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14 May 2023 · 1 min read

आईने सा टूट जाना बन्द कर

आईने सा टूट जाना बन्द कर ।
ख्वाब ! यूँ नखरे दिखाना बन्द कर ।।

कब तलक वादों की मैयत में रहूँ ;
अब मुझे तू याद आना बन्द कर ।

ये रईसी ऐब हैं ले जा इन्हें ;
मुफ़लिसी का दिल दुखाना बन्द कर ।

हँस रही हैं देख कर तारीकियाँ ;
जुगनुओं सा टिमटिमाना बन्द कर ।

इश्क तेरी ये वफ़ादारी भी क्या ;
चार दिन यारी निभाना बन्द कर ।

राहुल द्विवेदी ‘स्मित’

Language: Hindi
1 Like · 84 Views
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