बन जा तू सखिया हमारी, उसके चित में मैं बसने... Poetry Writing Challenge 122 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read शिशु ------- हे जग के पालनहार प्रभु जन्म देकर तू क्या किया, स्नेह सुधा की गंग धार, बिन बताए मुझसे छीन लिया, मिलना था, जो माँ का आंचर नंगी धरती पर तू... Poetry Writing Challenge 77 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read बाल श्रमिक फटे अधर, नयनाश्रु लिये कहा बालमन, सुन माँ धरणी, सुन पिता गगन । है क्या मेरा निर्छिन्न अपराध अपार, श्रमिक पांत खड़ा हूँ विवश लाचार। हुई ईश्वर की ऐश्वर्यशक्ति आज... Poetry Writing Challenge 184 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read अर्थ बिना जीवन बेकार गुरूजी पुस्तक कांख दबाए, भूखे पेट अश्रुधार के मारे, जा पहुंचे धनपति के द्वार । मुट्ठी भर दाना दे कर, साथ कई शर्त लगाकर, किया धनपति उन्हे स्वीकार । मरता... Poetry Writing Challenge 131 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा कर्म बड़ा या भाग्य बड़ा, हे मनुज तु सोच जरा, जो नर भाग्यशाली होते हैं, सुख शांति का सोमरस पीते हैं, जग के सदा करणीय वो ही होते, उनका कथन... Poetry Writing Challenge 90 Share उमा झा 16 May 2023 · 2 min read गुड्डी की व्यथा हम थे सखी अदृश्य पवन के, हम गुड्डी थे निर्बंध गगन के। कौन अबोध बालक ने हमको, गगन समीर दिखाया । उसके दुर्बल कर से कट कर, मेरा तन उस... Poetry Writing Challenge 141 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read क्रांति की ज्वाला रे अभागे! शेर को कबतक पिंजरबंध रख पाओगे, महाकाल के गाल स्व संग प्रियजन के प्राण गवाओगे, है, था, रहेगा निःशंक गगन में वह उड़ने वाला, है वीर धरा का... Poetry Writing Challenge 200 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read शौर्य उद्घोष चेत धरा के रिपु समस्त! यह हिन्दुस्तान नहीं, जम्बूद्वीप का अभियान है । हम सत्य अहिंसा के परिचायक, शान्ति धरम के हम हैं नायक, एक और सुन, शौर्य पराक्रम भी... Poetry Writing Challenge 171 Share उमा झा 16 May 2023 · 1 min read शिशु और चंद्रमा एक नन्हा शिशु सोया था, माँ के आँचल में खोया था । स्व चेतना में भरकर उमंग, खेल रहा था नव उदित चंद्रमा के संग । अनायास पड़ोसन द्वार लगाई,... Poetry Writing Challenge 197 Share उमा झा 16 May 2023 · 2 min read फूल सी बच्ची थी वह एक फूल सी बच्ची, मृदुल कोमल भाव की सच्ची । पिता से पाया था बस देह, मिला नहीं कभी मन का नेह । बेटी बनना उसके लिए था... Poetry Writing Challenge 187 Share उमा झा 15 May 2023 · 1 min read सुन मानव ! हे मानव नीरस पथ पर क्यों भटक रहा, तेरी जीवनधारा कंकड़ पत्थर से क्यों अटक रहा, तू जिस जीवन को अपना माना है, बता तू उस पथ को कितना जाना... Poetry Writing Challenge 235 Share उमा झा 14 May 2023 · 2 min read प्रगति बन गई प्रकृति की सौतन भाव भंग लिपटी एक अलबेली, अवतरित हुई प्रगति नार नवेली । करने मानव को निज ओर आकृष्ट, तरल स्नेह की करती हुई वृष्टि । अनुजा भान प्रकृति उसे स्वीकार किया,... Poetry Writing Challenge 1 116 Share उमा झा 14 May 2023 · 1 min read हे जन्मदात्री करूँ क्या तुझको अर्पण ?? हे जन्मदात्री करूँ क्या तुझको अर्पण, तु पीपल की छाया हो माँ , तु आदिशक्ति की काया हो माँ, प्रकृति की हो हर दशा मनोरम, परब्रह्म धरा की कांति हो... Poetry Writing Challenge 98 Share उमा झा 14 May 2023 · 2 min read सुन री तितली *तु मन की अति प्यारी, चंचल हृदय आंखों वाली, चल आज कर हंसी-ठिठोली, सुन री तितली। देख जग में आया नया बसंत, लेकर सृष्टि की खुशियाँ अनंत । छुलूॅं जब... Poetry Writing Challenge 209 Share