Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2023 · 1 min read

Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at th

Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at the end – Robin Sharma

Change is not a smooth or linear process, but rather one that is marked by challenges and uncertainty. At the beginning, change can be difficult and uncomfortable as we navigate uncharted territory and leave our comfort zones. In the middle, we might face obstacles, make mistakes, and experience chaos as we adapt and learn. However, as we persist and push through the difficulties, we eventually reach a point where the beauty and rewards of change become evident.

The end result reveals the growth, resilience, and strength that arise from embracing change and fully embracing its potential.

325 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
साकार आकार
साकार आकार
Dr. Rajeev Jain
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
घर में रचे जाने वाले
घर में रचे जाने वाले "चक्रव्यूह" महाभारत के चक्रव्यूह से अधि
*प्रणय*
नमन है_मेरा वीर_नारी आप_को..🙏💐
नमन है_मेरा वीर_नारी आप_को..🙏💐
Shubham Pandey (S P)
अरे इंसान हैं हम, भगवान नहीं!
अरे इंसान हैं हम, भगवान नहीं!
Ajit Kumar "Karn"
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
Rituraj shivem verma
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
संघर्ष हमेशा खाली पन में ही अक्सर होता है
पूर्वार्थ
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
पंकज परिंदा
4967.*पूर्णिका*
4967.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" स्त्री 2 से लौटेगी बॉक्स ऑफिस की रौनक़ " - रिपोर्ट
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बर्फ
बर्फ
Santosh kumar Miri
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
कहने को तो बहुत लोग होते है
कहने को तो बहुत लोग होते है
रुचि शर्मा
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
VEDANTA PATEL
नदी की करुण पुकार
नदी की करुण पुकार
Anil Kumar Mishra
आह
आह
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हे अयोध्या नाथ
हे अयोध्या नाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
काम ये करिए नित्य,
काम ये करिए नित्य,
Shweta Soni
धधक रही हृदय में ज्वाला --
धधक रही हृदय में ज्वाला --
Seema Garg
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
वैनिटी बैग
वैनिटी बैग
Awadhesh Singh
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
Ravi Prakash
यदि कार्य में निरंतरता बनीं रहती है
यदि कार्य में निरंतरता बनीं रहती है
Sonam Puneet Dubey
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
DrLakshman Jha Parimal
जड़ें
जड़ें
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...