सुरेश कुमार चतुर्वेदी Poetry Writing Challenge 42 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुरेश कुमार चतुर्वेदी 13 Jun 2023 · 1 min read ईश्वर अल्लाह गाड गुरु, अपने अपने राम प्रिय पाठक जी आपको, सादर मेरा प्रणाम "एक पते की बात" है, प्रिय बंधु आपके नाम निर्गुण सगुण रूप में, भगवान के हैं कई नाम ईश्वर अल्लाह गाड गुरु, अपने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 834 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 13 Jun 2023 · 1 min read उठो पुत्र लिख दो पैगाम उठो पुत्र लिख दो पैगाम धरती पर जन जन के नाम हिंसा नहीं प्रेम बरसाओ लाओ धरा पर नया विहान उठो पुत्र लिख दो पैगाम एक पिता है एक ही... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 715 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 13 Jun 2023 · 1 min read महाकाल का संदेश बोले कालों के महाकाल, सुन धरती के इंसान रे छलक रहीं अमृत की बूंदें, पान करो इंसान रे हिंसा छोड़ो जीवन जोड़ो, प्रेम का दो पैगाम रे दुर्लभ मनुज जन्म... Poetry Writing Challenge · कविता 632 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 Jun 2023 · 1 min read मैं स्वयं को भूल गया हूं जीवन की आपा धापी में, निज कदमों से दौड़ रहा हूं। प्रारब्ध और निज कर्म धरा पर, जन्म जन्म से भोग रहा हूं।। कौन हूं मैं? और क्यों आया?, नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता 2 642 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 11 Jun 2023 · 1 min read आज के माहौल में आज के माहौल में, आदमी खुश नहीं हर हाल में फंस कर आधुनिक जाल में,दुखी तीनों काल में क्यों वे बजह दुखी हो रहा है, आनंद और प्रसन्नता खो रहा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 525 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 10 Jun 2023 · 1 min read वोटों की फसल निकट चुनाव आ गए,फसल खड़ी तैयार। कुशल चैतुए आ गए,ले ले कर औजार।। ले ले कर औजार,जाल वादों के साम दाम और दण्ड भेद की, पूरी जुगत लगा के फंस... Poetry Writing Challenge · कविता 220 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 Jun 2023 · 1 min read विश्व शांति की करें प्रार्थना, ईश्वर का मंगल नाम जपें सकल अमंगल हरे विश्व का, सुख शांति धरा पर आए। ईश्वर का पावन नाम सुमर , जिसके जो मन भाए ।। प्रेम का ऐंसा गान करें ,धरा प्रेम से भर... Poetry Writing Challenge · कविता 3 1k Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 Jun 2023 · 1 min read खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे आते जाते हैं सुख दुख, जीवन भी है रेल रे खेल भावनाओं से खेलें, जीवन भी है खेल रे कभी हार और कभी जीत, होती रहती है खेल में नहीं... Poetry Writing Challenge · गीत 4 235 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 Jun 2023 · 1 min read जिनसे जिंदा हो,उनको कतल न करो अब दिखने लगा है, मेरी हिमाकतों का असर। पर्यावरण को मिटाने का हस्र!!! ऐसे चलता रहा तो न होगी वसर।। मौसम बदलने लगे,आ रहे ज़लज़ले गर्मीयों में धड़ाधड़ ओले पड़े।... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 3 641 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 Jun 2023 · 1 min read हूं तो इंसान लेकिन बड़ा वे हया अंधाधुंध दोहन तुम्हारा किया,तुम कटते रहे न आई दया पंच तत्वों को जहरीला किया, हूं तो इंसान, लेकिन बड़ा वे हया।। Poetry Writing Challenge · कोटेशन 5 195 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 Jun 2023 · 1 min read जल जंगल जमीन जानवर खा गया क्या करूं, तुम जितने निस्वार्थ हो, करते सदा तुम परमार्थ हो उतना ही मैं स्वार्थी हो गया,जल जंगल जमीन ,जानवर खा गया।। Poetry Writing Challenge · कोटेशन 3 999 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 Jun 2023 · 1 min read अहसान का दे रहा हूं सिला तुम्हारी छांव में पल कर बड़ा हो गया क्या था? और क्या से, मैं क्या हो गया? तुमसेअन्न जल फल मिला, तुमसे बना और बल मिला तुम्हारे अहसान का दे... Poetry Writing Challenge · कविता 4 2 664 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 Jun 2023 · 1 min read एक अदद इंसान हूं हां मैं यूनिक हूं, एक अदद इंसान हूं ८४ लाख जीव में, मैं ही तो महान हूं आदमी को ईश्वर ने अलग ही गढ़ा है सभी चलते हैं पेट के... Poetry Writing Challenge · कविता 3 1 526 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 30 May 2023 · 1 min read दुनिया आनी जानी फानी दुनिया आनी जानी फानी ,दुनिया आनी जानी फानी, दुनिया आनी जानी फानी, मन मत कर अब मनमानी, रे मन मत कर अब मनमानी दुनिया आनी जानी फानी, दुनिया आनी जानी... Poetry Writing Challenge 1 312 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 30 May 2023 · 1 min read मां मन वीणा झंकृत कर दे मां मन बीणा झंकृत कर दे उर का अंधकार हर ले,प्रेम प्रीत उर में भरदे आ जाए वो नव विहान दुनिया खुशियों से भरदे, मां मन वीणा झंकृत कर दे... Poetry Writing Challenge 1 213 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 30 May 2023 · 1 min read गंगा दशहरा मां गंगा का प़काट्य दिवस सर्व तीर्थमयी पावन गंगा, तीर्थों में मूर्धन्या गंगा ब़म्हा विष्णु महेश हैं गंगा,विधि हरि हरमयी हैं गंगा भारत का स्वाभिमान हैं गंगा, भारतीयता की प्राण हैं गंगा संस्कृति की पहचान... Poetry Writing Challenge · कविता 2 609 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 30 May 2023 · 1 min read मां गंगा ऐसा वर दे मां गंगा ऐसा वर दे,तन मन का अंधकार हर ले मोह जनित अज्ञान दूर कर,पाप ताप सारा हर ले जनम जनम से भटक रहा हूं, मैया चरण शरण में ले... Poetry Writing Challenge · कविता 4 435 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 2 min read भूले नहीं भुलाती, मेरी मातृभूमि कश्मीर रोम रोम है दर्द का दरिया, अंतहीन है पीर भूले नहीं भुलाती, मेरी मातृभूमि कश्मीर अपने घर से हुए पराए, पीड़ा दिल की कही न जाए घर दर दैर जमीन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 468 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 2 min read चुनावी घोषणा पत्र दुनिया के सभी महा ठगों को बुलाओ जल्दी चुनावी घोषणा पत्र तैयार कराओ हर अंचल, हर वर्ग, धर्म, जाति, सभी को रिझओ लिख दो सबको बंग्ला गाड़ी देंगे वोनस में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 201 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read मुझको कुर्सी तक पहुंचा दे सुन रे ललुआ सुन रे कलुआ अपनी सारी जुगत बैठा दे मुझको कुर्सी तक पहुंचा दे अब की बाजी निकल ना जाए एक बार सरकार बना दे सारे हथकंडे अपना... Poetry Writing Challenge · कविता 1 462 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read हे परम पिता परमेश्वर,जग को बनाने वाले हे परम पिता परमेश्वर,जग को बनाने वाले धर्मांध हुई दुनिया सारी, लड़ते रहते हैं जग वाले एक नूर ते जग उपजाया,माया कोई जान पाया क्यों तुमने अपने नामों से, दुनिया... Poetry Writing Challenge · कविता 2 4 683 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 2 min read बापू के संजय स्वतंत्रता के 75वे वर्ष में, पूरे भारतवर्ष में गांधी जयंती धूमधाम से मनाई सरकारी भोंपू ने प्रमुख खबर बनाई सुबह जब अखबार उठाया तो नेताजी को माला अर्पण करते पाया... Poetry Writing Challenge · कविता 1 488 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 3 min read श्री नेता चालीसा (एक व्यंग्य बाण) प्रजातंत्र का ध्यान कर, राजनीति चित लाय । नेताजी के गुण कहूं, कुर्सी शीश नवाय ।। जय जय जय नेता महाराजा । प्रजातंत्र के तुम हो राजा ।। गुण अवगुण... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 516 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में कैसे मीन बचे बेचारी,गंदे इस परिवेश में कहते कुछ और करते कुछ हैं, कोई धरम ईमान नहीं अंदर कुछ और... Poetry Writing Challenge · कविता 1 405 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का पल होगा आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का कल होगा जीवन पर संकट के बादल, संघर्ष यहां पल पल होगा नहीं मिलेगा पीने पानी , नहीं अन्न और फल होगा पर्यावरण... Poetry Writing Challenge 2 2 448 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read गला रेत इंसान का,मार ठहाके हंसता है ये कैंसा उन्माद, धार्मिक कट्टरता है गला रेत कर एक इंसान का,मार ठहाके हंसता है इंसानियत का खून बहा, जन्नत की चाहत रखता है हर एक गैर मुस्लिम में,इसको काफ़िर... Poetry Writing Challenge · कविता 194 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read हे अल्लाह मेरे परवरदिगार या अल्लाह या मेरे परवरदिगार कर निगाहे करम, दे प्यार ही प्यार दुनिया हो रही वेजार आदमी आदमी को खा रहा नफरतों की आग में जग जल रहा मज़हब के... Poetry Writing Challenge · कविता 427 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 2 min read मातृशक्ति को नमन मातृशक्ति को नमन त्याग तपस्या की मूरत, करुणा प्रेम और बलिदान की नारी है धरती की पुत्री, जननी सकल जहान की सारी धरती गोद है उसकी, और आंचल है नीलगगन... Poetry Writing Challenge · कविता 186 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read प्रेम ईश्वर प्रेम अल्लाह प्रेम ईश्वर प्रेम अल्लाह, प्रेम मंजिल रूहानी है प्रेम इस फानी दुनिया की, फकत पहली कहानी है प्रेम का सार है भक्ति, शास्वत सत्य है ईश्वर प्रेम और इंसानियत का,... Poetry Writing Challenge · कविता 169 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 2 min read तुम मन मंदिर में आ जाना तुम मन मंदिर में आ जाना, तन मन मेरा महका जाना जब खेतों में सरसों फूले, और अमराई वौरा जाए, जब टेसू से वन लाल लगे ,और मन पंछी उड़... Poetry Writing Challenge · कविता 3 393 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read ताजा समाचार है? लूट खसोट चोरी हत्या और बलात्कार है नेताओं की बदजुबानी और भ़ष्टाचार है चुनावी चिल्ला पों की आई बहार है सड़क दुघर्टनाओं में, उजड़ रहे परिवार है गरीब के पेट... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 220 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read एक पते की बात एक पते की बात बताऊं, सबहूं कहूं सनमाने धर्म रहे हृदय स्थाने, जो नर यह पहचाने सदा पाप से दूर रहे वह, ईश्वर अल्लाह जाने एक पते की बात बताऊं,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 398 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read दिल लगाएं भगवान में जीवन का अंतिम पड़ाव तो, निश्चित ही शमशान है लाभ हानि की दृष्टि से, जीवन का नुक़सान है लाभ हानि नुकसान फायदा, जीवन से हैं जुड़े हुए हितकर और अहितकर... Poetry Writing Challenge · कविता 345 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read अलविदा कहने से पहले दुनिया से विदा होने से पहले अलविदा कहने से पहले जो कुछ करना है सो करले जो भी कहना है सो कहले क्या पाप क्या पुण्य किया क्या लिया धरा... Poetry Writing Challenge · कविता 218 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read ऊपर वाले की हिदायत और नियामत मिट गई ऊपर वाले ने धरा को जब बनाया था नहीं दरोदीवार,न दरवाजा बनाया था भेजा था जब आदमी,गुर सिखाया था जीने खाने के लिए,साधन जुटाया था प्रेम अमन का रास्ता, उसने... Poetry Writing Challenge · कविता 136 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read नर नारी नर सृष्टि में बीज ब़म्ह का, नारी उसकी माया सृष्टा की शक्ति है माया,सारा संसार बनाया अलग नहीं एकात्म रूप हैं,सृष्टा ने उपजाया ईश्वर अंश समान रूप से, दोनों में... Poetry Writing Challenge · कविता 367 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read खुद के करीब एक दिन इत्तेफाक से, खुद के करीब हम आ गए देख अपने आप को, मन ही मन शरमा गए हमने पूछा आत्मा से ,कैसे हो तुम क्या हाल हैं पहले... Poetry Writing Challenge · कविता 446 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 2 min read देख रहा था पीछे मुड़कर देख रहा था पीछे मुड़कर, 60 बरस कब बीत गए बचपन यौवन और जवानी, सब के सब ही रीत गए पीछे यादों का मेला है, जिसमें हंस अकेला है छूट... Poetry Writing Challenge · कविता 2 246 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read आत्मा की आवाज कभी कभार मुझको भी आंक लिया करो मेरे दामन में झांक लिया करो मैं बैठी रहती हूं अकेली, मुझसे बात किया करो अपने अंतस में झांक लिया करो जब कभी... Poetry Writing Challenge · कविता 390 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read जीव कहे अविनाशी नश्वर घट में बैठे-बैठे, जीव कहे अविनाशी अब तक मुझको जान न पाए, उम्र बीत गई खासी मनुज देह की कदर न जानी, करते हो मनमानी नश्वर जग को सांचा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 492 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2023 · 1 min read और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं मानवता चिथड़ी चिथड़ी, मजहब की दीवार खड़ी जाति नस्ल भाषा अंचल पर, हिंसा होती घड़ी घड़ी सीमाएं सब टूट रहीं,... Poetry Writing Challenge · कविता 668 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 14 May 2023 · 1 min read मानवता हमें बचाना है डरा रहा परिदृश्य विश्व का,हर ओर जंग के साए हैं अशांत हुई सारी दुनिया,संकट के बादल छाए हैं अपने अपने स्वार्थ सभी के,आपस में टकराए हैं धर्म जाति नस्ल भाषा,... Poetry Writing Challenge · कविता 249 Share