836 देश अपना गद्दारों से साफ हो
क्या कहें वक्त और हालात को।
दुश्मन नहीं समझता प्यार के अल्फाज़ को।
उठाना ही होगा हथियार अब।
छोड़ना होगा प्यार के जज़्बात को।
आओ खदेड़ें धोखेबाज़ों को हम।
देश अपना गद्दारों से साफ हो।
जो करे अपमान इस देश का।
वह जन कभी ना माफ़ हो।
बहुत हो चुका प्यार अब।
तलवार से ही बात हो।
उठाना ही होगा हथियार अब।
छोड़ कर प्यार अब (वार) यलगार हो।
आओ हम भी सोचें अब।
कैसे करेंगे सब काम को।
जिससे हो शांति हर जगह।
और, हर जन का कल्याण हो।
4.45pm 20Feb 2019