951 उलझे शब्द
कभी-कभी शब्दों में यूँ उलझ जाता हूँ।
कि शब्द कहाँ से कहाँ जा पड़ते हैं।
कुछ समझ ही नहीं पाता हूँ।
कभी-कभी शब्द यूँ भागते हैं
कितना भी सँभालूँ उनको,
संभाल नहीं पाता हूँ।
कैसे सुलझाऊँ इन शब्दों को ,
कि कुछ तो अर्थ निकले।
और कह पाऊँ जो मैं चाहता हूँ।