Rakesh Pathak “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rakesh Pathak 21 May 2021 · 1 min read होने लगी बरसात होने लगी बरसात प्राणियों के पुलकित है गात मन चाहे प्रियतम से कर ले बात काली काली घटा घेरे दिन लगे रात दादुर पपीहा मयूर की औकात क्रषक करे वसुधा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 314 Share Rakesh Pathak 20 May 2021 · 1 min read बरसात के दोहे मेघ सुधा जल बरसते, 1धरती शीतल होय मेढक गाते गीत औ, व्याकुलता दे खोय 2 जल स्रोतों को कर रहे, बादल जल का दान सुखी हुए सब मीन सा, क्रषक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 1 3 435 Share Rakesh Pathak 20 May 2021 · 1 min read बरसात गर्मी ऋतु के बाद मे, आती है बरसात धरती उगती घास औ, तरु में आते पात तरु में आते पात, दामिनी चहुँ दिश चमके गिरती जल की बूँद, गगन में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 1 1 361 Share