राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
*रामदेव जी धन्य तुम (नौ दोहे)*
हर घर में जब जले दियाली ।
लड़के रोते नही तो क्या उन को दर्द नही होता
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
कविता कीर्तन के है समान -
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख