Artist shaz khan and shoail moten ( Mohabbat Ke Sajde)
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
वो धूप में ताप्ती ज़मीनों पे सजदे
सफर में वो घोड़ों की जीनों पे सजदे
चट्टानों की ऊंची जबीनों पे सजदे
वो सेहरा बयाबन के देखने पे सजदे
हलालत पे सजदे मुसीबत में सजदे
वो फकोन में हजत में घुरबत में सजदे
वो जंग जदल में हरासत में सजदे
लगा तीर ज़खमों की हलत में सजदे
वो घरो की वोशत में पूर्णूर सजदे
वो खंजर के सई में मसरूर सजदे
वो रतन को खालवत से मामूर सजदे
वो लंबी रकातों से मशहूर सजदे
वो सजदे मुहाफ़िज़ मददगर सजदे
गमनों के मोकाबिल ‘अतरदार सजदे’
नजात और बख्शीश के सालार सजदे
तलवार सजदे को बनाएंगे झुका सर
वो सजों के शौकिन गाजी कहां हैं
ज़मीन पूछती है नमाज़ कहाँ है
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
हमारे बुझे दिल से बेज़ार सजदे
ख्यालों में उल्झे हुए चार सजदे
मुसल्ले हैं रेशम के बीमर सजदे
चमकी दिवारों में लाचार सजदे
रियाकर सजदे नादर सजदे
बेनूर बेज़ौक़ मर्डर सजदे
सरों के सीताम से हैं संगसार सजदे
दिलों की नहूसत से मस्ती सजदे
है माफ़ूर सजदे हैं मगरूर सजदे
है कमज़ोर बन जान म’अज़ूर सजदे
गुनाहों की चक्की में है चूर सजदे
घसीटे गुलामों से मजबूर सजदे
के सजों में सर है भटकते हैं सजदे
सरसर सरों पर लटकते हैं सजदे
निगाहें खुजू में खतरनाक हैं सजदे
दुआओं से दमन झटके हैं सजदे
वो सजों के शौकिन गाजी कहां हैं
ज़मीन पुछती है नमाज़ कहाँ है
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
चलो आओ करते हैं तौबा के सजदे
बहुत तीशनगी से तवाज्जो के सजदे
मसीहा के आगे मदवा के सजदे
निदामत से सरकार शिक्षा से सजदे
रज़ा वाले सजदे वफ़ा वाले सजदे
अमल की तराफ रहनुमा वाले सजदे
सरपा अदब इल्तिजा वाले सजदे
बहुत ‘अजीजी से हया वाले सजदे’
निगहों के दरबन रुद्र सजदे
वो चेहरे की जोहरा चमकदार सजदे
सरसर बादल दे जो किरदार सजदे
के बन जाने जीने के अतवर सजदे
खुज़ू की क़ुबा में याक़िन वाले सजदे
लहद के माकन हमनशीन वाले सजदे
माननीय शफी या महशर जबीन वाले सजदे
माननीय शफी या महशर जबीन वाले सजदे
वो सजों के शौकिन गाजी कहां हैं
ज़मीन पूछती है नमाज़ कहाँ है
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह
अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह अल्लाह