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12 Sep 2017 · 1 min read

२२–२२–२२–२२
आ कर देखो

मन की आग बुझाकर देखो
दिल अपना दरिया कर देखो

दोष हमीं को देते आये
खुद से आंख मिलाकर देखो

सागर से भी गहरी चाहत
गहराई में जाकर देखो

हम तो यूं भी खुश होयेंगे
सपनो में बहकाकर देखो

तेरे होंगे चंदा तारे
बाहें तो फैलाकर देखो

गुरुभक्ति नहीं वहशीपन है
खुद से आंख मिलाकर देखो

मजबूरी से पहले जीवन
इसको गले लगाकर देखो

1 Like · 312 Views
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