Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2022 · 1 min read

Baqi hai

पुराने शहर में मेरा मकान बाकी़ है।
सब ज़मी दोज़ है लेकिन निशान बाकी़ है।
?
अभी भी बाकी है कि़स्सा जु़बान पर कोई।
ज़हन में लोगों के नामों निशान बाकी़ है।
?
शहर में आके भुला दी है गांव की यादें।
हमारे गांवों में सब खानदान बाकी़ है।
?
ज़मीर बिक नहीं सकता हमारा दौलत से।
ग़रीब हूं मगर मुझ में ईमान बाकी़ है।
?
गर चे शाहीन परिंदा हूं ऐ ज़मी लेकिन।
मेरी उड़ान को कुल आसमान बाकी़ है।
?
अगर चे सीता भी इल्ज़ाम से न बच पाई।
अब मुझे लगता मेरा इम्तिहान बाकी़ है ।
?
तुम्हारे होठों को मेरी ग़ज़ल मुबारक हो।
हमारे इश्क़ में कुछ जा़फरान बाकी है।
?
तुम्हे ही तंग करूंगा,न तंग कर दामन।
हमारी रूह में अब तक थकान बाकी़ है।
?
सगी़र मुझ पे बरसता है आज तक पत्थर।
रकी़बों के लिए मेरा मकान बाकी़ है।
??????
डॉक्टर सगी़र अहमद सिद्दीकी़ खैरा बाजार बहराइच

190 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए
स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए
Sonam Puneet Dubey
हनुमान जी के गदा
हनुमान जी के गदा
Santosh kumar Miri
*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
माना कि हम बेवफा हैं, 2 पर ए मेरे यार तुम तो बेवफा ना थे।
माना कि हम बेवफा हैं, 2 पर ए मेरे यार तुम तो बेवफा ना थे।
Annu Gurjar
मुद्दा
मुद्दा
Paras Mishra
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
यादों के शहर में
यादों के शहर में
Madhu Shah
विषय :- मीत
विषय :- मीत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
टेढ़ी-मेढ़ी बातें
टेढ़ी-मेढ़ी बातें
Surya Barman
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
*** होली को होली रहने दो ***
*** होली को होली रहने दो ***
Chunnu Lal Gupta
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
इतनी बिखर जाती है,
इतनी बिखर जाती है,
शेखर सिंह
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
Ranjeet kumar patre
4037.💐 *पूर्णिका* 💐
4037.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
गर सीरत की चाह हो तो लाना घर रिश्ता।
Taj Mohammad
"ख्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
we were that excited growing up. we were once excited.
we were that excited growing up. we were once excited.
पूर्वार्थ
शिक्षक है  जो  ज्ञान -दीप  से  तम  को  दूर  करे
शिक्षक है जो ज्ञान -दीप से तम को दूर करे
Anil Mishra Prahari
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
Rekha Drolia
श्रमिक दिवस
श्रमिक दिवस
Bodhisatva kastooriya
वतन से हम सभी इस वास्ते जीना व मरना है।
वतन से हम सभी इस वास्ते जीना व मरना है।
सत्य कुमार प्रेमी
तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...