781 देखो कैसी यह परी है
आसमान से उतरी है।
देखो कैसी यह परी है।।
सुंदरता की मूरत है।
जैसे देवी खड़ी है।।
कैसे रोशन हुआ हर कोना।
रोशन हुई यह घड़ी है।।
आसमान से उतरी है।
देखो कैसी यह परी है।।
मन सबका खिल उठा।
लगी यह फुलझड़ी है।।
सुंदरता की मूरत है।
जैसे देवी खड़ी है।।
आओ इस को प्यार करें।
इसका हम शृंगार करें।।
जब से यह उतरी है।
लगी खुशियों की झड़ी है।।
781 3.31pm 28 Dec 2018 Friday