डॉ.सीमा अग्रवाल Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ.सीमा अग्रवाल 27 May 2023 · 2 min read हमने तुमको दिल दिया... हमने तुमको दिल दिया, तुमने आँसू-भार। प्रेम-समर में पाँव रख, पायी हमने हार। बनते-बनते काम में, देती पलटी मार। किस्मत भी न जाने क्यों, खाए रहती खार। शब्द रिदय पर... Poetry Writing Challenge · दोहा गीत 2 469 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2023 · 2 min read किन्नर-व्यथा ... हमें भी तो जना तुमने, पिता का खून थे हम भी। कलेजा क्यों किया पत्थर, सुनें तो माँ जरा हम भी। दिखा दो एक भी ऐसा, कमी कोई नहीं जिसमें,... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 1 302 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2023 · 2 min read नारी जगत आधार.... नारी जगत आधार.... नवरातों में कर रहे, माता का गुणगान। घर-घर में नारी सहे, कदम-कदम अपमान।। सहती दारुण दुख अकथ,रहती अविचल मौन । नारी-व्यथा अथाह अति, बाँचे उसको कौन।। नयन... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 2 330 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2023 · 2 min read कुछ मुक्तक... महज दे ज्ञान पुस्तक का, नहीं पढ़ना सिखाते हैं। सहारा बन हमारा ये, हमें बढ़ना सिखाते हैं। हमारे मार्गदर्शक ये, सुझाते हैं सुपथ हमको, कहाँ है क्या हमें करना ,... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 429 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2023 · 1 min read भरे मन भाव अति पावन.... भरे मन-भाव अति पावन, करूँ नित वंदना शिव की। जपूँ शिव नाम की माला, करूँ आराधना शिव की। शिवा अर्धांगिनी शिव की, करो माता दया मुझ पर, हरो हर वासना... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 1 289 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2023 · 1 min read बरसें प्रभुता-मेह... बात न बनती युद्ध से, होता बस संहार। त्राहित्राहि जनता करे, हर सूं हाहाकार।। दुनिया एक कुटुंब है, रहें सभी मिल साथ। स्वार्थ पूर्ण इस जंग से, आएगा क्या हाथ।।... Poetry Writing Challenge · दोहा 213 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2023 · 1 min read नैनों में प्रिय तुम बसे.... कुछ दोहे... नैनों में प्रिय तुम बसे, अधर तुम्हारा नाम। एक इशारा तुम करो, चलूँ तुम्हारे धाम।। समता उसके रूप की, मिले कहीं न अन्य। निर्मल छवि मन आँककर, नैन... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 277 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2023 · 1 min read माँ सच्ची संवेदना.... माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास। मेरे जीवन-पुष्प में, माँ खुशबू का वास।। रंग भरे जीवन में जिसने, महकाया संसार। पाला पोसा जानोतन से, दिया सुघड़ आकार। खुश रहे जो... Poetry Writing Challenge · दोहा · मुक्तक 3 144 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 May 2023 · 1 min read रोम-रोम में राम.... जन-जन के आदर्श तुम, दशरथ नंदन ज्येष्ठ। नरता के मानक गढ़े, नमन तुम्हें नर श्रेष्ठ।। धन्य-धन्य प्रभु आप हैं, लिया राम-अवतार। मानवता-हित खोलने, उच्च चेतना-द्वार।। कण-कण में श्रीराम हैं, रोम-रोम... Poetry Writing Challenge · दोहा 4 4 294 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 May 2023 · 1 min read कुछ मुक्तक... मुखड़ा है चंदा का हाला, दमक रहे सब अंग। देख रूप का उसके जादू, रह जाते सब दंग। आती इठलाती-बलखाती,पहन नौलखा हार। पकड़ किसी की कभी न आए, वह अलबेली... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 2 259 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 May 2023 · 1 min read कुछ मुक्तक... भरे जो नेह की हाला, न प्याला वो कभी फूटे। सिखाए जो सबक सच के, न शाला वो कभी छूटे। खुशी जिनसे छलकती हो, जुड़ें वे तार सब मन के,... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 3 176 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 22 May 2023 · 1 min read किए जा सितमगर सितम मगर.... किए जा सितमगर सितम मगर। सर मेरे ये इल्जाम न कर। जो जी में आए कर जी भर, पर व्यर्थ मुझे बदनाम न कर। गलती मुझसे जो हुयी नहीं, जबरन... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 167 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 21 May 2023 · 1 min read ऐलान कर दिया.... 'आजाद हो तुम आज से', ऐलान कर दिया। क्या अब कहें कहकर हमें, बेजान कर दिया। नादान थे समझे नहीं, बातें जहर बुझी, तुमने कहा हमने सुना, उस कान कर... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 4 327 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 20 May 2023 · 1 min read रोकोगे जो तुम... रोकोगे जो तुम प्यार से, कुछ पल को ठहर जाऊँगी। वरना आम मुसाफिर की तरह, मैं भी गुजर जाऊँगी। मैं एक क्षणिक झोंका हवा का, कोई बिसात न मेरी, ढूँढोगे... Poetry Writing Challenge · गीतिका 3 171 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 May 2023 · 1 min read गुनो सार जीवन का... इधर-उधर मत डोलो। मन की आँखें खोलो। तोड़ो न दिल किसी का, असत्य कभी न बोलो। रखकर कर्म-तुला पर, सुख-दुख दोनों तोलो। प्रायश्चित के जल से, मल पापों का धो... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 1 161 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 May 2023 · 1 min read आओ प्रिय बैठो पास... आओ प्रिय बैठो पास... आओ प्रिय बैठो पास, कुछ ख्वाब मधुर से बुन लें। कुछ कहो जो तुम आँखों से, हम आँखों से सुन लें। प्रेमसिक्त इस भावनगर में, लफ्जों... Poetry Writing Challenge · गीतिका 2 167 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 May 2023 · 1 min read रात बदरिया... रात बदरिया घिर - घिर आए। पास न कोई दिल घबराए। बागी हुआ निगोड़ा मौसम, आ धमकाए लाज न आए। उफ कैसी मनहूस घड़ी है, बात - बात पर जी... Poetry Writing Challenge · गीतिका 2 188 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 May 2023 · 1 min read चली पुजारन... सात्विक भाव रिदय में आया। लगा लूँ प्रभु-भक्ति में काया। चली 'पुजारन' देवालय को, विधिवत् पूजा-थाल सजाया। घट-घट वासी देखूँ घट में, घट-पूजन कर अर्घ्य चढ़ाया। धूप-दीप औ अगरु-धूम ने,... Poetry Writing Challenge · गीतिका 1 216 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 May 2023 · 1 min read साजिशें ही साजिशें... साजिशें ही साजिशें… साजिशें ही साजिशें। हर तरफ हैं साजिशें। चैन- सुकून लील रहीं, रंजिशें औ साजिशें। लग रहीं हर काम में, तिकड़म औ सिफारिशें। पूरी हों तो कैसे, आसमां... Poetry Writing Challenge · गीतिका 1 193 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 May 2023 · 1 min read चलते-चलते... चलते-चलते प्यादा, वजीर बन गया। हरएक की नज़र में, नजीर बन गया। किस्मत पर अपनी, क्यों न करे गुमां, वह जो रातों- रात, अमीर बन गया। कभी-कभी यूँ भी, सँवरता... Poetry Writing Challenge · गीतिका 1 166 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 May 2023 · 1 min read कोरे कागज पर... कोरे कागज़ पर आज रिदय के…. कोरे कागज़ पर आज रिदय के, दिल की अपने हर बात लिख दूँ। देख तुम्हें सद्य जो जन्मे मन में, वे अरमां अबोध नवजात... Poetry Writing Challenge · गीतिका 1 2 150 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 15 May 2023 · 1 min read आदमी चिकना घड़ा है... आदमी चिकना घड़ा है.... वक्त ये कितना कड़ा है। किस कदर तनकर खड़ा है। कौन किससे क्या कहे अब, बंद मुँह ताला जड़ा है। सत्य लुंठित सकपकाया, एक कोने में... Poetry Writing Challenge · गीतिका 2 2 283 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 14 May 2023 · 1 min read कौन सोचता.... कौन सोचता बोलो तुम ही, दुखिया की लाचारी पर ? पढ़ो पोथियाँ भरी पड़ी हैं, भारत की सन्नारी पर। देश हुआ आजाद मगर क्या, खुशहाली सब तक आयी ? मिल... Poetry Writing Challenge · गीतिका 3 541 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 14 May 2023 · 2 min read हृद्-कामना.... हृद्-कामना... यही कामना जग में सबसे, सरल-सहज व्यवहार करूँ। तेरी कृपा के गुल खिलें तो, उन्हें गले का हार करूँ।। नहीं चाहिए मुझको प्रभुवर, किस्मत से कुछ भी ज्यादा। लिखा... Poetry Writing Challenge · गीतिका 2 235 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 14 May 2023 · 1 min read निर्मम क्यों ऐसे ठुकराया.... निर्मम ! क्यूँ ऐसे ठुकराया ? जरा भी मुझपे तरस न आया ? खड़ी रही मैं द्वार तुम्हारे। निर्मल-नेहिल डोर सहारे। थक गयी आस, दरस न पाया। पलक-पाँवड़े बिछाए मैंने।... Poetry Writing Challenge · गीत 1 166 Share