903 मज़दूर की आवाज
मेहनत से मैं घबराता नहीं।
मेहनत से कभी दूर जाता नहीं।
बस जो हक है मेरा,
मैं उसे कभी पाता नहीं।
जरा गौर करो अपने आसपास,
उपयोग जब करते हो चीजों का।
किस की मेहनत का यह परिणाम है।
क्या मेरा ख्याल आता नहीं।
अपनी मांगों पर तत्पर रहते हो।
मैं मेहनत में लगा रहता हूँ,
मांगे करने का समय पाता नहीं।
जो मैं लग जाऊँ तुम्हारी तरह,
सब छोड़ हक मांगने को।
क्या होगा फिर तुम्हारा,
क्या यह ख्याल आता नहीं।
जिसका जो हक होगा,
अगर वो उसको पा जाएगा।
हर एक को अपना हिस्सा मिलेगा,
इससे, किसी का कुछ जाता नहीं।
मेहनत का फल सबको भाए।
फिर क्यों सब मुझे देने से कतराएं।
सबको अपनी मेहनत का फल मिले,
क्यों यह नारा कोई लगाता नहीं।
अपनी मेहनत का फल सबको भाए।
मेहनत करना दुनिया को सीखलाएं।
अपने देश को आगे बढ़ाएं।
मेहनत का किया कभी व्यर्थ जाता नहीं।