Shashi kala vyas Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 1 min read *"तुम ही मेरा गुमान हो स्वाभिमान हो"* *तुम ही मेरा गुमान हो तुम ही मेरा अभिभान हो* पिता कर्म पिता धर्म पिता स्वर्ग , पिता सर्वश्रेष्ठ पूज्य देव तुल्य महान हो। मेरी प्रेरणा आदर्श उच्च विचारों की... Poetry Writing Challenge 1 194 Share Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 1 min read *"भीगी पलकें क्यों छुपा रहे हो"* *"भींगी पलकें क्यों छुपा रहे हो"* नजरों से नजरें जब मिल गई , जुबां से कुछ ना बोल रहे हो। कुछ ना कहते फिर भी जाने क्यों , क्यों इतना... Poetry Writing Challenge 128 Share Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 2 min read *"अन्नदाता"* *"अन्नदाता"* कृषि प्रधान भारत देश सोने की चिड़िया कहलाता। बंजर जमीन को उपजाऊ बनाके, बीज बोता सुनहरी फसल उगाता। सुबह सबेरे खेतों पे बैलों को बांधके, हल चला जुताई करने... Poetry Writing Challenge 2 273 Share Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 1 min read *"कलम की ताकत"* *"कलम की ताकत"* लेखनी जब कलमकारों के हाथों में चलती , तब आग की लौ लपेटे एक चिंगारी सी जलती , अंतर्मन तरंगों में ज्वाला धधकती हुई , जब शब्दों... Poetry Writing Challenge 1 186 Share Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 1 min read *"मेघ आए हैं देखो बन ठन के"* *"मेघ आये बन ठन के"* धरा ने ओढ़ ली चुनरिया दुल्हन बनके , व्योम दूल्हा बने हैं, देखो सेहरा पहन के। उमड़ घुमड़ कर बदरा छाये , चमक दामिनी चमकत... Poetry Writing Challenge 1 151 Share Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 1 min read *"यूं ही कुछ नहीं होता जीवन में"* *"यूँ ही कुछ भी नही होता जीवन में"* अचानक *यूँ ही कुछ भी* हासिल नही होता, जीवन लक्ष्य बनाते हुए , जी जान से कड़ी मेहनत से , कुछ खोकर... Poetry Writing Challenge 3 1 495 Share Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 1 min read *"ओ रे मांझी तू चल"* *"ओ रे मांझी तू चल"* दुर्गम पथ प्रदर्शक पथिक थक मत,ओ रे मांझी तू आगे बढ़ते चल..... सागर में उफनती लहरों के साथ में अपनी मंजिल तय करते चल... मीठी... Poetry Writing Challenge 4 2 228 Share Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 1 min read *"कुदरत का करिश्मा है"* *कुदरत का करिश्मा"* कुदरत का ये खेल निराला , कहीं धरती हरीभरी हरियाली , कहीं सूखा प्रभावित बंजर भूमि, कहीं पानी भूकंप बाढ़ कहीं सूखी धरती , *कुदरत का करिश्मा... Poetry Writing Challenge 4 1 317 Share Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 1 min read *"पावस ऋतु"* *"पावस ऋतु"* उमड़ घुमड़ गरजे मेघ , घनघोर घटा छाये। आसमान में लालिमा , मन हर्षित हो जाए। ****************** झूला डालो री सखी , सावन राजा आए। प्यारे गीत गाओ... Poetry Writing Challenge 1 315 Share Shashi kala vyas 1 Jun 2023 · 1 min read *"बारिश का पानी"* *"बारिश का पानी"* बूंदो की पड़ी फुहार ,रिमझिम सा बरसता वो बारिश का पानी। तनमन को भिंगोने आया ,आँगन में टपकता वो बारिश का पानी। मन की उम्मीदों को जगाने... Poetry Writing Challenge 3 1 263 Share Shashi kala vyas 31 May 2023 · 1 min read *"नमामि देवी नर्मदे"* *"नमामि देवी नर्मदे"* नमामि देवी नर्मदे हर हर कहते तुम्हें नमन। शिव के पसीने से प्रगटी हो करें आत्मचिंतन।नर्मदा जल पवित्र पावन हो जाये जब दर्शन। सुख देने वाली जलधारा... Poetry Writing Challenge 2 2 372 Share Shashi kala vyas 31 May 2023 · 1 min read *"धधक रही हृदय में ज्वाला"* *"धधक रही हृदय में ज्वाला"* अनगिनत सवालों से जूझते हुए, अंतर्मन में धधक रही ये ज्वाला। ओ मानव निर्लज्ज , बेखबर प्रकृति से क्यों करता खिलवाड़ , यही तो है... Poetry Writing Challenge 2 1 204 Share Shashi kala vyas 29 May 2023 · 3 min read *"टूट चुकी हूं निखरना बाकी है"* *"टूट चुकी हूँ निखरना बाकी है"* जीवन पथ पर चलते चलते , न जाने ये कैसी आँधी की लहर छाई। न कोई सूचना ना कोई अंदेशा .. सौ साल बाद... Poetry Writing Challenge 2 1 89 Share Shashi kala vyas 29 May 2023 · 1 min read "*कभी तो खुली सी किताब हो जिंदगी"* *कभी तो खुली सी किताब हो जिंदगी* किताब के पन्नों को पलटते हुए निगाहें, थम सी गई ख्यालों में गुम हो गई जिंदगी। धड़कनें तेज हुई रिश्तों की दरकार से... Poetry Writing Challenge 1 1 269 Share Shashi kala vyas 29 May 2023 · 2 min read *"उन्मुक्त गगन"* *"उन्मुक्त गगन"* उमड़ घुमड़ कर घिर आए काले बदरा छाए, पवन अविरल उन्मुक्त चले झूमे नाचे गीत गाती। अठखेलियाँ करता मन बावरा ,कुदरत को देख मचलती। बादलों में लुकाछिपी चाँद... Poetry Writing Challenge 5 1 255 Share Shashi kala vyas 29 May 2023 · 1 min read "*खुशबू बता रही है वो रास्ते में है"* *"खुशबू बता रही है वो रास्ते में है"* मौसम परिवर्तन पत्ते झड़ते जाते , नव तरु पल्लव फिर से उग आते , हरियाली से चहुँ ओर फैल जाते , उपवन... Poetry Writing Challenge 2 1 252 Share Shashi kala vyas 28 May 2023 · 2 min read *आज फिर तेरी जरूरत है* *"आज फिर जरूरत है तेरी"* उदास अँखियाँ जब किसी को ढूंढती है, तेरे सिवा मेरे पास और कोई नजर नहीं आता है। बस मेरे कान्हा तेरा दर्शन ही मुझे बहुत... Poetry Writing Challenge 6 2 310 Share Shashi kala vyas 27 May 2023 · 1 min read *झूठी दुनिया झूठे लोग* *"झूठी दुनिया झूठे लोग"* झूठी शान शौकत दिखावटी अजीब से लोग, सारे रिश्ते नाते छूटे ,काम क्रोध मद मोह लोभ, सामने मीठी बातें करते ,पीठ पीछे बुराई करते लोग। झूठी... Poetry Writing Challenge 3 1 961 Share Shashi kala vyas 26 May 2023 · 1 min read "*तुम सांझ ढले चले आना"* *"तुम साँझ ढले चले आना"* सुबह सबेरे सूर्य उदित हो , काम की धुन में हड़बड़ी लिए हुए, खामोश निगाहें पलकें झुकी हुई , इधर उधर हलचल भगदड़ मची हुई... Poetry Writing Challenge 5 1 311 Share Shashi kala vyas 25 May 2023 · 2 min read *"जीवन पथ"* *"जीवन पथ"* जीवन पथ का पथिक हूँ मैं , हिम्मत से आगे घुटनों के बल बड़ती रही, आंधी आये या तूफानों में खड़ी रही, मंजिल तक पहुंचने को अडिग ही... Poetry Writing Challenge 4 1 172 Share Shashi kala vyas 24 May 2023 · 1 min read "*छू लो आसमां को"* "*छू लो आसमां को"* छू लो आसमां को मंजिल अभी दूर है , आशायें कम ना हो, उम्मीद की किरणें अभी बाकी है। कुछ अरमान संजोये हुए , जो अधूरे... Poetry Writing Challenge 6 1 90 Share Shashi kala vyas 24 May 2023 · 1 min read "*सिद्धिदात्री मां"* *"सिद्धिदात्री माँ"* अष्ट सिद्धि नव निधि की अधिष्ठात्री , हे जगजननी शुभ मंगल आनंद करणी। अष्टभुजा माँ शक्ति स्वरूपिणी भयनाश भवतारिणी भयहारिणी। 🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱 अष्टभुजा शंख चक्र गदा पुष्प पद्मवासिनी बल... Poetry Writing Challenge 2 2 94 Share Shashi kala vyas 24 May 2023 · 1 min read *"सरस्वती वंदना"* *"सरस्वती वंदना"* ऐसा ज्ञान बहा दो मैया , चरणों में झुक जाऊँ मैं , तम अंधकार मिटा दो मैया , अंतर्ज्योति जलाऊँ मैं , *ऐसी प्रीत जगा दो मैया* *निज... Poetry Writing Challenge 4 3 113 Share Shashi kala vyas 23 May 2023 · 2 min read *नन्हीं सी गौरिया* *"नन्हीं सी गौरैया"* भोर होने से पहले जग जाती , सांझ ढलने पर सो जाती। सुबह सबेरे उठ ची ची चहकती , कलरव कर हमें संदेश दे जगाती। *वो नन्हीं... Poetry Writing Challenge 4 2 172 Share Shashi kala vyas 23 May 2023 · 1 min read *खामोशी अब लब्ज़ चाहती है* *खामोशी अब लफ्ज चाहती है* जीने का अंदाज बदल कर , तन्हाई में घुट घुट कर क्यों मरना , पुराने जमाने की बातें सुनना , आखिर ऐसा काम क्यों करना... Poetry Writing Challenge 3 1 127 Share