राहुल द्विवेदी 'स्मित' Poetry Writing Challenge 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read आईने सा टूट जाना बन्द कर आईने सा टूट जाना बन्द कर । ख्वाब ! यूँ नखरे दिखाना बन्द कर ।। कब तलक वादों की मैयत में रहूँ ; अब मुझे तू याद आना बन्द कर... Poetry Writing Challenge 1 86 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read करके' जादू असर गया कोई करके' जादू असर गया कोई । उसकी' खुशबू से' भर गया कोई ।। सोच की हद नहीं हुआ करती ; यूँ ही' तारों के' घर गया कोई । शह्र में... Poetry Writing Challenge 197 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read जिन्दगी भर दर्द का सेहरा मिला जिन्दगी भर दर्द का सेहरा मिला । एक तो'हफा प्यार में ऐसा मिला ।। याद तन्हाई तड़प रुसवाईयाँ ; साथियों का ऐसा' भी मजमा मिला । उम्र भर जिसके लिए... Poetry Writing Challenge 233 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read हमारी कसमें हमारे' वादे हमारे शिकवे कमाल दे दे हमारी कसमें हमारे' वादे हमारे शिकवे कमाल दे दे । मेरी मोहब्बत का' ऐ मुसाफिर वहीं पुराना खयाल दे दे ।। तुम्हारी बातें तुम्हारे चर्चे तुम्हारे जलवे तुम्हे मुबारक ।... Poetry Writing Challenge 162 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read तू कहता है कि तू प्यासा नहीं है तू कहता है कि तू प्यासा नहीं है । समन्दर है तो क्यों दिखता नही है ।। अगर खामोश है कुछ बात होगी ; ये उसका कुदरती लहजा नहीं है... Poetry Writing Challenge 219 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read कुछ न कुछ होंगी यकीनन उसकी भी मजबूरियाँ कुछ न कुछ होंगी यकीनन उसकी भी मजबूरियाँ । यूँ ही तो फूँकी न होंगी उसने दिल की बस्तियाँ ।। आदमी हैवान की भी शक्ल ले सकता है गर ;... Poetry Writing Challenge 118 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read इक ग़ज़ल पढ़ के तुम्हारी इक ग़ज़ल पढ़ के तुम्हारी । बढ़ गई है बेक़रारी.. ।। नम हैं पलकों के किनारे । कुछ निशानी है तुम्हारी।। ये असर तेरी अदा का, ग़ज़लों में भी है... Poetry Writing Challenge 190 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 3 min read चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर । निष्ठुरता ने मानवता को, मार दिया खूनी ख़ंजर । गलियाँ-गलियाँ सुबक रही हैं, वादी-वादी दहशत है । सन्नाटों में कहीं... Poetry Writing Challenge 94 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read सम्बन्धों की आड़ में, फन फैलाये शूल। सम्बन्धों की आड़ में, फन फैलाये शूल। ज्यों फूलों की पाँखुरी, ओढ़े हुए बबूल।। रिश्तों के मकरंद में, भर आती दुर्गंध। समझौतों के गोंद से, जुड़ते जब सम्बंध। नहीं रही... Poetry Writing Challenge 155 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read मत्तगयन्द सवैया मत्तगयन्द सवैया रामहि संग सिया मनही मन रास रचाय लजाय रही हैं । प्रीत फुहार अगार पगार व तीनहुँ लोक लुभाय रही हैं । लोक बिसार बिसार सभी कुछ फाग... Poetry Writing Challenge 229 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 2 min read आज देश में संबिधान की मर्यादा भी डोल गयी आज देश में संबिधान की मर्यादा भी डोल गयी । अनुच्छेद व अनुसूची का काला दर्पण खोल गयी । मानवता भी शर्मसार है ऐसे चन्द दलालों से । नारी का... Poetry Writing Challenge 201 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 2 min read सन्नाटों में चीख रहे हैं, दहशत के हथियार मगर सन्नाटों में चीख रहे हैं, दहशत के हथियार मगर । भारतवासी समझ रहे हैं, इसको ही त्यौहार मगर । भला मौत के पंजे भी कब, त्योहारों के दर्पण थे ।... Poetry Writing Challenge 39 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read तुम जीवन की अमर शिखा हो चंचल-चंचल नेत्र तुम्हारे, सम्मोहन की हाला । रूप तुम्हारा प्रिये प्रकृति के, यौवन की मधुशाला । सांसों के झंकृत साजों से, जीवन भी गति पाते । प्रिये तुम्हारे भोले मन... Poetry Writing Challenge 141 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read सूरज बन सकता है यहीं शाश्वत सत्य, भला कब हीरा खुद को जाने । उसकी प्रतिभा केवल उसका, धारक ही पहचाने । तुलसी सूर कबीर जन्म से, कवि तो नहीं हुए थे । किन्तु... Poetry Writing Challenge · सार छंद 48 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read वह शिक्षक है इस ज्ञान सिंधु के बीच सहज जो करे वास वह शिक्षक है । देकर सुगन्ध जो मन भर दे ऐसा पलास वह शिक्षक है । पशुता के कर्कश वचनों में... Poetry Writing Challenge · कविता · छंद · शिक्षक 91 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read महाभुजंगप्रयात सवैया महाभुजंगप्रयात सवैया १) सदा पंथ की धूल माथे सजाये, नए पंथ की सर्जना कीजियेगा । सुधा बाँटियेगा सभी मे सदा और प्याले विषैले स्वयं पीजियेगा । स्वयं के दुखों को... Poetry Writing Challenge 160 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read प्रिये तुम्हारे बाद है (पञ्चचामर छंद) मिले जो' तुम तो' प्रीत की, बयार गुनगुना उठी । यों' रोम-रोम खिल उठे, नजर-नजर लजा उठी । हजार स्वप्न जी उठे, हजार मौन गा उठे । अगेय छंद हो... Poetry Writing Challenge 75 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read भावाञ्जलि बाल लेखनी को कहाँ, मिला कभी विस्तार। शब्दों का सुंदर गठन, भावों का आकार।। शब्द शून्य, भाव शून्य, काव्य का प्रभाव शून्य मूढ़ मति कविता से, दूर भागने लगी। एक... Poetry Writing Challenge 140 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read प्यार प्यार नुमाइश के घुँघरू की तान नहीं । प्यार बेहूदे साजों वाला गान नहीं । प्यार तथ्य है, यह अंधा अनुमान नहीं । प्यार किसी की हमदर्दी का दान नहीं... Poetry Writing Challenge 82 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read माँ (गीतिका) तिनका-तिनका अरमानों की सेज सजाये बैठी माँ । डांट डपट सुनकर भी कितनी आस लगाये बैठी माँ ।। आँखों में सपनों का सागर दिल में ममता की गंगा ; चुपके-चुपके... Poetry Writing Challenge 63 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read एक तुम्हारा प्यार तुम्हारी यादों का संसार । हमारी साँसों का श्रृंगार ।। हृदय की हर धड़कन का साज ; प्रिये बस एक तुम्हारा प्यार । तुम्हारे चपल सजीले नैन ; जगत की... Poetry Writing Challenge 92 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read खुद को बड़ा बनाओ तो बस कहने से नहीं चलेगा खुद को बड़ा बनाओ तो, खुद के जख्म छुपाकर प्यारे गैरों को अपनाओ तो..... बस कहने से........।। नदी बड़ी है अहसासों की नाले ताल तलैया... Poetry Writing Challenge 147 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read विधा गीतिका शुद्ध पावन सुगर्भित विधा गीतिका । भाव श्रंगार पूरित विधा गीतिका ।। गीतिका छंद छन्दों का' गलहार है ; तो है कुण्डल सुमंडित विधा गीतिका । मापनी और छंदों का... Poetry Writing Challenge 129 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read एक तुम्हारा प्यार तुम्हारी यादों का संसार । हमारी साँसों का श्रृंगार ।। हृदय की हर धड़कन का साज ; प्रिये बस एक तुम्हारा प्यार । तुम्हारे चपल सजीले नैन ; जगत की... Poetry Writing Challenge 70 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read माँ (गीतिका) तिनका-तिनका अरमानों की सेज सजाये बैठी माँ । डांट डपट सुनकर भी कितनी आस लगाये बैठी माँ ।। आँखों में सपनों का सागर दिल में ममता की गंगा ; चुपके-चुपके... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · माँ 162 Share राहुल द्विवेदी 'स्मित' 14 May 2023 · 1 min read दिल यहीं पहचान तेरी है एक टूटी सी हवेली है । दिल यहीं पहचान तेरी है ।। आईना वो जानता है दोस्त ; सबके खातिर जो पहेली है । दोस्ती का पूछ ही मत यार... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 130 Share