Sanjay ' शून्य' Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read मां लहू उसका पी रहा था भ्रूण वो। उदर रुपी व्योम में, हो रहा था पूर्ण वो।। नौ महीने तक चला, त्याग का ये सिलसिला। रखके जीवन दांव पर, प्रेम रूपी... Poetry Writing Challenge 2 100 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read भारतीयों का दर्द नहीं भीख ना दान चाहिए, कृपा नहीं सम्मान चाहिए। टुकड़ों में मत बांटो हमको, पूरा हिंदुस्तान चाहिए।। याद करो, जब आजादी कि कसमें हमने खाई थीं। दो - चार की... Poetry Writing Challenge 3 2 294 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read बातें रोज ही होती थी बातें। गम- खुशी, बचपन की बातें।। दिन की बातें, दिल की बातें। गुजरे दिन, महफिल की बातें।। इनकी बातें, उनकी बातें। जाने किन किन की ये... Poetry Writing Challenge 1 199 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read समर्पण ईश्वर में हरि का होकर हार गए, तो हरि का कैसे? मांझी होकर नाव डुबाई, हो मांझी कैसे? सेवक हो सेवाकर लेते, तो सेवक कैसे? दाता बनकर भीख मांगते, तो दानी कैसे?... Poetry Writing Challenge 1 201 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read भाव तिरंगा तन मन धन अर्पण की इच्छा, प्राण त्याग का भाव हो। केसरिया तब होगा मुखरित, जब बलिदानी भाव हो।। हो कृतज्ञता नैतिक बल हो, सत्य प्रेम का भाव हो। रंग... Poetry Writing Challenge 145 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read योगी नाथ है सनातन सत्य सत्ता के, प्रबलतम भाव है योगी। आस्था, प्रेम, करुणा के, सतत सद्भाव है योगी।। शिक्षित है वो दीक्षित है, महा रणवीर है योगी। महाराणा, शिवाजी के , सबल... Poetry Writing Challenge 1 126 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read मित्रता दिव्य अलौकिक दृश्य भाव दे, वही चित्र है। प्रेम, प्रतिष्ठा, सरल भाव दे, वही मित्र है। संबंधों के बंधन के बिन बंधा रहे। बिना शर्त जो जीवन पथ पर सदा... Poetry Writing Challenge 1 190 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read नेता पढ़ाई पसंद न थी, लफंगई पसंद थी। वह घूमता फिरता था, नंगई पसंद थी।। यूं उम्र बढ़ते बढ़ते, आवारा हो गया। जब लोकतंत्र आया, सबका प्यारा हो गया।। अब भाई... Poetry Writing Challenge 1 75 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read दौड़ "पैर" मेरा कह रहा मैं थक गया हूं। नहीं चलता लो, अब रुक गया हूं।। मस्त मन फिर फेंकता है स्वप्न डोरे। तन बदन में मारने लगती हिलोरे।। दौड़ पड़ता... Poetry Writing Challenge 1 124 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read ये कहां डरते हैं हम तो घबराते नहीं, तुम डर दिखाते क्यूं भला। तुम जलाओगे उसे, जो अग्नि पथ पर हो चला।। क्यों दिखाते स्वप्न उसको, रंजनों के व्यंजनों की। भूख पर हो विजय... Poetry Writing Challenge 1 107 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read आइना रोज़ बनाओ पोज़ बनाओ, आईने से कन्फर्म करो। हद झूठे मक्कार हो गए, थोड़ा ही पर शर्म करो।। दारू पीओ धुवां उड़ाओ, पार्टियों में इंटर्न करो। मौत एक दिन आयेगी... Poetry Writing Challenge 100 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read बैठक बैठक तो वो जो घर की बैठक में होती है। पारिवारिक परिचर्चा को सरल सजोती है।। मीटिंग में तो घोड़ों की बस रेस कराई जाती है। टारगेट के बहाने मानव... Poetry Writing Challenge 177 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read कायम है बाजार में जरूर रहते हैं साहब, मगर बाजारू नहीं है। बीमारियों का निदान ढूंढ रहे हैं, मगर बीमारू नहीं है।। है कायरों के बीच में अपना भी आशियां, मुझपर अभितक... Poetry Writing Challenge 1 211 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read बांटो मत रोटी की चिंता नहीं, मिली भूख पर जीत। हुआ लक्ष्य आसान अब, हर पग पर है मीत।। सत्य सनातन की व्यथा, किससे पूछो जाय। पंच तत्व खुद में लड़े, शंभू... Poetry Writing Challenge 188 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read कठिन है कितना नादान हूं मैं, उनको जगाने चला हूं। जो धरती में समा बैठे, उन्हे उठाने चला हूं।। जम गया लहू जिनका, रुधिर नलिका में। बड़ा बेशर्म हूं मैं उनको, जोश... Poetry Writing Challenge 211 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read बहंको मत सम्हालों बहकते कदम को, न दम तोड़ दें वो। पहुंचने के मंजिल से पहले, न कसम तोड़ दें वो। गर कदम हैं तुम्हारे, तो रखिए रफ्तार खुद की । कहीं... Poetry Writing Challenge 97 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read मोदी और भारत मोदी जी अगुआ बने, हुआ सनातन धन्य। हिंदूजन गदगद हुए, देख देश लावण्य।। धर्मस्थल जगमग हुए, बढ़े वहां संसाधन। नर नारी पुलकित हुए, तगड़ा बना प्रसाधन।। काशी में शिव खुश... Poetry Writing Challenge 89 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read अश्लील साहित्य हां मैं इक तरफ खड़ा हूं, दिल में कोई कश्मकश नहीं है। फैसला ये होशोहवास से है, ये बेगैरत या बेबस नही है।। कला के नामपर पैसों के खातिर, अश्लीलता... Poetry Writing Challenge · शेर 1 1 422 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read भाव एकाकी यदि भाव तुम्हारा, जीवन में राम नाम की नाव हो। होगा पार जीवन समुद्र भी, चाहे अशांति हो या अभाव हो।। करते रहो तय दूरी प्रतिदिन, यदि तुमको वनवास... Poetry Writing Challenge · कविता 1 226 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read स्वभाव अश्व न खाए मांस को, शेर न खाए घास। सबकी अपनी प्रकृति है, इसमें क्या उपहास।। कुछ ताड़ना से सुधरते, कुछ को चाहीए त्रास। कुछ लाठी के भूत है, कुछ... Poetry Writing Challenge · कविता 2 185 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read सावधानी हटी दुर्घटना घटी कहीं रावण, कहीं मारीच,सुपनखा न मिल जाए। कहीं बहरूपिया कोई, न तुमको ठग के ले जाए।। रखो तुम प्रश्न रूपी वाण, स्वयं चैतन्य तरकश में। लगे जब घाव तो मारीच,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 210 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम के आदी है हमसब, मां प्रेम से ही पहचानी गई। प्रेम के कारण ही सुदामा और मीरा जगजानी भई।। प्रेम के कारण ही खाए थे, राम ने शबरी के... Poetry Writing Challenge · कविता 194 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read मतदान लो चल रहा है देश में नगर निकाय के चुनाव है। न पार्टियों की कमी यहां न नेता का अभाव है।। धरती है राम कृष्ण की शिव बुद्ध का प्रभाव... Poetry Writing Challenge · कविता 1 217 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read धोखा वीर कहां कब रोता है, सर्वदा मृत्यु संग सोता है। खुद खातिर नहीं चाहिए कुछ, वह राष्ट्र समर्पित होता है।। वह कठिन रास्ते चुनता है, तुम चुन लेते हो गद्दारों... Poetry Writing Challenge · कविता 154 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा कहीं रावण, कहीं मारीच,सुपनखा न मिल जाए। कहीं बहरूपिया कोई, न तुमको ठग के ले जाए।। रखो तुम प्रश्न रूपी वाण, स्वयं चैतन्य तरकश में। लगे जब घाव तो मारीच,... Poetry Writing Challenge 1 450 Share