7- विश्व एक कुटुम्ब
विश्व एक कुटुम्ब
विश्व एक कुटुम्ब, यह भारत की मान्यता।
युद्ध न विकल्प, यह हर कोई जानता।।
अपना घर और अपने देश में, सब रहे सुरक्षित।
शान्ति का जीवन जीयें, सबसे बड़ा देश हित ।।
सीमा का उल्लंघन, न कोई विकल्प है।
मृत्यु शैय्या सम्मुख रहे, जीवन बड़ा अल्प है ।।
न ही कुछ लाये, न ही ले करके जाना है।
भूमि और सम्पदा सब, छोड़ चले जाना है।।
जिम्पिंग की सोच और बुद्धि खराब है।
चीनियों की मृत्यु दर, होती बेहिसाब है।।
घुन्ने हैं लोग और घुन्ना उनका नेता।
कोई भी देश उसे सम्मान नहीं देता।।
अच्छे हों विचार यदि अच्छी-अच्छी खोज हों ।
उन्नति का मार्ग हो और न ही बड़ी फौज हों।।
विश्व एक कुटुम्ब, मेरे भारत का नारा है।
शान्ति व स्मृद्धि का, यही एक सहारा है।।
“दयानंद”