(9) पैसे का तमाशा
इस दुनिया में आकर जीना,
चाहते हो यदि।
तो पैदा होते ही पैसा लाना अधिक।
दुनिया में होता है तिलक उसके माथे पर,
जिसने जीता हो दुनिया को पैसे से।
पैसा है तो जी सकता है हर आदमी,
बिन पैसे तो आज न मिले दफनाने को भी जमी।
चमक है आज पैसे की इतनी,
इसके बिन मर जाता है हर ज़ख्मी।
नहीं जी सकता आज कोई मेहनत से कमाकर,
क्योंकि उसे मार दिया जाता है बेईमान बनाकर।
बन जाता है वो मालिक हमारा,
जिसने पैसे से हो हमें मारा।
आज दुनिया में बोलता है पैसा,
इसके लिए तो आज इन्सान ने भगवान को बेचा।