838 मुझे है परवाह इस देश की
मुझे है परवाह इस देश की।
जान न्योछावर कर सकता हूँ।
क्यों नहीं हमारी नेता हैं ऐसे,
जो कहे मैं देश के लिए मर सकता हूं।
मेरा देश करे तरक्की,
यही मेरा अरमान है।
जजो देश का नेता बन बैठे हैं।
क्या उनको यह ज्ञान है।
बातें नहीं मैं करता हूँ।
काम करना मेरा धर्म है।
नेताओं ने निज स्वार्थ देखा।
नहीं जानते, क्या करना उनका कर्म है।
लोगों ने दी बागडोर,
देश की जिनके हाथों में।
कभी भी देश भक्ति का जज्बा,
ना देखा उनकी बातों में।
कब तक ये देश चल पाएगा।
जब तक देश भक्ति ना होगी।
नेताओं को भी जागृत करनी होगी।
तभी देश की तरक्की होगी।
हम भी जाने अपना कर्तव्य।
चुनें जो नेता देश भक्त हो।
मर मिटे जो देश के लिए,
निज कुल पर ही ना आस्कत हो।
कहाँ हमारा वोट लगेगा।
इसका सबको ज्ञान हो।
चुने हम ऐसे नेता।
जिस पर हमें अभिमान हो।
देश बड़े फिर और आगे।
इस देश का ऊँचा नाम हो।
नेताओं को भी क्या करना है।
ना फिर वह इससे अनजान हो।
7.30pm 24 Feb 2019