लक्ष्मी सिंह Poetry Writing Challenge 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 1 Jun 2023 · 1 min read सोशलमीडिया जादू सोशल मीडिया, फँसा हुआ इंसान। अगर दिया है फायदा,काफी है नुकसान।। अब तो सोशल मीडिया,लगता सबसे खास, बूढ़े बच्चे सब यहाँ,करते टाइम पास। घर बैठे ही कर रहें,इस दुनिया... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 452 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read क्रोध क्रोध पतन का रास्ता, महा तीक्ष्ण तलवार। खुद की गर्दन पर करें, खुद ही मनुज प्रहार।। तीर क्रोध का जब चले, खुद का करे विनाश। मन में आने दो नहीं,... Poetry Writing Challenge · दोहा 3 539 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read चूड़ियाँ आदि काल से चूड़ियाँ, संस्कृति का आघार। खुशहाली की चिन्ह यह, प्रमुख कर अलंकार।। खनके हाथों में सदा, चूड़ी वृत्ताकार। रिक्त कलाई हो नहीं, भरी रहे दो-चार।। पहने बेटी हाथ... Poetry Writing Challenge · दोहा 5 231 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read मरीचिका गर्म हवा की हूँ लहर, जिसमें बढ़ती प्यास। केवल दरिया रेत की, मरीचिका आभास।। बनकर मायावी छले, मरीचिका रत्नार। मन मृग-सा आतुर फिरे, पछताता हर बार।। भरा हुआ है वेदना,... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 329 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read अखबार अखबारों की सुर्खियाँ, मचा रहें हैं शोर। अपराधों से हैं भरे,भींगे नयना कोर।। कत्ल,डकैती,चोरियाँ, हिंसा, भ्रष्टाचार। दिखता अब अखबार में, लाशों का बाजार।। झूठ कपट पाखंड से,,भरा हुआ है अंक।... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 141 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read प्रिय विरह करवट-करवट रात ये, करती गई उदास। अंतस बसता विरह का,ये कठोर आभास।। जैसे मछली जल बिना, तुम बिन मैं निष्प्राण। बरसो घन बन प्रीत का, दे दो जीवन त्राण।। अद्भुत... Poetry Writing Challenge · दोहा · विरह 3 1 168 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read आ जाओ घर साजना बिन साजन सुना लगे, ये मेरा घर-द्वार। आ जाओ घर साजना, कब से पंथ निहार।। सहना है मुश्किल बहुत, तेज विरह की डंक। रही प्राण तन से निकल, प्रिय भर... Poetry Writing Challenge · दोहा · विरह 2 121 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read विरही मैं अक्सर झाँका करूँ, घने बादलों बीच। दूर धरा से क्यों खड़े, बंजर मन दो सींच।। एक आँख आँसू भरे, दूजे में है ख्वाब। सागर हूँ ठहरा हुआ, दर्द भरा... Poetry Writing Challenge · दोहा · विरह 2 324 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read परिवर्तन परिवर्तन को झेलते,जग के सारे तत्व। बढ़ते रहने के लिए,इसका बड़ा महत्व।। हर नूतन क्षण बीतता,परिवर्तन के साथ। सृष्टि का नियम है यही,कहते दीनानाथ।। चाहे रीति -रिवाज हो,खान- पान पहनाव।... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 453 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read प्रेम की राह। पागल प्रेमी प्रेम वश,चला प्रेम की राह। हृदय ईष्ट आराध्य है,और नहीं कुछ चाह।। कठिन राह है प्रेम की,बैरी जगत बबूल। कंकड़-कंटक पाँव में,चुभें हजारों शूल।। घना अँधेरा प्रेम में,भरा... Poetry Writing Challenge · दोहा · प्रेम 1 274 Share लक्ष्मी सिंह 28 May 2023 · 1 min read हुआ पिया का आगमन हुआ पिया का आगमन, छाया उर मधुमास। हुई पूर्ण मनकामना,बुझी हृदय की प्यास।। सारे मौसम से अलग,ये मौसम कुछ खास। मन मयूर नर्तन करे,खिले अधर मृदुहास।। मन मेरा तन में... Poetry Writing Challenge · दोहा · प्रेम 3 4 258 Share लक्ष्मी सिंह 27 May 2023 · 1 min read आँखें कभी-कभी ये आँख भी, करती बहुत कमाल। होता दिल में दर्द पर, बाहर करे धमाल।। करती हैं साजिश बहुत,लगता लेगी जान। बस जाता इन आँख में,जब कोई इंसान।। बैठी हूँ... Poetry Writing Challenge · दोहा 3 4 363 Share लक्ष्मी सिंह 27 May 2023 · 1 min read रंगमंच रंगमंच है जिन्दगी,हम सब इसके पात्र। डोरी प्रभु के हाथ में,हम कठपुतली मात्र।। जन्म से मृत्यु तक मनुज,रखता विविध चरित्र। मात-पिता भाई बहन,कभी बना वो मित्र।। सबके अपने भाव हैं,... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 227 Share लक्ष्मी सिंह 26 May 2023 · 1 min read भौतिकवादी भौतिकवादी का भँवर,फँसा हुआ संसार। इसके मायाजाल से,कैसे पाये पार।। भौतिकता की दौड़ में,अंधा है इंसान। चकाचौंध में झूलता,मान और सम्मान।। नीति-न्याय ईमान का,हुआ निरंतर ह्रास। शिथिल हो गई आस्था,और... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 265 Share लक्ष्मी सिंह 26 May 2023 · 1 min read भौतिकता भौतिकता का युग नया,ऐसा किया विकास। रिश्ते-नाते का रहा,ज़रा नहीं अहसास।। प्रबल स्वार्थी भावना,मरे हुए जज्बात। मानव मूल्यों का पतन,आदर्शों पर घात।। अब लोगों के बीच में,खड़ा एक दीवार। घर... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 153 Share लक्ष्मी सिंह 24 May 2023 · 1 min read एकाकीपन संबंधों की डाल पर, टाँके थे जो फूल। समय बदलते ही सभी,आज बने हैं शूल।। झूठा आडंबर रचे,सारे रिश्तेदार। छल-प्रपंच से था भरा,उनका हर व्यवहार।। छुरा भोंककर पीठ में,तोड़ दिया... Poetry Writing Challenge · दोहा 3 2 156 Share लक्ष्मी सिंह 23 May 2023 · 1 min read बरगद पीपल नीम तरु बरगद पीपल नीम को,कहते रूप त्रिदेव। ब्रह्मा,विष्णु,महेश जी,इसमें बसे स्वमेव।। ऋषि- मुनि योगी संत-जन, यहीं लगाते ध्यान। इसके नीचे बैठकर,मिला बुद्ध को ज्ञान।। मोक्षदायिनी वृक्ष है,करता मोक्ष प्रदान। करे शुध्द... Poetry Writing Challenge · दोहा · वृक्ष 3 2 334 Share लक्ष्मी सिंह 21 May 2023 · 1 min read मोबाइल मोबाइल का हर तरफ, बहुत अधिक है जोर। इंसा इसके सामने, कितना है कमजोर।। मोबाइल में गुल हुआ, रिश्ते-नाते प्यार। जीवन शैली का सभी,करते यहाँ प्रचार।। मोबाइल पर कर रहे,... Poetry Writing Challenge · दोहा · मोबाइल 1 160 Share लक्ष्मी सिंह 21 May 2023 · 1 min read ऑनलाईन शॉपिंग। अब है डिजिटल इंडिया, डिजिटल सारा संसार। डिजिटल शॉपिंग हो गया,है डिजिटल बाजार।। है शॉपिंग साइट बहुत,अमेजॉन,फ्लिपकार्ट। मीशो,शॉपिंग इंडिया, मिन्त्रा,जीयो मार्ट।। पका हुआ खाना नहीं, हुए भूख से तंग। जो... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 256 Share लक्ष्मी सिंह 19 May 2023 · 1 min read वट सावित्री ज्येष्ठ अमावस काल में,वट सावित्री पर्व। करती भारत की नारियाँ,जिसपर हमको गर्व।। व्यापक बहुवर्षीय वट,वृक्ष बहुत है खास। ब्रह्मा विष्णु महेश का, होता जहाँ निवास।। हाथ जोड़ विनती करूँ, हे!वट... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 4 187 Share लक्ष्मी सिंह 18 May 2023 · 1 min read मेरी नन्ही परी। नन्हीं -सी छोटी परी,जब से आई गोद। देख-देख हर्षित हृदय, छाया मंगल मोद।। दमक रही सौन्दर्य से,कुसुमित कोमल अंग। दुनिया की सारी खुशी,लाई अपने संग।। मंगल मंजुल मृदुल छवि,जैसे पाटल... Poetry Writing Challenge · दोहा · बेटी/बेटियां 1 336 Share लक्ष्मी सिंह 18 May 2023 · 1 min read नवयौवना दर्पण में मुख देखती,छुप-छुप बारंबार। खुश होती नवयौवना, एकटक छवि निहार।। कभी लटों से खेलती,करती कभी दुलार। मंद-मंद मुस्का रही,अपना रूप सँवार।। लाली,बिन्दी,पाउडर,चुनरी गोटेदार। नैनों में काजल भरे, पहने मुक्ता... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 356 Share लक्ष्मी सिंह 18 May 2023 · 1 min read दर्पण मन दर्पण में झाँकिये,सुनिये अंतरनाद। तेरे अंदर है मनुज,भरा हुआ अवसाद।। नज़र चुराता सत्य से,दिखे न खुद में दोष। भला जताता क्यों मनुज,मुझ दर्पण पर रोष।। दर्पण दिखलाता वही, जो... Poetry Writing Challenge · दोहा 183 Share लक्ष्मी सिंह 15 May 2023 · 1 min read गोलगप्पा/पानीपूरी पानी-पूरी पापड़ी,गुपचुप गोल-मटोल। बच्चे से बूढ़े सभी, खातें हैं मुँह खोल।। पानी -पूरी देखकर,आता मुँह में लार। मन ललचाता है बहुत,हुआ जीभ लाचार।। गुपचुप तो हर आयु में,होता बहुत पसंद।... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 188 Share लक्ष्मी सिंह 14 May 2023 · 1 min read माँ लब्जों से कैसे करूँ,माता का गुणगान। लगता माँ के सामने, फीका-सा भगवान।। लाड़-प्यार से जो सदा,देती सच्चा ज्ञान। सुत हित में सुख-दुख सहा,दिया अभय का दान।। भूखी-प्यासी रात- दिन,सेवा में... Poetry Writing Challenge · दोहा · माँ 1 397 Share लक्ष्मी सिंह 14 May 2023 · 1 min read बचपन छवि सुन्दर मनभाविनी, कपटहीन माधुर्य। बचपन में होता नहीं, चित चिंता चातुर्य।। मन-कोमल मासूम- सा,अनुपम मृदुल-स्वभाव। खेल-खिलौने से रहा,शिशु को सदा लगाव।। मस्त- पवन- सी चाल है,अठखेली के संग। उत्सुकता... Poetry Writing Challenge · दोहा · बचपन 278 Share लक्ष्मी सिंह 14 May 2023 · 1 min read बचपन की अठखेलियाँ नटखट नादानी भरा,बच्चों का संसार। नित नूतन अठखेलियाँ,खुशियों की बौछार।। मीठी-सी अठखेलियाँ, अल्हड़पन बेवाक। सुख के सागर से भरा, बचपन कितना पाक।। बचपन की अठखेलियाँ,कलरव-क्रंदन-खेल । मीठी- वाणी तोतली,स्वार्थ हीन... Poetry Writing Challenge · दोहा · बचपन 380 Share